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चक्रवातों के नाम आखिर कैसे पड़ते हैं ? इन दिनों मिचौंग तूफान ने मचा रखा है तूफान ।

दबंग न्यूज लाईव
बुधवार 06.12.2023

बिलासपुर – मिचौंग , बिपरजॉय , मैंडोस ,सितारंग ,असानी , जवाद , गुलाब, तौकते ,यास, निसर्ग, अम्फान , हिक्का ये किसी देश के नाम नहीं तूफानों के नाम हैं जिन्होंने समय समय पर लोगों की जिंदगी में तूफान लाएं हैं और भारी जन धन की हानी हुई है ।


प्रदेश में इन दिनों ठंड और बारिश का मिला जुला असर दिखाई दे रहा है पिछले दो दिनों से मौसम सुहाना हो गया है और ये सब हो रहा है मिचौंग की वजह से । मिचौंग मंगलवार को भारत के दक्षिण पूर्वी तट से टकराया था और उसके बाद तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश के कारण चेन्नई में भारी तबाही का मंजर देखने को मिला है ।

बहुत से लोग ये सोच कर हैरान होते हैं कि आखिर इन तूफानों के नाम कैसे पड़ जाते हैं और केैसे पता चलता है कि ये फला तूफान है । तूफानों के भी नामकरण का एक सिस्टम बना हुआ है और उसी के हिसाब से इनके नाम रखे जाते हैं ।


तूफानों के नामकरण के बाद इन्हें याद रखना ज्यादा आसान है, इसलिये चक्रवातों को नाम दिया जाता है जिससे आपातकालीन समय के संदेशों के साथ ही मीडिया को भी उनकी रिपोर्टिंग में आसानी होती है इस दौरान ये भी ध्यान रखा जाता है कि एक ही नाम दूसरी बार रिपिट ना हो ।

विश्व में 6 क्षेत्र विशेष मौसम केंद्र (आरएसएमसी) और 5 उष्णकटिबंधीय चक्रवात चेतावनी केंद्र (टीसीडब्ल्यूसी) हैं जिन्हें परामर्श जारी करने और चक्रवातों को नाम देने का दायित्व सौंपा गया है. भारतीय मौसम विभाग इन 6 आरएसएमसी में एक है जो विश्व मौसम संगठन /एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिये संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग समिति के 13 सदस्य देशों को चक्रवात और तूफान के संबंध में परामर्श उपलब्ध कराता है. इस समिति में बंगलादेश, भारत, ईरान, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, कतर, सउदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और यमन हैं.


चक्रवात यानी साइक्लोन शब्द ग्रीक भाषा के शब्द साइक्लोस से बना है जिसका अर्थ होता है सांप की कुंडली. साइक्लोन शब्द हेनरी पेडिंगटन ने दिया । विश्व मौसम संगठन (डब्ल्यूएमओ) के अनुसार उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को क्षेत्र विशेष के नियमों के अनुसार नाम दिया जाता है. अटलांटिक और दक्षिणी गोलार्द्ध (हिंद महासागर और दक्षिणी प्रशांत) में चक्रवातों को वर्णमाला क्रम में नाम दिया जाता है तथा महिला और पुरुषों के नाम बारी बारी से रखे जाते हैं.

हांलाकि वर्ष 2000 में उत्तरी हिंद महासागर के देशों ने उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को नाम देने के लिये एक नयी प्रणाली शुरू की जिसमें नाम किसी लिंग भेद के बिना देशों के अनुसार वर्णमाला क्रम में सूचीबद्ध किये जाते हैं. सामान्य नियम के अनुसार नामों की सूची क्षेत्र विशेष के राष्ट्रीय मौसम और जलविज्ञान सेवा तथा विश्व मौसम संगठन द्वारा प्रस्तावित होती है.

इस सूची को संबंधित क्षेत्रीय उष्णकटिबंधीय चक्रवात केंद्रों द्वारा अनुमोदित किया जाना होता है. चूंकि भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) एक विशेषज्ञता प्राप्त क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र है, इसलिये बंगाल की खाड़ी और अरब सागर सहित उत्तरी हिंद महासागर से उठने वाले चक्रवातों को विभाग उनकी संबद्ध तीव्रता तक पहुंचने पर नाम देता है. अप्रैल 2020 में आईएमडी ने भविष्य में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में उठ सकने वाले चक्रवाती तूफानों के लिये 169 नामों की सूची जारी की.

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