Uncategorizedकरगी रोडकोरबाछत्तीसगढ़ राज्यपेंड्रा रोडबिलासपुरभारतमरवाहीरायपुर
Trending

कोटा विधानसभा में कांग्रेस भाजपा की नजर मतदाताओं से ज्यादा भीतरघातियों पर होगी ।

कांग्रेस भाजपा में अंदर ही अंदर सुलग रहा है बगावती बारूद ।

दबंग न्यूज लाईव
रविवार 22.10.2023

बिलासपुर/ कोटा – छत्तीसगढ़ में कोटा विधानसभा का क्रमांक भले 25 हो लेकिन यहां की राजनीति 36 के आंकड़े से बिल्कुल फिट बैठती है और इस बार तो कुछ ज्यादा ही । जैसे ही विधानसभा के चुनाव की सुगबुगाहट चालू हुई थी वैसे ही दोनों ही पार्टीयों से टिकट के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त हवा में तैरने लगी थी । दोनों ही पार्टी के स्थानीय नेता टिकट की आस में लगे थे और स्थानीय उम्मीदवारी की बात को हवा दे रहे थे लेकिन दोनों ही पार्टी ने स्थानीय के मुद्दे को छोड़ते हुए अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए ।


प्रत्याशी घोषित होने के बाद दोनों ही पार्टीयों के उम्मीदवारों ने अपने प्रचार का श्रीगणेश भी कर दिया । भाजपा का चुनाव प्रचार कांग्रेस से एक हफते पहले ही शुरू हो गया था लेकिन उनके प्रचार में वे नेता कम दिख रहे हैं जिन्होंने अपने नामों से विधानसभा की दिवालों को पोत दिया था । इसी प्रकार कांग्रेस में भी दावेदारों की लिस्ट काफी लंबी थी और कुछ माह पूर्व हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुंचे थे वहां भी पार्टी की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई थी ।


ये अलग बात है कि दोनों ही पार्टी इस बात को नकारते हुए और इसे पार्टी का लोकतंत्र बताते हुए महत्व देते ना दिखें लेकिन दोनों ही पार्टी के प्रत्याशी इस तरफ से अनभिज्ञ नहीं हो सकते और उन्हें भी मालूम है कि भीतरघात तो होगा ही अब बेहतर ये होगा कि कौन सी पार्टी भीतरघात को कितना कम से कम कर सकती है क्योंकि जो पार्टी भीतरघात की समस्या को जितने बेहतर ढंग से कंट्रोल करेगी उसके परिणाम उतने अच्छे साबित होंगे ।


ये भी हो सकता है कि जो अभी सामने कमान थामते नहीं दिख रहे है आने वाले समय में पार्टी के कड़े रूख के बाद जनता के सामने दिखे लेकिन सवाल ये होगा कि क्या वे अपनी पूरी क्षमता से काम कर पाएंगे । इन सबके अलावा जनता कांग्रेस भी मैदान भी है और उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है । जनता कांग्रेस के पास पिछले कई बार की विधायक डा रेणु जोगी का चेहरा है । जनता कांग्रेस के पास भीतर घात वाली समस्या नहीं होगी क्योंकि यहां जोगी परिवार के अलावा और कोई उम्मीदवारी ठोंकने वाला नही था ।


इन सबके अलावा इस विधानसभा में कई और पार्टी भी नजर आएंगी लेकिन इन सबके बीच लोगों में स्वयं ही स्थानीय प्रत्याशी का मुद्दा सुलगते जा रहा है । और हो सकता है आने वाले समय में नगर संघर्ष समिति की बागडोर थामने वाले जावेद खान भी चुनावी रण में अपनी दावेदारी ठोंक दें क्योंकि उनके पास कई लोगों के मैसेज आ रहे हैं ।

जावेद खान का कहना था कि इस चुनाव में अभी तक स्थानीय समस्याओं को लेकर कोई बात नहीं कर रहा है जबकि चुनाव विधानसभा चुनाव में में स्थानीय मुद्दे ही प्रमुख होने चाहिए । यहां सड़क ,पानी बिजली के साथ ही रेल यातायात की समस्या काफी गंभीर है और क्षेत्र के लोग रेलवे के स्टापेज के लिए पिछले एक साल से आंदोलनरत है जिसे सुचारू रूप से नियमित करने के लिए ना तो कांग्रेस ने पहल की और न ही भाजपा ने । रेल की असुविधा ने इस क्षेत्र में रोजगार और व्यापार के अवसर को खतम कर दिया है इसलिए इस मुद्दे को लेकर मैं खुद जनता के बीच जाउंगा ।

Related Articles

Back to top button