बाबू तो बाबू अब ई ई ने भी रिटायरमेंट के बाद ले लिया संविदा का फायदा और फिर जम गए कुर्सी पर ।
दबंग न्यूज लाईव
शुक्रवार 25.06.2021
संजीव शुक्ला
बिलासपुर – सिंचाई विभाग के अधिकारी कर्मचारियों में काम का ऐसा जुनून है कि रिटायरमेंट के बाद भी हार मानने वाले नहीं हैं , काम का ऐसा जूनून की रिटायरमेंट के बाद भी संविदा पर भर्ती होकर काम करने को उत्सुक हो जाते हैं । ये अलग बात है कि जब तक परमानेंट नौकरी में रहे काम धेले भर का भी नहीं कर पाए और जब भी काम के बारे में पूछा जाता तो एक ही बात कहते हैं कि काम करना मुश्किल है बस चार छह माह बचे हैं रिटायरमेंट हो जाए तो बला कटे । लेकिन जैसे ही रिटायरमेंट होता है कुर्सी और मलाई का ऐसा लालच की सेटिंग करके संविदा के आधार पर फिर चिपक जा रहे हैं ।
कोटा विकासखंड के सिंचाई विभाग में ये खेल बरसों से चल रहा है । यहां के एक बाबू रिटायरमेंट के बाद भी पिछले छह साल से आफिस का काम संभाल रहे हैं और करोड़ों के प्रोजेक्ट के चेक तैयार कर रहे हैं । अब इसी लाईन में चंद माह पहले रिटायर हुए ईई भी चल पड़े हैं रिटायरमेंट के बाद इन्होंने भी जुगाड़ लगाकर एक साल का संविदा ले लिया है ।
सिंचाई विभाग में पिछले छह सात साल से एक बाबू निर्मलकर रिटायरमेंट के बाद भी बाबू की कुर्सी पर जमे हुए हैं । और करोड़ो के कामों के चेक काट रहे हैं और भरपूर सेटिंग में लगे हुए है अंदरूनी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ये पिछले कई साल से अपनी दुकान के ही लाखों के फोटो कापी और टायपिंग के बिल लगा रहे हैं जबकि आफिस में फोटोकापी मशीन और कम्पयूटर पड़े हुए हैं ।
अब इन बाबू साहब को कौन , कैसे और किस नियम के तहत साल पर साल संविदा में नियुक्ति प्रदान कर रहा पता नहीं । ऐसा ही नया मामला यहां कई साल ईई रहे अशोक तिवारी का भी है । ई ई के पद से रिटायरमेंट होने के बाद अब उन्होंने भी जुगाड़ कर एक साल की संविदा नियुक्ति ले ली है । अब परमानेंट नौकरी से रिटायरमेंट के बाद संविदा में नियुक्ति कैसे होती है पता नहीं । ये वही ईई साहब हैं जिनके रहते हुए अरपा बैराज का काम चल रहा था और इस परियोजना की नहरों में एक बूंद पानी नहीं पहुंचा था । लगता है रिटायरमेंट के बाद भी बाबू के जलवे देख कर साहब को भी ये आईडिया आया होगा ।
लेकिन इन दो मामलों से ये तो पता चल गया कि सिंचाई विभाग में मलाई इतनी है कि रिटायरमेंट के बाद भी अधिकारी कर्मचारी कुर्सी नहीं छोड़ना चाहते । टेम्परेरी में काम धाम संभाल रहे ये बाबू और अधिकारी विभाग के महत्वपूर्ण कार्यो को कैसे निपटाते हैं देखना होगा क्योंकि ज्यादा जवाबदारी तो अब इन पर है नहीं । ऐसे में करोड़ों अरबो के कामों का जिम्मा विभाग कैसे इन पर छोड़ दे रहा पता नहीं । क्या विभाग के पास कोई परमानेंट नौकरी वाला कोई अधिकारी या कर्मचारी नहीं जिसे इन पदों पर बिठाया जा सकता ?