
साइंस के बच्चों ने आज तक नहीं देखा लैब ।
शुक्रवार 05.08.2022
Vikash Tiwari
बिलासपुर – 4 कक्षाएं , 3 संकाय , 12 क्लास ,330 बच्चे और इन सबके लिए हैं सिर्फ तीन कमरें अब सोचिए कि आखिर इस स्कूल में बच्चे कैसे बेैठते होंगे ? पढ़ते होंगे ? समझते होंगे ? और शिक्षक कैसे और कैसी शिक्षा इन्हें प्रदान करते होंगे ? इस स्कूूल में आर्ट्स की क्लास है , कामर्स है और विज्ञान भी है लेकिन मजे की बात की साइंस के बच्चों ने आज तक लैब ही नहीं देखा है ।
ये स्कूल है बिलासपुर जिले के कोटा विकासखंड में आने वाले बानाबेल में । यहां 2016 में हायर सेकेण्डरी स्कूल तो चालू कर दिया गया लेकिन छह साल बाद भी यहां इसके लिए भवन नहीं बना । ऐसे में नवमीं से लेकर बारहवीं तक की क्लास मीडिल और अतिरिक्त भवन मिलाकर तीन कक्षाओं में संचालित होती है ।
ऐसा नहीं हेै कि यहां के प्राचार्य ने इसके बारे में किसी से आवेदन निवेदन ना किया हो लेकिन ये स्कूल है इतने जल्दी कैसे इस पर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का ध्यान जाएगा । कई आवेदनों के बाद भी स्थिति वैसी ही है और समय के साथ और विकट होते जा रही है ।
हायर सेकेण्डरी का भवन तो दूर जिस कक्षा में बच्चे पढ़ते हैं वो भी जर्जर हो चुका है इसके रिपेरिंग के लिए भी पीडब्लूडी में कई बार आवेदन दिया गया है लेकिन विभाग ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया । यदि रोड का पेंच रिपेरिंग होता तो विभाग के इंजिनियर एसडीओ दौड़े चले आते और इस्टीमेट बनाकर काम चालू कर देते लेकिन ये स्कूल है ।
संस्था के प्राचार्य का कहना था – 2016 में यहां हायर सेकेण्डरी स्कूल यहां खोला गया लेकिन भवन नहीं बना । हम तीन कक्षाओं में सारी क्लास संचालित कर रहे हैं बच्चों के साथ स्टाफ के भी बैठने की व्यवस्था नहीं है । कई बार हमने इसके लिए लिखा और रमसा तक गए लेकिन कुछ नहीं हुआ बच्चे आज भी जर्जर हो चुके भवन में पढ़ने को मजबूर हैं ।