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विडंबना – ये धान खरीदी केन्द्र है कि ईडन गार्डन , धान की ऐसी हालत देख शायद बेचने वाला भी रो दे ।

लेकिन ना मंडी प्रबंधकों को फर्क पड़ता है और ना ही सरकार को ।

दबंग न्यूज लाईव
गुरूवार 03.02.2022

करगीरोड/कोटा – सरकार बहुत जोर शोर से मंडी में किसानों से धान खरीदती है , एमएसपी देने के लिए लंबी चौड़ी राजनीति होती है , बोनस देती है ,मंडी में शेड बनाने से लेकर प्रबंधक और हमालों को पैसे देती है और मंडी में धान सुरक्षित रहे इसलिए तमाम उपाय करने के बाद इस मंहगे धान से चांवल बना कर व्होट के चक्कर में एक रूपए में लोगों को देती भी है ।


इस सबके बीच किस किस का क्या क्या हिस्सा रहता है ये सब अंदर की बात होती है । और हिस्से के लिए तमाम अधिकारी सोसायटी में जांच और सुविधाओं का जायजा लेने के लिए सोसायटी पहुंचते रहते हैं । लेकिन सोसायटी में क्या देखते हैं ये चपोरा सोसायटी को देखने के बाद समझ से परे है ।


चपोरा सोसायटी में धान की स्थिति देखने के बाद शायद धान बेचकर पैसे प्राप्त कर लेने वाला किसान भी रो दे । चपोरा में प्रबंधक ने धान के ऐसे प्रबंध किए हैं कि अगली बार किसान को धान खेत से नहीं यहीं से काट मिंज कर बेचना पड़ जाए । चपोरा सोसायटी में रखे हुए धान के कई सौ बोरों में अंकुर उग आए हैं और एक एक हाथ को होने आ रहे हैं । सोसायटी में धान को सुरक्षित क्यों नही रखा गया ये बताने वाला प्रबंधक भी सोसायटी में नहीं था । फड़ प्रभारी और अन्य लोगों के भरोसे धान तौलाई होती गई और लॉट बनते गया ।


चपोरा सोसायटी में धान के लॉट को देखकर आपको किसी क्रिकेट या फुटबाल के हरे भरे मैदान की याद आ जाएगी । यहां कई सौ क्विंटल धान बोरों में ही बेतरतीब से रखे हुए हैं जहां पानी और धूप से बचाने के लिए कोई भी इंतजाम सोसायटी ने नहीं किए है नतीजा इन धान से अब अंकुर निकल चुके हैं ।

सरकार को धान खरीदने से पहले हर मंडी में धान को सुरक्षित रखने के उपाय किए जाने चाहिए । सिर्फ स्थानीय नेताओं के बोलने पर जगह जगह धान खरीदी केन्द्र खोल देना उस समय तक उचित नहीं है जब तक वहां धान की सुरक्षा के इंतजाम ना हो जाए । या फिर जहां उचित व्यवस्था नहीं है वहां से तत्काल धान का उठाव शुरू कर गोडाउन में रखवाना चाहिए ।


हाथी के दांत बने सीसीटीव्ही कैमरे – सोसायटी में लगे सीसीटीव्ही कैमरे हाथी के दांत साबित हो रहे हैं । यहां धान की चोरी रोकने के लिए कैमरे लगाए गए हैं लेकिन सभी कैमरे बंद की हालत में है । एक एक पोल में तीन तीन कंडम कैमरे लटके हुए है और लोगों का मुंह चिढ़ा रहे हैं ।


चपोरा मंडी के प्रबंधक  से जब इस बारे में बात की तो कई चोैंकाने वाली बात उन्होंने बताई और उनके बताने से तो ये लगा कि ये कोई समस्या ही नहीं है और ये सब होते रहता है उनका तो ये भी कहना था कि कुछ नहीं होता हम लोग समझ लेंगे ।


मंडी प्रबंधक का कहना था – ज्यादा नही तीस चालिस बोरी धान खराब हुआ है पलटी करने के बाद ठीक हो जाएगा । हम लोग खरीदी कर लेते हैं अब उसका समय पर उठाव नहीं होगा तो खराब तो होगा ही । तिरपाल ढक दिए थे इसलिए तो अंकूर निकल गया ।

ये पहला मौका नहीं है जब किसी सोसायटी में इस तरह से धान खराब हो रहा है । हर साल प्रदेश में करोड़ों के धान बर्बाद होते हैं । लेकिन अभी तक जिम्मेदार लोगों ने इस दिशा में कोई ठोस उपाय नहीं किए हैं ।

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