नगर पंचायत में तीन करोड़ के काम में घालमेल ।
ठेकेदारों ने चहेतों को काम बांटने का लगाया आरोप ।
कमीशन के खेल में लाखों के राजस्व की क्षति
राजेश श्रीवास्तव
लोकेश सिंह ठाकुर
दबंग न्यूज लाईव
10 सितम्बर 2023
पंडरिया – पंडरिया का नगर पंचायत वैसे तो हमेशा अपनी निष्क्रियता के चलते सुर्खियों में बना रहता है लेकिन साथ साथ अनेक प्रकार के नियम विरुद्ध कार्यों से अपनी भद्द पिटवाने से भी बाज नही आता है ..! नागरिकों को बड़ी आस होती है कि नगर नियोजन और विकास के कुछ काम हों पर यहां के अधिकारियों और नगर के चुने हुए कुछ जनप्रतिनिधियों के बीच मे साठगांठ से खेल हो जाता है ! नगर में अनेकों समस्याएं मुंह बाए खड़ी है लेकिन अधिकारी और जनप्रतिनिधियों को सिर्फ अपना स्वार्थ ही दिखता है !
ताजा मामला नगर पंचायत में आये तीन करोड़ के विकास कार्याे के बजट को लेकर सामने आया है ..! कुछ ठेकेदारों तथा जनप्रतिनिधियों ने दबंग न्यूज लाइव को दूरभाष से चर्चा में बताया है कि नगर में विभिन्न विकास कार्यों और महापुरुषों की मूर्ति स्थापना हेतु आई राशि का बंदरबांट किया गया है !
नगर पंचायत द्वारा दो माह पूर्व निविदा निकाली गई थी जिसमे कुछ ठेकेदारों ने अपना टेंडर जमा किया था तथा उन्हें नगर पंचायत के द्वारा उन कार्याे के लिए पात्र घोषित किया गया था । दिनांक 22 अगस्त को नगर पंचायत ने एक निविदा जारी की जिसमे अपने चहेते ठेकेदारों को काम बांट दिया गया ! अन्य वंचित ठेकेदारों ने जब निविदा के सम्बंध में जानकारी मांगी तब आनन-फानन में 28 अगस्त को निविदा ऑनलाइन की गई तब तक खेल हो चुका था !
मिली जानकारी के अनुसार इस निविदा के पूर्व जो पात्र ठेकेदार थे वह बिना किसी नियम कानून के बदले अब अपात्र घोषित कर दिए गए हैं ! अपात्र घोषित किये गए ठेकेदार तथा कुछ जनप्रतिनिधियों ने बताया कि इस निविदा में नगर पंचायत के द्वारा 2 करोड़ की लागत से मूर्ति स्थापना के लिए पात्र आठ दस ठेकेदारों से 60-60 हजार रुपये का कमीशन अधिकारियों के द्वारा लिया गया है , वहीं अपने चहेते ठेकेदारों को चुनकर 8 से 10 लाख रुपयों के कई काम बांटे गए है ।
निविदा के इस खेल में सारे नियमों को ताक में रखकर सिर्फ अपना जेब भरने का काम किया गया है ..! कायदा यह होता कि निविदा जारी होने पर ठेकेदार टेंडर भरते तथा लगभग 25-30 हजार की राशि जमा करते जिससे नगर पंचायत को लाखों का राजस्व प्राप्त होता ..परन्तु गुपचुप तरीके से नगर के विकास हेतु आई राशि के बंदरबांट से नगर पंचायत पंडरिया के अधिकारी और कुछ जनप्रतिनिधियों की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगता है ! अनेक लोगों का आरोप है कि निविदा के इस खेल में सिर्फ अधिकारियों के चहेते तथा एक क्षेत्र विशेष के ठेकेदार लाभान्वित हुए हैं !
ऐसे ही ठेकेदारों के द्वारा गुणवत्ता हीन कार्य करके जनता के हितों के लिए आई राशि का दुरूपयोग होता है अधिकारियों का जेब अगर गर्म होता है तो उनके लिए फिर नियम और कानून सिर्फ एक दिखावा है..जनता , जनप्रतिनिधियों और किन्ही पत्रकार को इन बातों से कोई सरोकार नही कि नगर के विकास के लिए क्या कुछ बेहतर हो सकता है !
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