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सिंचाई विभाग डायवर्सनों में पानी बहा नही पा रहा लेकिन पैसा जरूर बहा रहा

विभाग में गेट मरम्मत के नामपर चल रहा लंबा खेल

आमामुडा़ व्यपवर्तन योजना में एक गेट बदलेंगे 3.77 करोड़ में ।

सूरज गुप्ता

बिलासपुर . सिंचाई विभाग में करोडों रूपये खर्च करके बडे बडे डायवर्सए एनीकट तो बना दिये गये लेकिन उनका कितना लाभ किसानों को मिलता ये जानने का विषय है ।

विभाग में जिन उद्देश्यों को लेकर योजना बनी उसमें जलसंसाधन का विद्युत यांत्रिकी लाईट मशीनरी नलकूप एवं गेट विभाग पलीता लगाने का काम किया है । मामला कोटा डिवीजन के आमामुडा व्यपर्तन योजना का है जहां लगभग पचास करोड़ की लागत से किसानों की सुविधा के इस योजना का निर्माण लगभग दस साल पहले किया गया जिससे आसपास के गांव मझवानी , बानाबेल, कंचनपुर , पंडरापथरा , रतखंडी ,बरर के किसानों को करोडों की राशि से बनी इस योजना का लाभ मिले और जिसमें नबार्ड से ही तीस करोड उधार लिया गया था । जानकारी के अनुसार जब से आमामुडा व्यपवर्तन बना है तब से आज तक नही भरा है ये दुर्भाग्य का विषय जैसे ऊंट के मुह में जीरा I

अधिकारीयों की लापरवाही का नतीजा है जो आज इस योजना में लगभग चार करोड रूपय फिर से खर्च करके एक गेट को बदलने कार्यपालन अभियंता जलसंसाधन संभाग कोटा द्वारा आमामुडा व्यपवर्तन योजना के शीर्ष कार्य 1नग वर्टिकल गेट का निर्माण टिल्टिंग गेटों एवं पियरों का स्ट्रेथनिंग तथा डाउन स्ट्रीम प्रोटेक्शन का कार्य अनुमानित लाण् 377.9लाख का टेंडर लगाया गया है ।

जो स्पष्ट करता है कि सिंचाई विभाग के व्यपवर्तन योजना में पानी बहे या ना बहे लेकन विभाग पैसा पानी की तरह जरूर बहा रहा है आखिर विद्युत यांत्रिकी लाईट मशीनरी नलकूप एवं गेट संभाग इतनी बडी लापरवाही क्यो बरता ये भी जांच का विषय है इससे तत्कालीन अधिकारीय की कारगुजारी पर भी कई सवाल उठने लाजमी है I

इस योजना में वर्टिकल गेट लगने थे जिसकी जगह विद्युत यांत्रिकी विभाग नें टिल्टिंग एआटोमेटिक गेट लगवा दिये जो फेल हो गया और गेट फेल होने से पचासों करोड की योजना अधर में लटक गई योजना का लाभ किसानों नही मिल पा रहा है । आमामुडा़ व्यपवर्तन में दस गेट बने है जिसमें एक की लंबाई चौडाई 10 मीटर बाई 6 मीटर की है जिसमें फाल्टेड एक टिल्टिंग गेट को बदलकर 3.77 करोड़ का वर्टिकल गेट लगाया जाएगा ।

विद्युत यांत्रिकी लाईट मशीनरी नलकूप एवं गेट विभाग की वजह से पूरे जिले में सिंचाई योजना दम तोड़ रही इनके गलत रवैय्ये के चलते गेट मरम्मत के नाम पर हर साल करोडों खर्च हो रहे है जो काम एक बार में हो जाना चाहिए वो बंदरबांट के चलते हमेशा हो रहे है । डायवर्सनए एनिकट को भरी गर्मी में खाली कर दिया जा रहा है और गेट मरम्मत किया जा रहा जबकि विभाग मीनू क्रेनए स्टाप लाक करके भी कम कर सकता है ।

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