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किसान को सिर्फ मौसम ही नहीं मारता सरकारी व्यवस्था और अधिकारियों की उदासिनता भी मार देती है ।

सड़क चौड़ीकरण के लिए किसानों की जमीन तो ले लिए लेकिन दस साल से मुआवजे को भटकते किसान ।

पेण्ड्रा मरवाही के 42 किसान प्रभावित ।

दबंग न्यूज लाईव
रविवार 10.09.2023

पेण्ड्रा – किसानों पे सिर्फ मौसम की ही मार नहीं होती सरकारी व्यवस्था और उदासिनता भी किसानों को बुरी तरह से तोड़ देती है और हद तो तब हो जाती है जब सरकारी योजना के तहत किसान अपनी जमीन गंवा बैठता है और फिर सालों मुआवजे की लिए भटकते रहता है । ऐसा ही मामला नए बने जिले जीपीएम भी है । जहां के लगभग 42 किसान पिछले दस सालों से अपने मुआवजे के लिए सरकारी दफतरों के चक्कर लगा रहे हैं । इन दस सालों में प्रदेश में सरकार बदल गई , पेण्ड्रा जिला बन गया और इस जिले और विकासखंड में कई अधिकारी आए और चले गए लेकिन किसी ने भी इन किसानों की तरफ ध्यान नहीं दिया ।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार भले ही किसानों की हितैषी सरकार होने का दावा करती हो लेकिन उनके शासनकाल में भी अन्नदाता किसान अपनी ही जमीन के मुआवजा राशि लेने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हो रहे हैं ।

प्रभावित किसानों ने अधिकारियों के साथ ही मरवाही के कांग्रेस विधायक को भी कई बार अपनी समस्या बताई है लेकिन किसी ने इनकी समस्या को दूर करने के लिए कोई पहल नहीं की । चुनाव नजदीक आते ही किसानों का यह मामला फिर से तूल पकड़ने लगा है और किसान आंदोलन के लिए तैयार हो रहे हैं सहीं भी है चुनाव के समय शायद इनकी समस्या दूर हो जाए और कोई जिम्मेदार अधिकारी , विधायक या सांसद इनकी समस्या को दूर करने के लिए सामने आ जाए ।

दस साल पुराना ये मामला है धनपुर, लरकेनी, गाँव के किसानों का । जहाँ शासन ने पेंड्रा से सिवनी मुख्य सड़क मार्ग चौड़िकरण में किसानों की जमीन का अधिग्रहण तो कर लिया लेकिन मुआवजे की राशि दस साल बाद भी किसानों को नहीं मिली । किसानों ने अपने मुआवजे के लिए बार बार अधिकारियों के चक्कर लगाए लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ ।


दस साल से मुआवजे के इंतजार में बैठे किसानों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है सरकारी व्यवस्था से नाराज किसानों ने लरकेनी मुख्य सड़क मार्ग तिहारा में एकत्रित होकर धरना प्रदर्शन किया,और जय जवान जय किसान का नारा लगाकर अपनी आवाज बुलंद की। मुख्य सड़क मार्ग में चक्का जाम करने का प्रयास किया हालांकि चक्का जाम की स्थिति निर्मित होने के पहले ही मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों नें किसानों ने बातचीत जल्द ही मुआवजा राशि देने की आश्वासन पर धरना प्रदर्शन स्थगित किया गया।

वहीं किसानों का कहना है कि कई वर्ष बीत जाने के बाद भी शासन प्रशासन अब मुआवजा राशि देने के मूड में नहीं दिख रही है, और बार-बार किसानों को सरकारी कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, अब तो समय भी ज्यादा हो गया है और सरकार जो मुआवजा राशि देगी तो हम पहले हिसाब से मुआवजा नहीं लेंगे हमको अब तत्काल में जो मुआवजा राशि का प्रावधान चल रहा है उसे हिसाब से मिलना चाहिए। इस बात को लेकर किसान और राजस्व विभाग के अधिकारियों के बीच बातचीत भी हुआ है और इस तरह का आश्वासन भी कई बार मिल चुका है लेकिन अब देखने वाली बात यह होगा कि कब तक इन किसानों को इनकी जमीन का मुआवजा मिल पाता है।

 

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