स्थानीय मुद्दो को लेकर आंदोलनकर्ता जावेद चुनावी मैदान में ।
रेल आंदोलन में बढ़चढ़ कर किया नेतृत्व ।
दबंग न्यूज लाईव
बुधवार 25.10.2023
बिलासपुर/कोटा – कोटा विधानसभा में इस बार बड़ी प्रमुख पार्टीयों के अलावा कई क्षेत्रीय पार्टीयां भी चुनावी मैदान में है और सभी पार्टी अपनी तरफ से मतदाताओं को लुभाने के प्रयास कर रही है । लेकिन अभी तक किसी भी प्रत्याशी ने स्थानीय मुद्दों पर बात नहीं की है ऐसे में कोटा के ही स्थानीय निवासी पेशे से पत्रकार और आंदालनकर्ता मो जावेद खान भी स्थानीय मुद्दो को लेकर चुनावी रण में उतर गए हैं ।
जावेद खान की पहचान पिछले पंचवर्षिय चुनाव में एक पार्टी के धुआंधार प्रचार को लेकर बनी थी उसके बाद कोटा में रेल रोको आंदोलन के समय ये उभर कर सामने आए । लोग इनकी नेत्त्व क्षमता और जुझारू पन से वाकिफ है ऐसे में उनके द्वारा स्थानीय मुद्दों को लेकर मतदाताओं का ध्यान आकर्षित किया जा रहा है ।
जावेद खान ने चुनाव में अपने मुद्दे स्पष्ट करते हुए करगीरोड ,खोंगसरा ,बेलगहना ,सल्का ,टेंगनमाड़ा तथा खोडरी में रेलों से स्टापेज , बिजली ,पानी ,सड़क ,शिक्षा के साथ ही रेल आंदोलन के समय आठ युवाओं पर हुई एफआईआर को खतम करने जैसे बुनियादी मुद्दे को अपना हथियार बनाया है और ये सहीं भी है कि कोटा के स्थानीय लोग इन सभी समस्याओं से विगत कई सालों से परेशान हैं ।
चुनाव के नजदीक आते आते ये स्थानीय मुद्दे राजनीतिक प्रचार की धुरी साबित होंगे और सभी पार्टीयों को इन मुद्दों पर जनता को अपनी मंशा बतानी होगी ताकि कोटा विधानसभा के मतदाता अपनी सोच स्थापित कर सकें कि उन्हें किसे वोट करना है ।
यूं तो कोटा विधानसभा में मुख्य रूप से कांग्रेस ,भाजपा और जनता कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला होगा लेकिन कुछ छोटी पार्टीयां इनके गणित को बिगाड़ने और सुलझाने का काम कर सकती है । क्योंकि पिछले चुनाव में नोटा सहित आठ उम्मीदवारों ने लगभग तेईस हजार से ज्यादा वोटों को प्रभावित किया था और भाजपा तथा जनता कांग्रेस के बीच हार जीत को अंतर सिर्फ तीन हजार छब्बीस वोटों का ही था ।