छत्तीसगढ़ राज्य

छत्तीसगढ़ के शासकीय आई टी आई में 15 वर्षो से कार्यरत 300 संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों की नौकरी खतरे में ।

भूपेश सरकार कर रही वादा खिलाफी

जनशक्ति नियोजन विभाग (वर्तमान कौशल विसा तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग) में वर्ष 2007, 2009 एवं 2010 में प्रदेश के समस्त शासकीय आई०टी०आई० प्रशिक्षण अधिकारियों के रिक्त पदो के विरूद्ध संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों की भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया था, जिसमें शासन द्वारा निर्धारित समस्त मापदंडों को पूरा करने वाले योग्य एवं अनुभवी लगभग 550 संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों की नियुक्ति की गयी थी। से समस्त संविदा प्रशिक्षण अधिकारी पूर्ण जवाबदारी के साथ अपने अपने कार्यों संपादन कर रहे थे एवं समय-समय पर अपना भविष्य सुरक्षित करने हेतु अपने नियमितिकरण की मांग शासन-प्रशासन से करते आ रहे थे। वर्ष 2010 मे 723 नियमित प्रशिक्षण अधिकारीयों की भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया जिसमें पहले से कार्य कर रहें संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों हेतु कोई स्थान सुरक्षित नहीं रखा गया था। इससे इन संविदा प्रशिक्षण अधिकारियो के समक्ष इनकी नौकरी जाने की समस्या उत्पन्न हो गयी। इसके विरोध में आंदोलन करने पर निधी छिब्बर तत्कालिन सचिव कौशल विकास तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग द्वारा 15 दिवस भीतर इन संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों का नियमितीकरण प्रस्ताव भेजने एवं इन्हें नौकरी से नही हटाये जाने हेतु लिखित आश्वासन दिया गया था।

किन्तु विभाग द्वारा 2013 में 723 नियमित प्रशिक्षण अधिकारियों की धोखे से भर्ती की गयी जिससे लगभग 200 संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों को अपने नौकरी से हाथ धोना पड़ा था।

विवादास्पद गौरतलब है कि जिन 723 प्रशिक्षण अधिकारियों की ञटिपूर्ण एवं विपद भर्ती विभाग द्वारा की गयी थी वह मामला आज भी माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में विचाराधीन है।

वर्तमान में लगभग 300 संविदा प्रशिक्षण अधिकारी विगत 15 वर्षो से अपने

नियमितीकरण की आस लगाये अपनी सेवाएं दे रहे है।

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव हेतु कांग्रेस के चुनावी जनघोषणा पत्र के बिंदु क्र० 11 में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा किया गया है। वर्तमान स्वास्थ मंत्री एवं जनघोषणा समिति के अध्यक्ष माननीय श्री टी.एस. सिंह देव जी ने वादा किया था कि यदि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आती है तो 10 दिवस के भीतर सभी संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जायेगा। 14 फरवरी 2019 की संविदा कर्मचारियों द्वारा कांग्रेस भवन परिसर में आयोजित महापंचायत मैं मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी ने स्वयं आकर यह घोषणा किया था कि इस साल किसानों का काम हुआ है और अगले साल संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण होगा। लेकिन सरकार के साढ़े चार साल बीत जाने के बाद भी इन कर्मचारियों के न तो वेतन में किसी प्रकार की वृद्धि हुई और न ही इनके नियमितकरण हेतु कोई कार्यवाही हुई है।

वर्तमान में विभाग द्वारा पुनः 920 नियमित प्रशिक्षण अधिकारियों की भर्ती हेतु विज्ञापन प्रकाशित हुआ है एवं इस बार भी इन संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों के लिये कोई प्रावधान नही किया गया है। जिससे लगभग 300 संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों के सामने नौकरी छूटने का खतरा मंडराने लगा है। सारे संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों की आयु 45-55 वर्ष के बीच है। यदि इस उम्र में नौकरी छूटती है तो इन सुप्रशिक्षित एवं वृहद अनुभवी संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों की प्रतिष्ठा तो जायेगी ही साथ ही जीवित रहना कठिन हो जायेगा।

भूपेश सरकार अपने वादे के विपरीत कार्य कर इन संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों के जीवन को अत्यंत कष्ट प्रद बनाने हेतु उतारू है। जिससे संविदा प्रशिक्षण अधिकारी अत्यधिक दुखी, चिंतित एवं नाराज है।

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