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कोविड का संक्रमण और स्वास्थ्य कर्मचारी अपने केन्द्र में ताला लगा के गायब ।

जो डयूटी कर रहे वो कर रहे ,जो गायब वो मजे में ।

दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 04.05.2021

बेलगहना – कोटा विकासखंड की एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता पिछले कई दिनों से अपने सब सेंटर में ताला लगा कर गायब है जिसके कारण यहां ना तो टीकाकरण हो पा रहा है और ना ही इंस्टीटुयुशनल डिलेवरी हो पा रही है । क्षेत्र में इस बात को लेकर काफी आक्रोश है कि लोग उप स्वास्थ्य केन्द्र जाते हैं लेकिन वहां ताला लगा रहता है । प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां पदस्थ स्वास्थ्य कार्यकर्ता बिलासपुर से आना जाना करती है और पिछले एक दो माह से वो यहां आ ही नही रही है ।


एक ओर इस कोविड महामारी के दौर में कोरोना फ्रंटलाइन वारियर्स के रूप में स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका के कारण उन्हें हम इस धरती पर ईश्वर का दर्जा दे रहे हैं, सम्मान दे रहे हैं वही दूसरी ओर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलगहना की एक स्वास्थ्य कर्मचारी प्रेमलता श्रीवास्तव महीनों से कोरोना महामारी के डर से ड्यूटी से नदारद हैं। वह केवल टीकाकरण के दिन कभी कभार दर्शन दे देती हैं शेष दिनों यह ड्यूटी से और अपने मुख्यालय से नदारद ही रहती हैं । उल्लेखनीय है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलगहना का कार्य पहले ही कर्मचारियों की कमी से बुरी तरह प्रभावित है यहां के कई स्वास्थ्य कर्मियों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा, रतनपुर में अटैच कर दिया जाता है ।

जिसके कारण यहां हमेशा स्वास्थ्य कर्मियों की कमी बनी रहती है। जिसकी वजह से टीकाकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं।इन परिस्थितियों में भी उक्त कर्मचारी का अपने मुख्यालय से नदारद रहना अत्यंत निंदनीय है । साथ ही लंबे समय से की जा रही इस अनियमितता से स्पष्ट है कि उच्च अधिकारियों द्वारा इन्हें कहीं ना कहीं सहयोग किया जा रहा है तभी न तो इनके विरुद्ध कभी कोई कार्यवाही की गई और न ही वेतन पर रोक लगाया गया और न ही कभी कोई जांच की गई । अधिकारियों के इस रवैये से क्षेत्र की जनता काफी नाराज है और दोषी स्वास्थ्य कर्मी के विरुद्ध कार्यवाही चाहते हैं।


दूसरी ओर ग्राम पंचायत बेलगहना में किए जा रहे कोविड टीकाकरण में भारी अनियमितता की खबरें आ रही हैं । यहां तक कि जिन लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है उन्हें प्रमाण पत्र तक नहीं दिया जा रहा। जिसमें टीकाकरण के दूसरी खुराक की तारीख का उल्लेख होता है जिससे वैक्सीनेटेड व्यक्ति नियत तिथि में आकर टीके की दूसरी डोज लेता है। ऐसे में सिर्फ मोबाइल पर भेजे गए मैसेज पर निर्भर होना ऐसे कम पढ़े लिखे क्षेत्रों में आने वाले समय में बड़ी मुसीबत सिद्ध होगी क्योंकि इनमें बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्होंने अपने पास पड़ोस या परिचित लोगों का मोबाइल नंबर दे रखा है और वह पढ़े लिखे भी नहीं है । साथ ही टीकाकरण अपने निर्धारित समय से प्रारंभ भी नहीं हो पा रहा है । भविष्य में यह सारी लापरवाहीयां इस क्षेत्र को भारी पड़ने वाली है।


इस संबंध में जब हमने बेलगहना स्वास्थ्य केन्द्र के डाक्टर राधेश्याम तिवारी से जानकारी चाही तो उनका कहना था – अभी तो बेलगहना अस्पताल में हम चार लोग ही डयूटी कर रहे हैं । पूरा दिन सिर्फ कोविड की रिपोर्टींग टेस्टींग और वैक्सीनेशन में लग जाता है । शिकायत जरूर मिली है कि सब सेन्टर बंद है मैने अपने उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया है । उक्त कर्मचारी के किसी प्रकार से छुटटी पर होने के जानकारी मुझे नहीं है ।

क्षेत्र के जनपद सदस्य प्रभात पाण्डेय का कहना था – मैने स्वयं ही कोविड मरीजों के घर जाकर देखा है कहीं भी कोई पाम्पलेट नहीं चिपका है । उक्त कार्यकर्ता को अपने हेड क्वाटर में रहना चाहिए वे बिलासपुर से आना जाना करती है ऐसा नहीं चल पाएगा । विभाग ऐसे कर्मचारियों को निर्देशित करे कि अपने हेड क्वाटर में रहे ।

 

व्यापारिक प्रकोष्ठ के जिला उपाध्यक्ष अमित गुप्ता का कहना है कि – लोग कोविड संक्रमण के समय सेवा कर रहे हैं लेकिन ये स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सेंटर को बंद करके अपने घर में बैठी हैं । इनके ना होने से क्षेत्र में स्वास्थ्यगत दिक्कतें बहुत सामने आ रही है । उच्च अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए । कई बार मैने इस बात की शिकायत की है लेकिन कार्यवाही कुछ नहीं हो पा रही है ।

 

 

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