महाराष्ट्र बना बाघो का कब्रगाह , पिछले दस माह में लगभग 40 बाघों की मौत ।
वन विभाग और सरकार सकते में , शिकारियों पर नहीं लग पा रही लगाम ।
दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 31.10.2023
मो सुलेमान बेग
चंद्रपुर महाराष्ट्र – देश में बाघों की संख्या लगातार कम होते जा रही है देश के टाईगर रिजर्व में वन्य प्रेमी एक बाघ देखने के लिए लाखों खर्च करते हैं और कई दिनों का इंतजार करते हैं लेकिन बाघ दिखाई नहीं देता आखिर दिखे भी कैसे इसी इंसान ने बाघों के वंश को खतम करने का भी काम किया है ।
महाराष्ट्र का चंद्रपुर जिला भी अपने ताडोबा टाईगर रिजर्व के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है लेकिन एक सर्वे के मुताबिक महाराष्ट्र में पिछले दस माह में लगभग चालिस बाघों की मौत हुई है जिसमें शिकार के अधिक मामले हैं । हाल ही में एक के बाद एक बाघों की मौत की घटनाओं से वन विभाग और सरकार में हडकंप मच गया है । दो दिन पहले ही गढ़चिरौली में बिजली के तारों ( इलेक्ट्राक्यूशन ) से एक बाघ का शिकार करने की घटना सामने आई थी ।
इस घटना के बाद राज्य के वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने एफडीसीएम भवन नागपुर में एक उच्च स्तरीय अधिकारियों की तत्काल बैठक बुलाई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य बिजली के झटके से मारे गए बाघों की संख्या को कम करना और शिकारियों पर नियंत्रण करना था।
टाइगर सर्वे के नतीजों के मुताबिक दुनिया की 75 प्रतिशत बाघ आबादी भारत में है और महाराष्ट्र में बाघों की सर्वाधिक संख्या का रिकॉर्ड 446 है। इसमे से भी लगभग 206 से 248 बाघ सिर्फ अकेले चंद्रपुर जिले में हैं। वहीं दूसरी ओर बाघो के शिकार की घटना राज्य में पिछले 10 महीना में 40 के पार होते नजर आ रही है। जिससे वन्यजीव प्रेमी और वनविभाग के लिए चिंता का विषय बना गया है।
इंसान बाघ के नाखून , मूंछ और दांतों के लिए इस खुबसूरत वन्य जीव की हत्या करते आ रहा है । इंसान को समझना चाहिए कि उसकी तरक्की मेहनत करने में है ऐसे जानवर के दांत नाखून और मूंछ पहनने से नहीं । इंसान को इस वहम से दूर होना होगा और धरती के इस खुबसुरत जीव के शिकार से बचना होगा ।