अब इसके बाद भी अधिकारी जांच ना करें तो फिर शिकायत करना ही व्यर्थ है ।
दबंग न्यूज लाईव
सोमवार 11.10.2021
मरवाही – प्रदेश में यदि शिकायतों का इतिहास निकाला जाए तो शायद ये शिकायत सबसे लंबी और सबसे बड़ी शिकायतों में से एक होगी जो किसी राशन दुकान संचालक के बारे में की गई हो । इतनी गंभीर और बड़ी शिकायत के बाद भी अधिकारी जांच ना करें तो फिर किसी की भी शिकायत करना व्यर्थ ही होगा ।
मामला है मरवाही जनपद Marwahi के अंतर्गत आने वाले परासी ग्राम पंचायत का मामला है पंचायत में वितरण किए जाने वाले राशन का । शिकायतकर्ता है ग्राम पंचायत और राशन संचालिका है गांव की ही अनुसुईया केंवट जिनके नाम पर महिला स्व सहायता समूह है ।
परासी की सरपंच कुसुमलता भरिया ने अधिकारियों से लगभग 16 पन्नों में 44 गंभीर बिन्दुओं पर राशन दुकान संचालिका अनुसुईया केंवट और उसके परिवार पर राशन की अफरा तफरी करने , पंचायत को किसी प्रकार की जानकारी नहीं देने और गांव वालों से अभद्र व्यवहार का आरोप लगाते हुए शिकायत की है ।
शिकायत पत्र में कहा गया है कि अनुसुईया स्व सहायता समूह 2015 से पंचायत में राशन वितरण का कार्य कर रही है । इसके साथ ही एक और पंचायत में भी राशन वितरण का काम करती है । साथ ही पंचायत में रेडी टु ईट और आंगनबाड़ी के लिए खादयान वितरण करती है ।
सरपंच कुसुमलता भरिया ने अनुसुईया महिला स्व सहायता समूह के द्वारा राशन वितरण में भी गड़बड़ी का आरोप लगाया है । पंचायत का कहना है कि गांव में ऐसे कई लोगों के राशन कार्ड हैं जिनकी मौत हो गई है या जो यहां रहते ही नहीं उनके नाम का भी राशन हर माह अनुसुईया स्व सहायता समूह के नाम से जारी होता है । सरपंच का ये भी कहना है कि अनुसुईया केंवट को कांग्रेसी नेताओं का संरक्षण प्राप्त है जिसके कारण वो ये सब काम कर रही है यदि गांव का कोई व्यक्ति अपने हित की बात कर दे तो उसके बेटे उससे मारपीट भी करते हैं तथा राशन वितरण के समय सामने ही खड़े रहते हैं ।
पंचायत ने इस पूरे मामले की कई बार अधिकारियों से शिकायत की लेकिन अधिकारियों ने इस तरफ ध्यान ही नही दिया । पंचायत ने 14.09.2021 और 15.09.2021 को नागरिक आपूर्ति निगम रायपुर के सचिव को भी इस पुरे मामले की शिकायत की है । साथ ही कलेक्टर , जिला खादय अधिकारी के समक्ष भी शिकायत की लेकिन किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई ।
आज प्राप्त जानकारी के अनुसार परासी जांच के लिए जो अधिकारी आए वो भी खादय निरीक्षक पहुंचे हैं जबकि ऐसे मामले की जांच किसी अन्य अधिकारी से करवानी थी । खादय निरिक्षक का तो काम ही है कि वो हर माह ना सहीं दो चार माह में राशन दुकानों की जांच करे कि सब ठीक है या नहीं ।
अनुसुईया केंवट ने हमारे संवाददाता को बताया कि – “कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है और जितनी शिकायत हुई है वो सिर्फ आपसी बैर के कारण है ।”
जांच अधिकारी राठौर का कहना था – “मामले की शिकायत के बाद जांच चल रही सारे दस्तावेजों की जप्ती कर ली गई है और बारिकी से जांच होगी उसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा ।”
सवाल ये उठता है कि क्या इन सब बातों की जानकारी खादय निरिक्षक को नहीं थी जो मामला यहां तक पहुंच गया ? क्या खादय निरिक्षक कभी भी राशन कार्ड की जांच नहीं करते ? बहरहाल देखना होगा अब इस जांच के बाद कुछ सामने भी आता है या सब ठीक ठाक रहता है ।