सरपंच संघ भी अब आ गया समर्थन में ।
दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 13.10.2020
मरवाही – मरवाही उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी का विरोध कर रहे सरपंच संघ के कुछ नेता और अजा प्रकोष्ठ के नेता विशाल सिंह उरेती ने अब पलटी मार ली है । दोपहर तक जो स्थानीय प्रत्याशी को लेकर मैदान में ताल ठोंक रहे थे और निर्दलीय प्रत्याशी उतारने के सपने देख रहे थे शाम होते होते उन सभी दावों और वादों की हवा निकल गई । ये पहले से ही अंदेशा था कि चुनाव के पहले तक सब एक हो जाएंगा और विरोध करने वालों को मना लिया जाएगा इंतजार बस इस बात का था कि ये होता कब हैं लेकिन शाम होते होते खबर आ ही गई कि डाॅ.के.के.ध्रुव के प्रत्याशी होने का विरोध कर रहे सभी नेता कार्यकर्ताओं ने उनके पक्ष में समर्थन दे दिया है ।
विरोध करने वालों ने कल जिले के दौरे में रहे मंत्री जयसिंह अग्रवाल को आवेदन दिया गया था जिसमें प्रत्याशी का नाम बदलकर स्थानीय प्रत्याशी को टिकट देने की मांग की गई थी जिसका जवाब मंत्री के तरफ से नहीं दिया गया था और 12 घंटे के बाद आज प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल कल तक विरोध कर रहे नेताओं के कोटमी बैठक में पहुंचे वहां से उन नेताओं को अपनी स्वयं की गाड़ी में बिठाकर खुद ड्राइव करते हुए जिला कांग्रेस कार्यालय गौरेला पेंड्रा मरवाही लेकर आए साथ ही जो सरपंच नेता कार्यकर्ता नाराज चल रहे थे उनको मनाने में मंत्री जयसिंह अग्रवाल सफल हो गए ।
डाॅ.के.के.ध्रुव को टिकट देने से नेताओं में जो नाराजगी और विरोध चल रहा था वह खत्म हुआ नेता कार्यकर्ता और सरपंच संघ अध्यक्ष ने कहा कि संगठन और हाईकमान का फैसला सर्वमान्य है हम उसे स्वीकार करते हैं और पार्टी के साथ रहकर कार्य करेंगे वही डाॅ. ध्रुव आज बरौर के प्रसिद्ध नटेश्वरी देवी मंदिर में पूजा अर्चना करने के पश्चात चुनाव अभियान की शुरुआत किये इसके बाद ब्लॉक कांग्रेस कार्यालय मरवाही में कांग्रेस नेताओं कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में रहेंगे फिर जिला कांग्रेस कार्यालय गौरेला पेंड्रा मरवाही के बैठक में शामिल होंगे जहां पार्टी के सभी सरपंच, संघ अध्यक्ष,नेता कार्यकर्ता शामिल रहेंगे
अजा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष ने बड़ा मासूमियत वाला बयान दिया है कि उन्हें पहले अधिकृत रूप से सूचना नहीं मिली थी अब मिल गई है इसलिए पार्टी संगठन का फैसला सर्वमान्य है हम उसे स्वीकार करते हैं ।
सहीं भी है यदि मरवाही सीट जीतना है तो सभी को एकजुट रहना ही होगा । मरवाही में जनता कांग्रेस को कम आंकना कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए भारी पड़ सकता है ।