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Marwahi – मरवाही में सचिव ने पंचायत तो छोड़ा लेकिन सरपंच का डीएससी रख लिया अपने पास ।

सरपंच ने की लिखित में शिकायत और कहा मेरा डीएससी मुझे वापस करवाएं ।

दबंग न्यूज लाईव
बुधवार 20.10.2021

K.K.Pandey

मरवाहीमरवाही जनपद पंचायत में डीएससी घोटाला का जिन्न जल्द ही बंद होने वाला नहीं है । गुलाब सिंह की मौत ने पुरे जनपद और यहां तक कि प्रदेश के जनपदों को भी डीएससी को लेकर सन्नाटा पसर गया है । सरकार ने सोचा था कि डीएससी से कुछ पारदर्शिता आएगी लेकिन गड़बड़ी करने वालों के तो दिमाग सरकार की नीतियों से भी तेज चलते हैं । प्रदेश के अधिकतर जनपदों में पंचायतों के तमाम डीएससी मिल जाएंगे जबकि इसे पंचायत के सरपंच और सचिव के पास होना चाहिए ।


डीएससी को लेकर मरवाही में फिर एक मामला सामने आया है । मरवाही जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले तेंदुमुड़ा की सरपंच वर्षा सराटिया ने पंचायत की पूर्व सचिव खुलेश्वरी आर्माे पर आरोप लगाते हुए 11 सितम्बर को एक आवेदन मरवाही थाना प्रभारी को दिया है जिसमें सरपंच ने कहा है कि खिलेश्वरी आर्मो पहले तेंदुमुड़ा में सचिव थी उसके बाद उसका स्थानान्तरण दुसरे पंचायत में हो गया लेकिन उसने सरपंच का डीएससी सरपंच को दिया ही नहीं और अभी भी सरपंच का डीएससी पूर्व सचिव के पास ही है ।


सरपंच का कहना है कि पंचायत के द्वारा पंचायत में लगभग तीन लाख सात हजार के काम करवाए गए हैं जिसे पूर्व सचिव ने द्विवेदी ट्रेडर्स के खाते में डाल दिए हैं । कई बार सचिव से डीएससी मांगने के बाद भी मुझे नहीं दिया जा रहा है । तथा डीएससी और निर्माण की राशि मांगने पर मुझे धमकाया जाता है कि सरपंच के पद से हटवा दिया जाएगा और मुझे और मेरे पति को जान से मारने की धमकी दी जाती है ।

11 सितम्बर से दिए आवेदन पर किसी ने भी कोई कार्यवाही नहीं की । थाने ने पीड़िता को सीईओ से मिलने कहा तो सीईओ ने भी कार्यवाही करने की बजाय सरपंच को कहा कि नया डीएससी बनवा ले ।


दबंग न्यूज लाईव से बात करते हुए सरपंच वर्षा सराटिया के पति देवेन्द्र सराटिया का कहना था – “पंचायत के सरपंच का डीएससी पूर्व सचिव के पास ही है कई बार मांगने के बाद भी नहीं दिया इसकी जानकारी हमने 11 सितम्बर को मरवाही थाने के साथ ही जनपद सीईओ ,एसडीएम और विधायक महोदय को भी दी थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई । बाद में सीईओ साहब ने कहा कि उस डीएससी को छोड़िए नया बनवा लिजिए । फिर उस डीएससी को लॉक करके नया डीएससी बनवाया गया । लेकिन इस बीच पूर्व सचिव ने उस डीएससी से लगभग चार लाख रूपए का आहरण करवा लिया था जो जांच में खुलासा हुआ ।”

बहरहाल अब देखना ये होगा कि क्या मरवाही जनपद अपने पुरे पंचायतों के डीएससी के रखरखाव और उसके उपयोग पर कोई योजना बनाती है ? क्या पंचायतों के डीएससी जिनके है उन्हें सौंपने की कार्यवाही करती है या फिर ऐसे मामले और हादसे तो अपने यहां हर दिन होते रहते हैं सोचकर भूल जाती है ।

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