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Marwahi Janpd – मरवाही की घटना से सबक लेना चाहिए उन हर जिम्मेदारों को जो पंचायत से हर काम के लेते हैं पैसे ।

सचिव की आत्महत्या से उठते कई सवाल ।

दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 19.10.2021

Sanjeev Shukla

बिलासपुर – मरवाही जनपद Marwahi Janpd पंचायत में कल मालाडांड और डंडिया पंचायत का कार्य देख रहे सचिव गुलाब सिंह तिनमांग ने आत्महत्या कर अपनी जिंदगी समाप्त कर ली । लेकिन क्या खबर बस इतनी ही है । नहीं ? खबर ये होनी चाहिए कि आखिर गुलाब सिंह ने क्यों ये कदम उठाया ? खबर ये होनी चाहिए कि आखिर गुलाब सिंह पर ऐसा क्या दबाव था जो उन्हें इस निर्णय की तरफ ले गया ? और खबर ये भी होनी चाहिए कि क्या इस हादसे के बाद प्रदेश के हर जनपद के अधिकारी , आडिटर , वहां के बाबू , इंजिनियर , करारोपण अधिकारी और यहां तक कि दैनिक वेतन भोगी आपरेटर जो पंचायत से हर काम का नजराना लेते हैं वे कुछ सबक लेते हैं या फिर किसी की मौत से इस वर्ग को कुछ फर्क नहीं पड़ता ।

स्व.गुलाब सिंह ( सचिव मालाडांड )

पंचायत और पंचायत में आने वाले फंड पर  सभी की नजर रहती है । पंचायत का कुछ भी काम हो बिना पैसे दिए मजाल है जो ये कर दें । पंचायत के हर काम का जनपदों में रेट तय है । पंचायत के फंड पर रोक लगा देना , छोटी छोटी एंट्री करने के लिए पैसों की मांग करना यहां तक की डीएससी करने और आडिट करने तक के लिए पैसों की मांग करना । बिना इसके जनपद में पंचायतों के काम ही नहीं होते । अब सचिव और सरपंच अपनी जेब से तो पैसे देंगे नहीं ऐसे में पंचायत के फंड का दुरूपयोग चालू हो जाता है । और जब यही अति हो जाता है तो फिर मरवाही जैसी घटना सामने आती है ।

मरवाही में जो हुआ उसमें तो ये भी सामने आ रहा है कि पंचायत के डीएससी का इस्तेमाल जनपद के आपरेटर ने बिना पंचायत की जानकारी के कर लिया । और ऐसे ऐसे कामों का भुगतान हो गया जो पंचायत में हुए ही नहीं । ऐसे में जब जांच हुई तो पंचायत में बिना काम के पैसों का भुगतान होना पाया गया और जांच के समय जांच अधिकारी ने सारी गलती के लिए सचिव को जिम्मेदार मान लिया । वैसे भी पंचायत में सबसे निरिह प्राणी तो सचिव ही है ।

पेण्ड्रा के पतगंवा में सरपंच ने सचिव को बंद करके पीट दिया । मरवाही में डीएससी घोटाले की जांच हुई तो आधा दर्जन सचिवों को निलंबित करके लाखों की रिकवरी निकाल दी गई । इस जांच में आपरेटर और जनपद के किसी कर्मचारी की जांच नहीं हुई ।

सचिव के द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद मरवाही सचिव संघ ने धरना दिया , प्रदर्शन किया और मुआवजे के साथ अनुकम्पा नियुक्ति की मांग भी की । लेकिन क्या इतने से ही सचिवों को न्याय मिल जाएगा ? गुलाब सिंह के साथ कई  सचिव और पंचायत डीएससी के इस मकड़जाल में फंसे हैं उनका क्या होगा ? विरोध प्रदर्शन के दौरान एक सचिव ने आपबीति सुनाते हुए जो कुछ कहा उससे अधिकारियों को समझना चाहिए कि मामला कितना गंभीर है और सिर्फ सचिव के जिम्मे सब डाल कर इस मामले को दबाया नहीं जा सकता । इस पुरे मामले के हर पक्ष की जांच के साथ जो भी दोषी हो उस पर कार्यवाही की जानी चाहिए ।

मरवाही में कल हुए हादसे के बाद सचिवों को भी समझ लेना चाहिए कि उन्हें कितना और कैसा काम करना है क्योंकि पैसों की बंदरबांट में तो सब शामिल हो जाएंगे लेकिन जब कार्यवाही होगी तो सिर्फ सचिव के जिम्मे ही सब आएगा ।

 

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