छत्तीसगढ़ राज्यकरगी रोडकोरबापेंड्रा रोडबिलासपुरभारतमरवाहीरायपुर

रतनपुर थाने में लगा नौतपा – भैंसाझार नर्सरी में हुए कांड में आया उबाल ।

आदिवासी समाज के नेता पहुंचे एफआईआर दर्ज कराने तो बचाव में वन विकास निगम के अधिकारी भी आए ।

दबंग न्यूज लाईव
गुरूवार 01.06.2023

Vikash Tiwari

रतनपुर – एक हफते पहले वन विकास निगम के बीट क्रमांक 104 में हुए भालू के शिकार के मामले में वन विकास निगम के अधिकारियों ने करखा पंचायत से कुछ ग्रामीणों को उनके घरों से रात में उठाकर पहले शिवतराई और फिर बाद में भैंसाझार नर्सरी लेकर आए जहां रात भर उनसे पूछताछ होती रही लेकिन ग्रामीणों ने भालू के शिकार के बारे अनभिज्ञता जाहिर की इसके बाद दोपहर में उन्हें छोड़ दिया गया था।


दुसरे दिन गांव के कुछ लोगों के साथ पीड़ित लोग थाने पहुंचे और अपने साथ मारपीट करने की बात बताई । दबंग न्यूज लाईव ने भी इस पुरे मामले को लेकर “भैंसाझार नर्सरी बना टार्चर रूम “ के शिर्षक से एक खबर प्रकाशित की थी । ग्रामीणों के आरोप के बाद विभाग के अधिकारियों ने किसी भी प्रकार की मारपीट से इंकार किया था ।


आज आदिवासी समाज के नेताओं के साथ पीड़ित लोग रतनपुर थाने पहुंचे और वन विकास निगम के दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करने लगे । ग्रामीणों के रतनपुर थाने पहुंचने की जानकारी विभाग के अधिकारियों को भी हो गई थी इसलिए वे भी थाने पहुच गए ।

आदिवासी समाज के नेता थाने में वन विकास निगम के दोषी अधिकारियों पर अपराध दर्ज करने का दबाव बनाने लगे तथा रह रह के पुलिस के खिलाफ नारे लगाने लगे ।


आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश सिंह परते का कहना था – 27 तारीख को भालू के शिकार के संदेह में तीन बैगा आदिवासी को वन विकास विभाग के कर्मचारियों ने उठाया और भैंसाझार के नर्सरी में उनके मारपीट की जिसमें तीनों को गंभीर चोटें आई हैं । हम चाहते हैं कि दोषियों पर कार्यवाही हो । यदि उन्हें शक था तो पूछताछ कर लेती उससे इंकार नहीं है लेकिन इस तरह मारपीट नहीं करनी चाहिए ।


वन विकास निगम की एस डी.ओ. चुनेश्वरी अदिति का कहना था कि – बाइस तारीख को हमें जानकारी मिली कि एक नर भालू की डेथ हुई है । पोस्टर्माटम के बाद शिकार होने की बात सामने आई और तीर भी मिला जो आस पास के गांव वालों के पास होता है । मुखबीर से पता चला कि आस पास के कुछ लोग हो सकते हैं । मारपीट का आरोप लगाया गया है हम जांच भी कर रहे हैं यदि ये सही होगा तो कार्यवाही की जाएगी ।


एसडीओपी सिद्धार्थ बघेल का कहना था – इस मामले में आदिवासी समाज के लोग आए थे आवेदन लिया गया है जांच के बाद कार्यवाही की जाएगी । समाज के लोग संतुष्ट होकर गए हैं ।


बहरहाल मामला जो भी हो लेकिन एक मामला तो सौ प्रतिशत सच है कि अचाकमार टाईगर रिजर्व और उसके आस पास के बफर जोन में वन्य जीवों का शिकार होते आया है और हो भी रहा है कुछ मामले सामने आ जाते हैं और कुछ मामले घने जंगलों में दफन हो जाते हैं ।

Related Articles

Back to top button