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लापरवाही -नए साल में पर्यटकों की जान से खिलवाड़ करता अचानकमार टाईगर रिजर्व ।

जानकारी के बाद भी पर्यटकों की जान से खिलवाड़ करता अचानकमार टाईगर रिजर्व ।
बिना इंश्योरेंस और डाक्युमेंटस के जंगल में सफारी अभी भी जारी ।

दबंग न्यूज लाईव
सोमवार 03.01.2022

संजीव शुक्ला

बिलासपुर/कोटा – अचानकमार टाईगर रिजर्व में चलने वाली सफारी और जिप्सी और बस पिछले कई साल से बिना इंश्योरेंस और आरटीओ के वैधानिक कागजातों के जंगल के अंदर पर्यटकों को सफारी करवा रही है । इस बात का खुलासा दबंग न्यूज लाईव ने दिनांक 03-12-2021 को प्रमुखता से खबर प्रकाशित करके किया था और एटीआर के जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी जानकारी दी थी लेकिन इसके बाद भी अधिकारियों ने अपनी इन सफारी जिप्सी और बस का इंश्योरेंस करवाना उचित नहीं समझा ।

03.12.2021 को प्रकाशित खबर 

नए साल में भी अचानकमार के जंगलों में पर्यटकों को सफारी कराने वाले इन वाहनों का इंश्योरेंस नहीं हो पाया है और ऐसे में यहां आने वाले पर्यटकों की जान से एटीआर प्रबंधन खिलवाड़ कर रहा है । हमने कुछ दिन पहले ही अचानकमार टाईगर के डिप्टी डायरेक्टर से इस मामले में बात करके जानकारी ली थी कि क्या सफारी गाडि़यों का इंश्योरेंस करवा दिया गया है । तब उनका जवाब था अभी तक नहीं हो पाया है लेकिन जानकारी मंगवाई गई है जल्द ही सभी कागजात अपडेट कर लिए जाएंगे ।


कल भी अचानकमार टाईगर रिजर्व में पर्यटकों को बस और जिप्सी सफारी करते नजर आए । बाहर से आने वाले पर्यटकों को क्या पता कि जिस गाड़ी में वो सफारी करने जा रहे हैं उनके कागजात और इंश्योरेंस भी है या नहीं ।
इतनी लापरवाही एटीआर प्रबंधन क्यों कर रहा है समझ से परे है । ऐसा नहीं है कि अचानकमार टाईगर रिजर्व पर्यटकों को सफारी फ्री में करवाता हो हर सफारी के लगभग तीन हजार रूपए पर्यटकों से लिए जाते हैं लेकिन इन पैसों का क्या होता है प्रबंधन समिति और रेंजर ही जाने ।

अचानकमार कोर जोन में जंगल के अंदर पिकनिक मनाते लोग ।

कोर जोन में पिकनिक मनाते नजर आए लोग – अचानकमार टाईगर रिजर्व की सुरक्षा कितनी है ये इसी से पता चल जाता है कि कल कोर जोन में भी लोग अपनी गाडि़यों से उतर कर ग्रुप में बैठकर खाते पीते और पार्टी मनाते नजर आए । जबकि एटीआर प्रबंधन को ऐसी हरकतों पर तुरंत रोक लगानी चाहिए । कोर जोन में वन्य प्राणियों के ईलाके में पर्यटकों का इस तरह से पार्टी मनाना खतरनाक है । लेकिन हम तो पहले से कहते आ रहे हैं यहां के अधिकारियों को ना तो कोर जोन की चिंता है ना बफर की और ना ही यहां के वन्य प्राणियों की । यहां के अधिकारियों का सारा ध्यान बजट को निर्माण कार्य पर खर्च करने में लगे रहता है ।


सफारी के अंदर प्रायवेट गाड़ी भी – एटीआर प्रबंधन को पैसों की कितनी भूख है ये इसी बात से पता चल जाता है कि यदि जिप्सी खाली नहीं हेै तो आप अपनी गाड़ी से भी जंगल के अंदर तीन हजार रूपए जमा करके घुम सकते हैं । कल भी पर्यटकों की भारी भीड़ होने से सभी जिप्सी बुक होने के बाद भी टिकट काउंटर पर गाड़ी वालों से कहा गया कि वो तीन हजार यहां जमा कर एक गार्ड के साथ अंदर घुम सकते हैं । अब इतनी लचर व्यवस्था के बाद अचानकमार टाईगर में कैसे वन्य जीव सुरक्षित रहेंगे पता नहीं ।

 

जिम्मेदार अधिकारियों के साथ ही वन मंत्री , पर्यटन मंत्री और नेशनल टाईगर कन्जर्वेशन अथारिटी को भी इस तरफ ध्यान देना चाहिए ।

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