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छत्तीसगढ़ में अब आक्रामक हो रही भाजपा , प्रदेश सरकार की हर योजना पर उठाने लगी है सवाल ।

नेशनल हाइवे पर 13 मवेशियों को रौंदकर मार दिए जाने पर नेता प्रतिपक्ष का रोका-छेका योजना पर सवाल

दबंग न्यूज लाईव
शनिवार 18.07.2020

रायपुर – छत्तीसगढ़ में भी अब भाजपा प्रदेश सरकार की हर योजना पर सरकार को घेरने में और सवाल करने में आक्रामक हो रही है और इसकी कमान धरम लाल कोैशिक ने थाम रखी है । आज उन्होंने सरकार के रोका छेका योजना पर सवाल खड़े किए । मौका था नेशनल हाइवे पर अज्ञात वाहन द्वारा 13 मवेशियों को कुचल दिए जाने का ।

घटना पर अफसोस जताते हुए प्रदेश सरकार पर उसकी रोका-छेका योजना को लेकर सवाल उठाए हैं। श्री कौशिक ने कहा कि वादाखिलाफी, दगाबाजी और सियासी नौटंकियों में महारत हासिल यह प्रदेश सरकार अपनी विफलताओं से लोगों का ध्यान हटाने और प्रदेश को नित नई योजनाओं के नारे देकर भरमाने में लगी है।


नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार काम करने के बजाय दिखावे में ज््यादा यकीन कर रही है और इसीलिए उसकी रोका-छेका योजना दीगर योजनाओं की तरह सुपर फ्लॉप शो साबित हो रही है। दरअसल प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंराओं का राजनीतिकरण करके अपनी वाहवाही कराने में मशगूल इस प्रदेश सरकार ने रोका-छेका योजना का नारा तो दे दिया पर उसके लिए आवश्यक संसाधनों को जुटाने पर उसका ध्यान ही नहीं है।


बिना विजन के ऐसी आधी-अधूरी तैयारियों के साथ प्रदेश सरकार झूठे आँकड़ों के सहारे नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का सिर्फ जुबानी जमाखर्च कर रही है। कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार के पास किसी भी योजना के लेकर कोई स्पष्ट दृष्टिकोण तो नहीं ही है, कोई काम करने की साफ नीयत, सही नीतियाँ और अपनी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए क्षमतावान नेतृत्व भी नहीं है और इसीलिए सरकार की सारी योजनाएँ औंधे मुँह धूल चाटती नजर आ रही हैं।


नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि नरवा-गरुवा-घुरवा-बारी योजना के बुरे हश्र के बावजूद प्रदेश सरकार को यह समझ नहीं आया है कि उसमें न तो प्रशासनिक सूझबूझ है, न प्रदेश की परंपराओं का ज्ञान है और न ही वह जमीन से जुड़ी हुई है। हर मोर्चे पर अपनी विफलताओं और अपने झूठ के मायाजाल में उलझकर रह गई है। श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार पहले मवेशियों के चारे-पानी के इंतजाम की तो फिक्र करे, उसके बाद मवेशियों को रोकने-छेकने की कोशिश करे। गौठानों की बदइंतजामी-बदहाली के कई जमीनी सच से यह प्रदेश रू-ब-रू हो चुका है, महासमुंद के पास घटी यह दर्दनाक घटना इसी सच की एक और मिसाल के तौर पर सामने आई है। ऐसी स्थिति में घुमंतू मवेशी राजधानी समेत प्रदेशभर की सड़कों को रोक-छेककर अफसरों की उदासीनता और प्रदेश सरकार के ढोंग को बेनकाब कर रहे हैं। इस सच के आईने में अपनी सरकार का विकृत होता चेहरा देखने का साहस यह सरकार कब जुटाएगी?
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