एक तरफ सरकार वन पट्टा दे रही दुसरी तरफ वन विभाग लोगों के घर उजाड़ रहा ।
कोटा विकासखंड में वन विभाग का अमानवीय चेहरा आया सामने ।
छोटे बच्चों की भी नहीं की परवाह ।
दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 11.07.2023
विनय गुप्ता
करगीरोड कोटा – प्रदेश सरकार प्रदेश में रहने वाले ऐसे लोगों को वन पट्टा देकर उनके रहने की समस्या से निश्चिंत करती है जिनके पास रहने को जमीन नहीं है । सरकार की ये योजना उनके लिए वरदान है जिनके पास खुद की जमीन नहीं है और जो सरकारी जमीन पर अपनी झोपड़ी और घर बनाकर रहते हैं ।
लेकिन कोटा विकासखंड के ग्राम पंचायत सोनपुरी से वन विभाग के कारनामों का जो विडियो सामने आया है उसने वन विभाग के अमानवीय हरकत को सामने ला दिया है । वन विभाग के कुछ कर्मचारियों ने भरी बरसात गांव के कुछ लोगों के घरों और झोपड़ों को जेसीबी से उजाड़ दिया साथ ही उनके पानी की व्यवस्था के लिए बनाए गए कुएं को भी पाट दिया ।
पूरा मामला सोनपुरी ग्राम पंचायत का है यहां बरसों से कई परिवार वन भूमि पर अपने झोपड़े बना कर जीवन यापन कर रहें है और इस जगह पर एक दो नहीं लगभग तीस से चालिस परिवार अपना जीवन बिता रहे हैं । ये माना कि वन भूमि पर होने वाले अवैध कब्जे को हटाना वन विभाग का काम है और लोगों को भी बिना पट्टे के वन भूमि पर अपने रहने के लिए घर मकान या झोपड़े नहीं बनाना चहिए ।
लेकिन यहां सवाल वन विभाग के द्वारा की गई कार्यवाही पर है । यहां काबिज लोगों का कहना है कि वे यहां लगभग बीस से पच्चीस सालों से निवास कर रहे हैं यदि वन विभाग को हमें हटाना ही था तो पहले नोटिस देती या सुखे के मौसम में ये कार्यवाही करती इस बारिश में हमारे झोपड़े तोड़ दिए गए , हमारे पास रहने को और कोई जगह नहीं है ऐसे में हम अपने छोटे छोटे बच्चों और मवेशियों को लेकर कहां जाएंगे ।
पीड़ित लोगों का कहना सहीं भी है । जब ये बीसों साल से यहां निवासरत हैं तो फिर वन विभाग या पंचायत ने इन्हें पट्टा क्यों जारी नहीं किया जबकि हर साल सरकार ऐसे लोगों को पट्टा देने के लिए शिविर लगाती है । विभाग ने इस भरी बारिश में इनके झोपड़े तो तोड़ दिए लेकिन ये नहीं सोचा कि ऐसे मौसम में ये लोग कहां जाएंगे । और सबसे बड़ा सवाल इस कार्यवाही पर ये उठ रहा है कि जब आस पास लगभग तीस से चालिस और परिवारों के भी घर बने हुए हैं तो ऐसे में सिर्फ चार पांच परिवार पर ही ये कार्यवाही क्यों ? क्या विभाग यहां कोई और विभागीय कार्य करना चाहता है ?
एक पीड़ित दशरथ लाल चौधरी का भी घर जेसीबी से विभाग के लोगों ने गिरा दिया । दशरथ चौधरी का कहना था कि -यहां और भी लोगों के घर हैं लेकिन वन विभाग के कर्मचारियों ने मेरे अलावा अमरदास , शिवरोतन दास , जयराम सिंह और श्रवण दास के मकान पर ही जेसीबी चलाया है जबकि और लोगों के भी घर यहां है । ये पूरी कार्यवाही द्वेषवश किया गया है ।
एक अन्य पीड़ित अंजू मानिकपुरी ने वन विभाग के कर्मचारी शक्ति यादव पर आरोप लगाया है कि उसके द्वारा उससे वन भूमि का पट्टा बनाने के लिए दस हजार रूपए भी लिए गए थे लेकिन पट्टा नहीं बनवाया गया ।
इस पूरे मामले में वन विभाग के रेंजर राठिया से बात की गई तो उनका कहना था कि अभी तो मैं बाहर हूं आफिस पहुंचकर ही सारे मामले पर जानकारी दे सकता हूं ।