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प्रबल का जोश या अटल का होश कोैन पड़ेगा किस पर भारी , कोटा विधानसभा की खोज करती खबर ।

क्या था इतिहास और क्या होगा भविष्य ।

दबंग न्यूज लाईव
सोमवार 23.10.2023

Sanjeev Shukla

बिलासपुर /कोटा – छत्तीसगढ़ का कोटा विधानसभा सामान्य सीट वो सीट जिस पर बरसों कांग्रेस की सत्ता रही । अविभाजित प्रदेश के समय से कांग्रेस यहां अपना परचम लहराती रही ये क्रम 1952 से लेकर 2018 तक बदस्तुर चलता रहा । कोटा विधानसभा के पहले विधायक बने काशीराम तिवारी , इसके बाद ये सीट आई कांग्रेस के ही मथुरा प्रसाद दुबे के हाथ जो यहां से लगातार चार बार विधायक चुने गए उनके बाद इस सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल पांच बार विधायक चुने गए और उन्होंने कोटा को राजनीतिक पटल पर कांग्रेस के मजबूत गढ़ के रूप में बदल दिया । राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा अध्यक्ष भी रहे ।


लेकिन राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल के निधन के बाद जब 2006 में इस सीट पर उपचुनाव हुआ तो पेशे से डाक्टर और प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे अजीत जोगी की पत्नि डा रेणुजोगी इस सीट से चुनाव मैदान में उतरी और उसके बाद से अब तक वही यहां की विधायक है । इस बीच इतना जरूर हुआ कि 2018 में अजीत जोगी की जनता कांग्रेस ने कोटा विधानसभा में अपनी जीत दर्ज करते हुए कांग्रेस और भाजपा दोनों को यहां हरा दिया था ।


भाजपा के लिए ये सीट हमेशा से किसी तिलस्म से कम नहीं रहा है और अभी तक भाजपा कोई ऐसा काट इस सीट पर नहीं खोज पाई है जो उसे यहां विजय दिला सके । हालांकि 2018 में भाजपा के लिए इस सीट को जीतने की संभावना सबसे ज्यादा थी क्योंकि कांग्रेस से टूटकर ही जनता कांग्रेस बनी थी और ऐसे में कांग्रेस के वोट बंटने की उम्मीद थी लेकिन भाजपा के मिस मैनेजमेंट ने इस सुनहरे मौके को भी अपने पक्ष में करने से चुक गई ।


ऐसे में 2023 का विधानसभा चुनाव तीनों प्रमुख दलों के लिए काफी कुछ खोने पाने वाला साबित होगा । जनता कांग्रेस को जहां अपनी सीट बचानी है वहीं कांग्रेस को अपनी पुरानी सीट वापस पाने का लक्ष्य है तो भाजपा के सामने यहां कभी भी नहीं जीत पाने के दाग को मिटाने का समय है ।


भाजपा ने इस बार कोटा से जुदेव परिवार के प्रबल प्रताप सिंह को इस सीट को जीतने का जिम्मा सौंपा है और जिस प्रकार से टिकट मिलने के बाद प्रबल प्रताप सक्रीय हुए हैं और जिस प्रकार से युवा उनसे जुड़ रहे हैं वो भाजपा के लिए एक शुभ संकेत हो सकता है । कल भी कोटा और करगी तरफ के सैकड़ों युवाओं ने उनके सामने भाजपा की सदस्यता ली । भाजपा ने कोटा विधानसभा में अपने कार्यालय और वार रूम बनाने के साथ ही बड़े स्तर पर चुनाव पर फोकस कर लिया है और अपनी रणनीति के अनुसार लोगों के बीच जाने लगी है ।


दुसरी तरफ कांग्रेस के अटल श्रीवास्तव पर दारोमदार होगा कि वो कांग्रेस की सीट उसे वापस दिलाए । एक सशक्त प्रत्याशी के मैदान में उतरने से सोए हुए कांग्रेसी भी जाग गए हैं और उन्हें लग रहा है कि यदि मेहनत और मैनेजमेंट सहीं हो गया तो फिर कांग्रेस को उसकी सीट वापस मिल जाएगी और जो भद्द पिछले चुनाव में हुई थी उसे भी साफ किया जा सकता है । अटल श्रीवास्तव जिस प्रकार से लोगों से मिलते हैं और उनके चेहरे पर जो मुस्कान रहती है वो उन्हें लोगों से जोड़ रही है ।


जबकि जनता कांग्रेस जो पहले आगे नजर आ रही थी कुछ दिनों से साइलेंट मोड में दिख रही है और अभी तक उसने अपना प्रत्याशी यहां घोषित नहीं किया है यदि डा रेणु जोगी ही प्रत्याशी होंगी तो फिर मुकाबला त्रिकोणीय हो जाएगा क्योंकि डा रेणु जोगी ने दोनों पार्टीयों की टिकट बंटवारे के पहले ही एक दौर का अपना प्रचार पूरा कर लिया है ।


इस चुनाव में अभी तक के चुनावी प्रचार को देखा जाए तो किसी भी दल ने कोटा विधानसभा के स्थानीय मुद्दों पर बात नहीं की है । यहां की सड़क , रेल और रोजगार जैसे मुद्दे ऐसे हैं जो आम लोगों से सीधे जुड़े हुए हैं । रेल यातायात पिछले कई साल से लगभग बंद की तरह है और रोजगार को कोई साधन यहां है नहीं ऐसे में लोगों को इंतजार है कि कौन सी पार्टी इन मुद्दों पर बात करती है । कोटा का इतिहास तो सभी को पता हैै लेकिन भविष्य क्या होगा ये भविष्य के गर्भ में है ।


बहरहाल कोटा विधानसभा में आने वाले समय में राजनैतिक गोटियां और समीकरण बनते बिगड़ते रहेंगे ये भी देखा गया है कि चुनाव में सिर्फ एक पंच लाईन ही उम्मीदवार के पक्ष में माहौल बना देती है । हालांकि सदस्यता ले लेना और उनके वोट में बदल जाना दोनों अलग अलग बात है क्योंकि चुनाव के समय इस प्रकार की बातें हर जगह होते रहती हैं । कोई भाजपा से कांग्रेस में जाएगा कोई कांग्रेस से जनता कांग्रेस में ओैर कोई जनता कांग्रेस से कांग्रेस में । इसके अलावा और भी दल चुनावी समीकरण को बदलने में अपनी महती भूमिका निभाते नजर आएंगे ।फिलहाल तीनों प्रमुख दलों ने अपनी रणनीति तेज कर दी है और कार्यकर्ता सम्मेलन तथा लोगों से मिलना शुरू कर दिया है ।

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