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भ्रष्टाचार की सीमा लांघ गया पंचायत ,छड़ सिमेंट की दुकान से खरीदा आलू प्याज और चांवल ।

बिना सामान लिए ही कर दिया लाखों का भुगतान ।

आडिटर ने क्या देखा जो आडिट कर दिया ? पंचायतों में आडिटर भी खेलते हैं खेल  ।

दबंग न्यूज लाईव
गुरूवार 18.11.2021

बिलासपुर – वैसे तो भ्रष्टाचार की खबर लिखना आज के दौर में बेमानी लगती है क्योंकि लोगों की नस नस में भ्रष्टचार घुस गया है । फिर चाहे वो किसी कार्यालय का पानी पिलाने वाला चपरासी हो या वहां का सबसे बड़ा अधिकारी , बिना चढ़ावा चढ़ाए मजाल है कोई काम हो जाए । और करें भी क्यों जब उन्हें भी उपर चढ़ावा चढ़ाना पड़ता हो । लेकिन जब भ्रष्टाचार के ऐसे मामले सामने आने लगते हैं तो फिर लिखना जरूरी हो जाता है । ये अनोखा मामला है तखतपुर की एक पंचायत का । नाम है जूनापारा । यहां के सरपंच और सचिव ने मिल कर भ्रष्टाचार का ऐसा खेल खेला कि आगे पिछे के सब कारनामें इन कारनामों के आगे फीके पड़ गए ।


करोना काल में सरकार ने हर पंचायत में क्वारंटिन सेंटर बनवा दिया था और पंचायत से बोला कि यहां रहने वाले सभी लोगों के खाने पीने की व्यवस्था करें । इसी खाने पीने की व्यवस्था करते करते पंचायत ने अपने खाने पीने की व्यवस्था कर डाली । इस मामले का खुलासा हुआ एक आरटीआई दायर करने के बाद । तखतपुर जनपद के अंतर्गत आने वाले जूनापारा पंचायत में स्थानीय कांग्रेसी नेता रामेश्वरी पुरी ने अगस्त 2021 को पंचायत से 14 वें और 15 वें वित्त की राशी का हिसाब मांगा । कई माह गोल गोल घुमाने के बाद पंचायत ने जो जवाब दिया उसने आवेदक को भी चारो खाने घुमा दिया ।

बिना सामान के जारी किया एक लाख  अठ्ठासी हजार का बिल ।

पंचायत ने भीमपुरी के एक दुकान पूजा टेªडर्स से जो कि इंट रेती और गिट्टी सप्लाई करती है से बीस मई को सोलह हजार का चांवल और चार हजार पचास रूपए का दाल खरीद लिया इसके अलावा तीन जून को फिर से सोलह हजार का चांवल और दो हजार का आलू खरीद लिया । इसके अलावा रूद्र टेªडर्स उस्लापूर को तो बिना कुछ सामान लिए दिए ही एक लाख अट्ठासी हजार का भुगतान कर दिया ।

हार्ड वेयर की दुकान से अनाज खरीदी ।

भ्रष्टाचार से लिप्त इस रिकार्ड का आडिट भी हो चुका है और आडिटर ने भी कोई आपत्ति इन बिलों पर नहीं लगाई ? क्या आडिटर को ये सब भ्रष्टाचार नहीं दिखा ? यदि नहीं दिखा तो फिर आडिटर पर भी कार्यवाही होनी चाहिए ? और यदि दिखा तो फिर आडिटर ने इसके लिये क्या कदम उठाया ये भी सामने आना चाहिए । इस मामले में जितनी गलती पंचायत की है उतनी ही गलती आडिटर की भी है जिसने इस पंचायत का आडिट किया ।

जनपद सीईओ हिमांशु गुप्ता ने दबंग न्यूज लाईव से बात करते हुए कहा कि – मामला सामने तो आया है शिकायत के बाद सारे रिकार्ड मंगा कर जांच करवाई जाएगी । ये भी देखना होगा कि पंचायत का आडिट हुआ है या नहीं । यदि गड़बड़ी हुई है तो कार्यवाही जरूर होगी ।

रामेश्वर पुरी ने बताया कि – पंचायत में तो यूं भी बहुत सी गड़बड़ी है लेकिन ये मामला तो बिल्कुल ही अनुठा है । हार्ड वेयर की दुकान से अनाज लेना और बिना सामान लिए ही किसी दुकान को लगभग दो लाख का भुगतान कर देना । सवाल तो ये उठता है कि पंचायत के आडिटर को ये सब क्यों नहीं दिखा ।

पंचायत के नए आए सचिव ने जानकारी दिया कि – पंचायत का आडिट तो फरवरी 21 में हो चुका है लेकिन आडिट आपत्ति की कापी मुझे अभी तक प्राप्त नहीं हुई है ।

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