29 बच्चों को जन्म देने वाली पहली बाघिन , इसके पहले ये रिकार्ड था रणथम्भौर की मछली बाघिन के नाम ।
दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 18.01.2022
संजीव शुक्ला
पेंच (मध्यप्रदेश ) – जंगल और जंगल के जीवन चक्र को यदि समझना हो तो फिर जंगल और यहां रहने वाले वन्य प्राणियों के व्यवहार और उनके जीवन चक्र को समझना जरूरी है । और जैसे जैसे आप जंगल और वन्य जीवों के बारे में जानना शुरू करेंगे यकिन मानिए आप को इनसे प्यार होते जाएगा ।
एक समय था जब भारत में शेरों की संख्या विश्व में सबसे ज्यादा पाई जाती थी लेकिन राजे रजवाड़े के शिकार के शौक और उसके बाद आज भी अवैध शिकार ने शेरों के साथ ही वन्य प्राणियों से जंगलों को खाली कर दिया है ।
इन दिनों मध्यप्रदेश के टाईगर रिजर्व और राष्ट्रीय उद्यानों में सबसे ज्यादा शेरों की संख्या है । लेकिन पिछले शनिवार को मध्यप्रदेश के पेंच टाईगर रिजर्व से एक दुखद खबर सामने आई । ये दुखद खबर थी यहां की कॉलर वाली मां या सुपर मॉम टाईग्रेस की मौत की ।
इस खबर ने उन सभी को विचलित कर दिया जिन्हें वाईल्ड लाईफ से प्यार था । पेंच राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों कर्मचारियों के साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस टाईग्रेस की मौत पर अपनी श्रद्धाजंली अर्पित की ।
पेंच टाईगर रिजर्व – पेंच टाईगर रिजर्व का नाम पेंच नदी के नाम पर पड़ा । सिवनी और छिन्दवाड़ा जिले की सीमाओं पर 292.83 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले हुए इस राष्ट्रीय उद्यान में सिवनी जिले में वाघ, तेंदुए, भेड़िये, जगली भैसे , हिरन, बारह सिंगा मोर, काले हिरन आदि वन्य प्राणी है ।
पेंच को देश के सर्वश्रेष्ठ टाइगर रिजर्व होने का गौरव प्रात करने वाले पेंच राष्ट्रीय उद्यान को 1993 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित इस नेशनल पार्क में हिमालयी प्रदेशों के लगभग 210 प्रजातियों के पक्षी आते हैं। अनेक दुर्लभ जीवों और सुविधाओं वाला पेंच नेशनल पार्क तेजी से पर्यटकों को अपनी ओर खींच रहा है ।
कॉलर वाली मां – पेंच में टी-7 और चार्जर टाईगर परिवार में 2005 को इस टाईग्रेस का जन्म हुआ था । 2008 में इसके गले में रेडियो कॉलर पहनाया गया था तभी से इसे कॉलर वाली बाघीन के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त हुई । 15.01.2022 को इस टाईग्रेस ने सत्रह साल की उम्र में अंतिम सांस ली । लेकिन अपने जीवन काल में इसने जो किया उसने इसे देश ही नहीं पूरे विश्व में चर्चित कर दिया और नाम दिया सुपर मॉम का ।
कॉलर वाली सुपर टाईग्रेस मॉम ने अपने जीवन काल में 29 शावकों को जन्म दिया और ऐसा करने वाली ये विश्व की एकमात्र टाईग्रेस थी । मध्यप्रदेश को टाइगर्स स्टेट का दर्जा दिलाने में 29 शावकों को जन्म देने वाली कॉलर वाली बाघिन की भूमिका अहम थी।
इस बाघिन ने सबसे पहले 2006 में तीन शावकों को जन्म दिया था, लेकिन बारिश के चलते तीनों शावकों की मौत हो गई थी। इसके बाद उसी साल बाघिन ने फिर चार शावकों को जन्म दिया था।
अगले क्रम में भी पांच शावकों को जन्म दिया था। बाघिन ने इसके बाद लगातार दो बार तीन-तीन शावकों को जन्म दिया और अप्रैल 2015 में चार और नन्हे शावकों को जन्म देकर पेंच की सर्वाधिक 22 शावकों को जन्म देने वाली बाघिन बन चुकी थी। 2017 में बाघिन ने चार और शावकों को जन्म दिया था। इसी साल जनवरी में चार शावकों को जन्म दिया था।
एक साथ पांच शावकों को जन्म देने का रिकॉर्ड भी कॉलर वाली बाघिन के नाम ही दर्ज है। सबसे ज्यादा बच्चों को जन्म देने का रिकॉर्ड पहले रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में 23 शावकों को जन्म देने वाली मछली बाघिन के नाम बताया जाता था। मार्च 2008 में गले में कॉलर लगा होने के कारण इस बाघिन का नाम कॉलरवाली बाघिन पड़ा।
मप्र को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली, मध्यप्रदेश की शान व 29 शावकों की माता @PenchMP की ‘सुपर टाइग्रेस मॉम’ कॉलरवाली बाघिन को श्रद्धांजलि।
पेंच टाइगर रिजर्व की 'रानी' के शावकों की दहाड़ से मध्यप्रदेश के जंगल सदैव गुंजायमान रहेंगे। pic.twitter.com/nbeixTnnWv
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 16, 2022