एक दिन बाद होना है लाॅक डाउन इसलिए अभी से करने लगे शराब का स्टाॅक ।
नीति नियम बनाने वालों को सोचना चाहिए कि क्या ऐसे लोगों को मुफ्त राशन दिया जाए ।
दबंग न्यूज लाईव
बुधवार 22.07.2020
रायपुर – लाॅक डाउन प्रथम से किसने कितना अनुभव लिया ये नहीं पता लेकिन शराब के शौकिनों ने लाॅक डाउन प्रथम से बहुत बड़ा अनुभव लिया है । उस दौरान लगभग एक से डेढ़ माह शराब के ठेके बंद थे ऐसे में बूंद बूंद को तरसते मदिरा प्रेमियों ने अब लाॅक डाउन होने के पहले ही अपने लिए स्टाक रखना शुरू कर दिया है । पहला लाॅकडाउन तो अचानक हो गया था इस बार तो दो तीन दिन पहले ही बता दिया गया कि इतने तारीख से लाॅक डाउन होगा । शायद ये इशारा भी हो कि भाई अपनी अपनी व्यवस्था कर लो बाद में परेशान नहीं होना । शराब ठेकों पर ये भीड़ राजधानी रायपुर की है ।
रायपुर में कल से लाॅक डाउन होने वाला है लिहाजा दो दिन पहले से ही मदिरा प्रेमी ठेके पर उमड़ पड़े और अपनी व्यवस्था के अनुसार व्यवस्था करने में लग गए । लोगों की भीड़ देख कर कहीं से भी ये नहीं लग रहा कि इन्हें कोरोना संक्रमण का डर हो या ये वही लोग है जिन्हें सरकार मुफ्त राशन बांट रही है ।
ऐसा नहीं है कि इनमें सभी मुफ्त राशन वाले होंगे लेकिन यदि शराब लेते लोगों के आधार कार्ड लिए जाए और उनकी जांच की जाए तो सारे आंकड़े सामने आ जाएंगे ।
सरकार एक तरफ गरीब तबकों तक आर्थिक और अनाज संबंधित मदद करते हुए मुफ्त अनाज के साथ ही आर्थिक मदद कर रही है । सामाजिक संस्थाएं भी गरीब तबके तक राशन पहुंचा रही हैं । लेकिन सवाल यही उठता है कि जब लोगों को चांवल नमक तक मुफ्त का होना , जिनके पास राशन लेने को पैसे नहीं उनके पास शराब खरीदने के लिए पैसे कहा से आ रहे है ? भोजन जरुरी या शराब ?
छत्तीसगढ़ शासन ने पुनः लाकडाउन करने कि घोषणा को कुछ घंटे ही हुए है लेकिन लोगो की भीड़ दुकानों पर जिस तरह से उमड़ गई है उसने सुरक्षा के सब दावों को दरकिनार कर दिया है । शराब दुकानों के साथ पूरे बाजार में ऐसी भीड़ बढ़ रही है जिसकी कल्पना मात्र से ही मन सीहर उठता । शराब दुकान का नजारा तो और भी भयावह हो गया है जिसे एक पाव पीना है वो पेटी पेटी थोक के भाव मे स्टाॅक कर रहा है ।
भाई सब पियो जम के पियो । लेकिन मु्फ्त राशन लेकर प्रदेश पर आर्थिक बोझ मत बढ़ाओ । जैसे शराब पैसे से लेते हो वैसे ही राशन भी पैसे में लिया करें । सरकार को मुफ्त राशन वितरण की अपनी योजना को नए सिरे से जांचने परखने और बनाने की जरूरत है ।