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वेलकम के प्रदुषन से स्कूली बच्चे प्रभावित लेकिन जिम्मेदारों को मतलब नहीं ।

एसएमसी ने कहा यदि बच्चों की समस्या हल नहीं हुई तो कर देंगे स्कूल का बहिस्कार ।

दबंग न्यूज लाईव
बुधवार 20.09.2023

कोटा – कोटा जनपद के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत छेरकाबांधा में स्कूल शिक्षा विभाग का एक प्राथमिक स्कूल संचालित हैं जहां गांव के छोटे छोटे बच्चे पढ़ने आते हैं । इसी ग्राम पंचायत में शराब बनाने की एक फैक्ट्री है जिससे चौबिसों घंटे प्रदुषण फैलते रहता है । वेलकम शराब फैक्ट्री से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ को प्रबंधन स्कूल के आस पास फेंक देता है जिसकी दुर्गंध से बच्चों को अब सरदर्द और उल्टी की समस्या होने लगी है ।


गांव के लोगों और स्कूल प्रबंधन समिति ने इसकी शिकायत कई माह पहले उच्च अधिकारियों से की लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों छोटी मोटी जांच तो करवा दी लेकिन उसके बाद कोई कार्यवाही नहीं की यहां तक कि जिम्मेदारों ने ना तो स्कूल में झांकना तक उचित नहीं समझा और ना ही स्कूल के बच्चों से ही बात की ।


गांव वालों को नए आए एसडीएम से भी काफी उम्मीद थी कि वे बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए प्रबंधन से इस समस्या को दूर करने के लिए कहेंगे लेकिन ना तो एसडीएम कोटा ने कोई पहल की और ना ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने ही अपने स्कूल की सुध ली ।


ऐसे में स्कूल संचालन समिति के अध्यक्ष ने कहा कि – बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति किसी भी जिम्मेदार ने अभी तक संज्ञान नहीं लिया है । मैने यहां से लेकर कलेक्टर तक इसकी षिकायत की है लेकिन बच्चों की समस्या दूर नहीं हुई है । यदि ऐसा ही रहा तो हमें स्कूल का बहिस्कार करना पड़ेगा और उसके बाद भी समस्या दूर नहीं हुई तो हम चुनाव का भी बहिस्कार कर सकते हैं ।


स्कूल के प्रधानपाठक ने भी बच्चों की समस्याओं को बताते हुए कहा कि – वेलकम प्रबंधन के द्वारा फैक्ट्री से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ को स्कूल के आस पास फेंकने से काफी दुर्गध आती है हमें कई बार खिड़कियों को बंद करके स्कूल संचालन करना पड़ता है ।

बच्चों ने भी इस दुर्गंध से उल्टी और सरदर्द की समस्या को बताते हुए ये भी कहा कि इस दुर्गंध से हमे पढ़ने में दिक्कत होती है साथ ही खाने के समय उल्टी और सरदर्द भी होता है ।

वेलकम प्रबंधन को अपनी कमाई की पड़ी है तो कोटा के अधिकारियों को अपने दिगर कामों को निपटाने की । ऐसे में स्कूल आने वाले बच्चों की तकलीफ कोैन दूर करेगा ये समझ से परे है । ये भी हो सकता है कि जिम्मेदारों की ये निष्क्रियता छोटे बच्चों पर कोई घातक असर कर बैठे और फिर जिम्मेदारों को कुछ होश आए ।

बहरहाल जिम्मेदारों के संज्ञान लेने तक स्कूल के छोटे बच्चों को ऐसे ही वातावरण में रह कर मध्यान्ह भोजन भी करना है और अपने भविष्य के लिए पढ़ाई भी ।

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