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SCHOOL EDUCATION-दबंग न्यूज लाईव की खबर से मचा हडकंप । चार शिक्षकों को जारी हुई नोटिस ।

स्कूल से बिना कारण हुए थे गायब और स्कूल के बोर्ड में अभी तक गलत जानकारी ।
पेमेंट भी रोका जा सकता है ।

दबंग न्यूज लाईव
बुधवार 19.10.2022

विकास तिवारी

करगीरोड कोटा – कोटा विकासखंड के बहेरामुड़ा संकुल के दो स्कूलों की चौंकाने वाली खबर का प्रकाशन दबंग न्यूज लाईव ने 12.10.2022 किया था ।

दबंग न्यूज लाईव ने बहेरामुडा के शास.प्राथमिक शाला और शा विद्या मंदिर प्राथमिक शाला की खबर को प्रकाशित करते हुए बताया था कि यहां के स्कूलों में शिक्षकों ने किराए पर गांव के ही युवक युवतियों को पढ़ाने के लिए रखा हुआ है और उनके भरोषे स्कूल छोड़ कर गायब हो गए थे । एक स्कूल में तो प्रदेश के मुख्यमंत्री का नाम अभी तक डा रमन सिंह ही लिखा हुआ है जबकि राष्ट्रपति के नाम के सामने स्व. प्रणव मुखर्जी का नाम अंकित है ।


खबर के बाद कोटा बीईओ विजय तांडे ने बहेरामुड़ा स्कूल का दौरा किया तथा खबर को सच पाया । जिसके बाद उन्होंने खरकेनी स्कूल के शिक्षक सेवक लाल जायसवाल , अमित अग्रवाल को शाला में उपस्थित नहीं होने तथा शास विद्यामंदिर के शिक्षकों को स्कूल के बोर्ड में सम्मानिय पदों पर आसीन व्यक्तियों के नाम दिवार पर नहीं लिखे होने को खेद का विषय मानते हुए दोनों स्कूल के चारों शिक्षकों को शोकाज नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया है ।


दबंग न्यूूज लाईव से बात करते हुए बीईओ विजय तांडे ने कहा किदबंग न्यूज लाईव में खबर छपने के बाद मैने स्वयं स्कूलों का दौरा किया था तथा खबर को सच पाया । शास विद्या मंदिर में मुख्यमंत्री के नाम के सामने डा रमन सिंह का नाम लिखा पाया गया जो कि सही नहीं है । सभी प्रधान पाठकों की बैठक में सभी को स्कूल में रंगाई पोताई करने कहा गया था लेकिन इन्होंने नहीं करवाया था । इसके लिए उन्हें नोटिस जारी किया गया है। सहीं और संतुष्टीपूर्ण जवाब नहीं मिलने पर आगे की कार्यवाही की जाएगी ।


बहरहाल इतना तय है कि बहेरामुड़ा के शिक्षक कितने जागरूक है ये इससे ही पता चलता है कि प्रदेश में सरकार बदले तीन साल से उपर का समय हो रहा है लेकिन अभी भी यहां के शिक्षक बच्चों को मुख्यमंत्री के रूप में डा रमन सिंह का ही परिचय करवा रहे हैं ये बेहद गंभीर मामला है । यदि अभी यहां के बच्चों से मुख्यमंत्री और राष्ट्रपति का नाम पूछा जाएगा तो वे गलत ही जानकारी देंगे ऐसे में गलती बच्चों की ही मानी जाएगी जबकि गलती यहां के शिक्षकों की है । इसलिए उच्च अधिकारियों को ऐसे गैर जिम्मेदार शिक्षकों पर कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए ।

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