
एक करोड़ की मुआवजा राशि के साथ ही अन्य दोषियों पर कार्यवाही की मांग ।
दबंग न्यूज लाईव
बुधवार 20.10.2021

बिलासपुर – मरवाही के सचिव गुलाब सिंह तिनमांग ने 18 तारीख को आत्महत्या कर ली थी उसके बाद से ही पुरे प्रदेश के सचिवों में रोष व्याप्त है । लेकिन कार्यवाही से क्षुब्ध गुलाब सिंह ये दबाव नहीं झेल पाए और 18 तारीख को आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया । और एक सवाल छोड़ते चले गए कि किसी भी जांच या कार्यवाही में सिर्फ एक पक्ष को ही दोषी मानते हुए सजा न दी जाए और तब तक तो बिल्कुल ना दी जाए जब तक मामले की पुरी जांच और रिपोर्ट ना आ जाए ।

इस आत्महत्या के पीछे जो कारण निकलकर आ रहा है उसके अनुसार पंचायत के आपरेटर ने पंचायत की बिना अनुमति और जानकारी के डीएससी का उपयोग करते हुए करोड़ों की राशि का आहरण कर लिया था । मामला तब खुला जब पंचायत ने अपने पास बुक की एण्ट्री करवाई । पास बुक की एण्ट्री देखते हुए पंचायत के सचिव सरपंच के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई जब उन्होंने पैसों का आहरण देखा ।

इसकी शिकायत पंचायत के द्वारा 21 जून को थाने में लिखित रूप में की गई लेकिन कार्यवाही कुछ नहीं हुई यदि मामले में शुरूवात में ही संज्ञान ले लिया जाता तो शायद गुलाब सिंह को इस तरह दुनिया नहीं छोड़नी पड़ती । लेकिन ये हमारे यहां का सिस्टम बन गया है कि जब तक कोई हादसा ना हो जाए हम जागते नहीं और ना ही हादसे के बाद आगे के लिए सबक लेते हैं ।
सचिव की लिखित शिकायत के बाद भी ना जांच हुई ना कार्यवाही । बाद में जब मामले ने तुल पकड़ा और एक एक करके दस बारह पंचायतों की यहीं कहानी सामने आई तो जांच शुरू हुई और जांच के बाद पुरा ठिकरा पंचायत सचिवों पर फोड़ते हुए छह सचिवों को निलंबित कर दिया गया और कई कई लाख की रिकवरी निकाल दी गई ।

जबकि होना ये था कि इस जांच में जनपद के कम्प्युटर आपरेटर अजीत मरकाम जिस पर सचिव संघ ने आरोप लगाया है जो जनपद में डीएससी का काम देखता है उसकी भी जांच और पूछताछ होनी थी । लेकिन अधिकारियों ने एक लाईन में सिचवों को निलबिंत करते हुए मामले को शांत करने का प्रयास किया ।

प्रदेश सचिव संघ ने कल एक पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के नाम जारी करते हुए कहा है कि इस मामले में आपरेटर और एक फर्म की भी जांच हो तथा उनपर एफआईआर दर्ज की जाए साथ ही मृतक सचिव गुलाब सिंह के परिवार को एक करोड़ की सहायता राशि प्रदान करें । यदि 25 तारीख तक कोई निर्णय नहीं लिया जाता है तो प्रदेश के सचिव काम बंद कलम बंद हड़ताल पर जाने को मजबुर हो जाएंगे ।
दबंग न्यूज लाईव से बात करते हुए प्रदेश सचिव संघ के प्रांतिय सचिव लखेश्वर यादव का कहना था – मामले में दोषी वेंडर मधुकर द्विवेदी और कंम्प्युटर आपरेटर अजित मरकार के उपर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने हेतु एफआईआर दर्ज होने के साथ ही पूरे मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए और मृतक साथी सचिव के परिवार को एक करोड़ की राशि दी जाए ।