Uncategorizedकरगी रोडकोरबाछत्तीसगढ़ राज्यपेंड्रा रोडबिलासपुरभारतमरवाहीरायपुर

प्रथम हास्पीटल बिलासपुर के उपर किडनी चोरी का गंभीर आरोप ।

मृतक के परिजनों ने लगाए और भी कई गंभीर आरोप ।

दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 09.05.2023

बिलासपुर – बिलासपुर स्थित प्रथम हास्पीटल पर किडनी चोरी करने का गंभीर आरोप लगा हेै । मृतक के परिजनों का कहना है कि अस्पताल के डाक्टर रजनीश पांडेय ने उनसे कई बाते छुपाई और हर बार जानकारी देने की बजाए टाल मटोल करते रहे । परिजनों का ये भी कहना है कि मृत्यु के पश्चात उन्हीं के हास्पीटल की एम्बुलेंस से शव का गांव लाया गया था जबकि अब डा रजनीश पांडेय ये कह रहे हैं कि उन्हें रिफर कर दिया गया था । वैसे प्रथम हास्पीटल पर कई मरीज पहले भी दवा चोरी , बेवजह परेशान करने और डाक्टरों की लापरवाही के आरोप लगाते रहे हैं ।

ये सनसनीखेज पूरा मामला है बिलासपुर के प्रथम हास्पीटल का । मामला शुरू होता है 14.04.2023 को पचपेडी निवासी धरमदास मानिकपुरी और उनके बेटे दुर्गेश मानिकपुरी के एक्सिडेंट के बाद से । धरमदास और दुर्गेश 14 तारीख को अपने घर से शादी का कार्ड बांटने निकलते हैं और उनका एक वाहन से एक्सिडेंट हो जाता है ।

दुर्घटना के बाद धरमदास और दुर्गेश को बिलासपुर के स्वास्तिक अस्पताल में भर्ती कराया गया । अगले दिन परिजनों ने दोनों को और बेहतर ईलाज के लिए प्रथम हास्पीटल में भर्ती कराया लेकिन यहां उनका अनुभव काफी खराब रहा ।

मृतक के बेटे सोमदास का कहना है कि डा रजनीश पांडेय ने मेरे पिताजी का ईलाज शुरू करने के पहले कहा कि ईलाज करते हैं ठीक हो जाएंगे । 15 तारीख से मेरे पिताजी का ईलजा वहां चल रहा था लेकिन 21.04.2023 को साढ़े दस बजे के लगभग डा रजनीश पांडेय ने बताया कि उनके पिता की मृत्यु हो गई है ।

हमने मृत्यु प्रमाण पत्र और उनके ईलाज से संबंधित सभी दस्तावेज मांगे तो उन्होंने बाद में देने की बात कही । उसके बाद प्रथम हास्पीटल के ही एम्बुलेंस से शव का गांव ले जाया गया । क्रिया कर्म के दौरान मेरे पिताजी के पेट के बगल में एक चीरे का निशान दिखाई दिया जिसे गांव के कई लोगों ने देखा । हमें आशंका है कि प्रथम हास्पीटल ने आपरेशन करके मेरे पिताजी की किडनी को निकाल लिया है ।

मृतक के बेटे सोमदास ने एक तीन पेज का आवेदन कलेक्टर और एस पी को देते हुए पूरे बात की जानकारी दी है तथा शव का पोस्टमार्टम कराने की मांग की है ।

इस पूरे मामले में प्रथम हास्पीटल के डाक्टर रजनीश पांडेय से जानकारी ली गई तो उनका कहना था – “धरमदास को जब हमारे अस्पताल लाया गया तो वे वेंटिलेटर पर ही थे और यहां सात दिन के उनका ईलाज चलता रहा बाद में उनके परिजनों ने उन्हें अपनी इच्छा से यहां से लेकर चले गए अब यहां से वे कहां गए इसकी जानकारी उन्हें नहीं है और दस दिन बाद परिजन ऐसा क्यों बोल रहे हैं ये भी मुझे नहीं मालूम । वो खूद को अनपढ़ और कम पढ़ा लिखा बता रहे हैं और चार पेज का आवेदन लिख रहे हैं । मुझे लगता है कि कोई क्लेम का चक्कर होगा जिसके लिए पीएम की आवश्यकता होगी इसलिए ऐसा कर रहे हैं । उन्होंने कलेक्टर साहब के यहां आवेदन दिया है अब कलेक्टर साहब जो समिति बनाएंगे उसके आगे मैं सभी जानकारी रखूंगा ।”

डा रजनीश पांडेय की बातों से और मृतक के परिजनों के दिए आवेदन से कई सवाल सामने आ रहे हैं । सबसे बड़ा सवाल यही है कि किडनी निकालने का जो आरोप लगाया जा रहा है क्या वाकई में उसमें कुछ सच्चाई है ? आखिर परिजन इतना गंभीर आरोप बिना किसी सबूत के तो लगा नहीं रहे होंगे ? डा रजनीश पांडेय का कहना है कि हमारे यहां से उनके परिजन उन्हें अपनी मर्जी से ले गए ऐसे में मैं क्या बताउं कि कहां ले गए और क्या हुआ ? जबकि परिजनों ने अपने आवेदन में लिखा है कि अस्पताल के एम्बुलेंस से ही शव को गांव लाया गया था ? यदि परिजनों की बात सच है तो फिर डाक्टर को कैसे नहीं मालूम कि एम्बुलेंस कहां और क्यों जा रही है ? यदि मरीज के परिजनों के द्वारा ईलाज की रिपोर्ट मांगी जा रही थी तो देने में आनाकानी क्यों हो रही थी ? डा रजनीश पांडेय का कहना है कि उन्होंने सरकडा थाने में सारी जानकारी दे दी थी जबकि परिजनों ने अपने आवेदन में लिखा है कि थाने से उन्हें मालूम हुआ कि थाने में कोई जानकारी ही नहीं दी गई थी ?

बहरहाल ये मामला काफी गंभीर है और प्रशासन को इस मामले में कार्यवाही करते हुए सच्चाई सामने लाना चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके और मुश्किल के समय डाक्टरों और हास्पीटल पर भरोषा और विश्वास लेकर जो मरीज वहां जाते हैं उनका भरोषा ना टूटे । इस मामले में अस्पताल प्रबंधन को भी आगे आकर जांच की मांग करनी चाहिए ताकि उन पर लगे आरोप की सच्चाई वो सबके सामने ला सके ।

Related Articles

Back to top button