करगी रोडकोरबापेंड्रा रोडबिलासपुरभारतमरवाहीरायपुर

शैलेष पाण्डेय । क्या राजनीति में आकर गलती हो गई ?

दिग्गज भाजपा नेता को हराने और बिलासपुर सीट दिलाने के बाद भी महत्व नहीं ।

दबंग न्यूज लाईव
सोमवार -14.07.2020

 

Sanjeev Shukla
Sanjeev Shukla

बिलासपुरबिलासपुर विधानसभा सीट 2018 के पहले तक भाजपा का अभेद्य गढ़ रहा है । और इसका एक बड़ा कारण रहे हैं भाजपा के दिग्गज नेता अमर अग्रवाल । 2018 के पहले तक लोग ये मान चुके थे कि बिलासपुर विधानसभा सीट अब अमर अग्रवाल और भाजपा की सुरक्षित सीट हो गई है और यहां अब कांग्रेस सपने देखना बंद कर दे । लोगों का ये अंदाजा सहीं भी था क्योंकि 2008 से अमर अग्रवाल ने यहां अपनी धाक जमा ली थी और धीरे धीरे प्रदेश के कद्दावर नेता में उनकी गिनती होने लगी ।
2008 में कांग्रेस के अनिल टाह को हराने से शुरू ये सफर 2013 में भी वाणी राव को हराने के साथ कायम रहा । लेकिन 2018 के चुनाव में बिलासपुर विधानसभा से एक नए चेहरे को कांग्रेस ने उतारा । ये चेहरा था डा सी वी रमन विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत शैलेष पाण्डेय ।


शैलेष पाण्डेय की पहचान जिले और प्रदेश में शिक्षाविद के रूप में रही है । मिलनसार और आकर्षक व्यक्तित्व के शैलेष पाण्डेय का नाम जब कांग्रेस ने आगे किया तो लोगों को लगा कि दिग्गज अमर अग्रवाल के सामने शैलेष पाण्डेय का वजन कम है और शायद कांग्रेस ने भी इस सीट को उतनी गंभीरता से नहीं लिया है और भाजपा को वाक ओव्हर दे दिया है ।


इस बीच ये चर्चा भी रही कि शैलेष पाण्डेय भाजपा में जा सकते हैं और कोटा विधानसभा से उनको टिकट मिल सकती है लेकिन ये चर्चा तक ही सीमित रह गया । क्योंकि इस समय तक शैलेष पाण्डेय और अमर अग्रवाल में 36 का आंकड़ा बनने लगा था ।
2018 चुनाव के पहले शैलेष पाण्डेय और अमर अग्रवाल एक दुसरे से कई बार वाक युद्ध में भीड़ चुके थे । भाजपा यहां से अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थी लेकिन जैसे जैसे मतदान की तारीख पास आते गई भाजपा को लगने लगा कि कुछ गड़बड़ हो सकती है । पूरे प्रदेश की नजर बिलासपुर सीट पर लग गई ।


लोगों को बदलाव चाहिए था और उन्हें शैलेष पाण्डेय मिल चुके थे रिजल्ट आया और इस रिजल्ट ने प्रदेश में नया इतिहास लिख दिया । कांग्रेस ने बिलासपुर सीट जीत ली , भाजपा के दिग्गज अमर अग्रवाल लगभग बारह हजार वोटो से हार गए । इस जीत के बाद शैलेष पाण्डेय के समर्थकों को लगा कि इतनी बड़ी जीत के बाद शैलेष पाण्डेय को मंत्री पद मिल सकता है ।


लेकिन मंत्रीपद उनसे दूर ही रहा । इन दो सालों में बीच बीच में पार्टी कार्यक्रमों में जैसा व्यवहार उनसे हुआ वो भी चोैंकाने वाला ही था । फिर चाहे वो मुख्यमंत्री के स्वागतवाली तस्वीर हो जिसमें कांग्रेस के ही कुछ लोग उनका हाथ पकड़ लेते हैं या रावण दहन के मुख्य आयोजन से उन्हें दूर रखने की सबसे उन्हें किनारे किया गया । हाल ही में कोरोना काल में अपने बंगले से अनाज बांटने के कारण भी वे विवादों में रहे और उन पर एफआईआर तक हो गई ।


धीरे धीरे हासिए पर जा रहे विधायक और उनके समर्थकों को उम्मीद थी कि संसदीय सचिव का पद उन्हें मिल सकता है । लेकिन कल जारी सूची में भी शैलेष पाण्डेय को स्थान नहीं दिया गया । इस सूची ने उनके समर्थकों को जरूर निराश किया होगा ।
दबंग न्यूज से बात करते हुए बिलासपुर विधायक शैलेष पाण्डेय ने कहा कि – उन्हें पद की लालसा नहीं है ना ही वे मौकापरस्त हैं । राजनीति में वे जन सेवा के लिए ही आए हैं और पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी वे उसे पूरा करेंगे ।

 

 

[contact-form][contact-field label=”Name” type=”name” required=”true” /][contact-field label=”Email” type=”email” required=”true” /][contact-field label=”Website” type=”url” /][contact-field label=”Message” type=”textarea” /][/contact-form]

[contact-form][contact-field label=”Name” type=”name” required=”true” /][contact-field label=”Email” type=”email” required=”true” /][contact-field label=”Website” type=”url” /][contact-field label=”Message” type=”textarea” /][/contact-form]

[contact-form][contact-field label=”Name” type=”name” required=”true” /][contact-field label=”Email” type=”email” required=”true” /][contact-field label=”Website” type=”url” /][contact-field label=”Message” type=”textarea” /][/contact-form]

 

Related Articles

Back to top button