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पंचायतों को लुटने का खेल फिर शुरू, बिना पंचायत की अनुमति के ब्लाक कांग्रेस उपाध्यक्ष और जनपद अध्यक्ष सांठ गांठ कर पंचायतों को कर रहे माल सप्लाई ।

तीन हजार से चार हजार रूपए के सामान को बीस से पच्चीस हजार में टीका रहे ।

 

दबंग न्यूज लाईव
शुक्रवार 21.05.2021

करगीरोड कोटा – आपदा में अवसर कैसे बनाए जाते हैं कोई जनपद पंचायत कोटा से सीखे और समझे । एक जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत कोटा के सभी पंचायतों में जनपद अध्यक्ष और ब्लाक कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष मिलकर करोना से निपटने का सामान सप्लाई कर रहे हैं । सामान सप्लाई करना कोई गलत बात नहीं है लेकिन इसकी आड़ में पंचायतों को चूना लगाना ये गंभीर बात है । जानकारी के अनुसार एक पंचायत को जो किट भेजी जा रही है उसकी कीमत लगभग पच्चीस हजार बताई जा रही है जबकि किट में मुश्किल से तीन से चार हजार का ही सामान है ।


किट में सेनेटाईजर , मास्क , साबून के साथ एक आक्सीमीटर और एक टेम्परेचर नापने का डिजिटल थर्मामीटर है । एक आदमी गाड़ी में ये किट रखकर पंचायत पंचायत घुम रहा है और सरपंच के यहां ये सामान ये बोल कर छोड़ रहा है कि जनपद से भेजा गया है बाद में पैसा देना है । कुछ पंचायत सामान वापस कर दे रहे हैं तो कुछ पंचायत ये सोच कर रख ले रहे हैं कि जनपद से आया है फ्री होगा । जबकि उनका समझना चाहिए कि ऐसा ही कारनामा पहले दौर में जनपद वाले कर चुके हैं जब हजारों रूपए सेनेटाईजर और मास्क के नाम पर पंचायतों से वसूल लिए गए थे ।

जनपद पंचायत के सीईओ के पास एकदम साफ साफ रास्ता निकलने का है और वो वही रास्ता अपना रहे हैं कि सामान खरीदने के लिए पंचायत स्वतंत्र है । ये सहीं है कि पंचायत स्वतंत्र है फिर उनके उपर सामान लेने का दबाव क्यों डाला जा रहा है ? यदि पंचायत स्वतंत्र है तो फिर उनके मद में जनपद पंचायत रोक क्यों लगा देता है ? पंचायत यदि स्वतंत्र है तो अपने हिसाब से और अपनी जरूरत के मुताबिक सामाान खरीदेगा ये बिना बोले जबरदस्ती जनपद की तरफ से है करके क्यों भेजा जा रहा ? लेकिन जब इस मामले में जनपद सीईओ का नाम सामने आ रहा है तो जनपद सीईओ को पूरे मामले को साफ करना चाहिए और अपने पंचायतों को साफ साफ दिशा निर्देश देना चाहिए ।

सरपंच संघ के अध्यक्ष मनोहर धु्रव का कहना है कि – बिना सरपंचो के मीटिंग लिए, बिना जानकारी के जनपद अध्यक्ष कोटा एवं ब्लाक कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष नेतराम साहू के द्वारा पंचायतो मे घटिया कोरोना किट एवं आरसीएम का महंगा प्रोडक्ट पंचायतो मे छोड़ा जा रहा है जो गलत है. पंचायत कहां से इसका भुगतान करेगा ।


रानीबछाली के सरपंच का कहना था – मेरे पास भी एक व्यक्ति सामान छोड़ने आया था कि ब्लाक कांग्रेस के उपाध्यक्ष भेजे हैं सीईओ के कहने पर मैने कहा आदेश दिखा दो तो उसका कहना था कि मौखिक ही है । सामान तो तीन से चार हजार का ही रहा होगा , अभी तो पैसे नहीं मांग रहे थे लेकिन बाद में तो लेंगे ही । मैने मना कर दिया है ।


सरपंच संघ उपाध्यक्ष एवं सरपंचगण कोटा – जयकुमारी प्रभु जगत चंगोरी,परमेश्वर मिरी खैरझिटी,विजय कोल शक्तिबहरा,पिंटू मरकाम प्रतिनिधि खुरदुर,सूर्यभान तंवर बिल्लीबंद,जग्गनाथ आर्मो, खैरा,मिथलेश मरकाम मनपहरी ,नरेंद्र जगत प्रतिनिधी परसदा कोरी आदी लोगों ने कहा हमारे पास भी कोरोना किट के नाम से जनपद कोटा से आया था हमने लौटा दिया मना कर दिया कम कीमत के सामान को जनपद कोटा के तरफ से महंगा मे दिया जा रहा है इसलिए मना कर दिए सिर्फ जनपद कोटा द्वारा आपदा मे व्यापार किया जा रहा है जनता के हित छोड़ बिना टेंडर सरकारी किट के जगह पायवेट कंपनी का किट भेजवाया जा रहा है ये सरासर गलत है.

सरपंच गंगा दाऊ सिंह मरावी शिवतराई ने कहा जनपद कोटा द्वारा भेजवाया सामान अक्सीमीटर, प्लसमीटर घटिया टुटा फूटा सामान भेजवाया है मार्केटिंग कंपनी का प्रोडक्ट को कमिसन के चककर मे स्वास्थ्य विभाग का सामान जनपद कोटा के तरफ से आया है करके मेरे यहाँ छोड़ा है अब पता चल रहा इसका पेमेंट जनपद कोटा को करना होगा करके ये अच्छी बात नहीं ये धोखा है सरपंच संघ मे इस बात को रखी जाएगी 

सरपंच भैसाझार अलका सहदेव राज का कहना है की हम लोग घर मे नहीं थे उसी समय जनपद कोटा से कोई व्यक्ति आकर कोरोना किट मेरे घर मे छोड़ा गया है जिसकी कीमत देख रहे है तो 21640 हो रहा है ये हमें जनपद कोटा द्वारा फ्री मे छोड़ा गया है करके गांव मे बाँट दिया हु अब बिल भेजेंगे तो ये गलत है.

सीईओ जनपद पंचायत कोटा से जानकारी लेने पर उनका कहना था कि – पंचायतों को ऐसा कोई सामान जनपद की तरफ से सप्लाई नहीं किया जा रहा है । यदि जनपद से दिया जाता तो उसका आदेश निकलता । पंचायत को लेना है या नहीं ये उनका अधिकार है ।

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