वन विकास निगम की दरियादिली – ऐसी कहानी सुनाई की आंसू आ गए ।
लकड़ी चोर को पकड़ा फिर कार्यवाही करने के बदले आराम करने के लिए राहत दे दिया ।
दबंग न्यूज लाईव
गुरूवार 02.08.2023
सूरज गुप्ता
करगीरोड कोटा – वन विकास निगम के कर्मचारी अधिकारी कितने दरियादिल है ये इनके अधिकारियों से बात करने के बाद पता चलती है । इतने रहमदिल और दरियादिल अधिकारी कर्मचारी शायद किसी विभाग में नहीं होंगे । इनकी बात सुनने के बाद तो इमोशनल व्यक्ति के आंसू ही ना रूके ।
पूरा मामला है दो दिन पहले का घटना स्थल है उमरिया कुरदर । विभाग की डिप्टी डी एम चुनेश्वरी अदिती से इस घटना के बारे में बात की गई तो उन्होंने जो बताया उसके बाद तो कई घंटे यहीं सोचने में लग गए कि खबर बनाएं कैसे । डिप्टी डी एम से बात करने के बाद जो बात समझ आई उसके अनुसार रात के समय वन विकास निगम के कुछ कर्मचारी गस्त में निकले तो इन्हें पांच सात लोग लकड़ी काटते मिल गए । जब लकड़ी काटने वालों ने वर्दी में अधिकारियों को देखा तो भाग निकले लेकिन एक व्यक्ति गिर कर चोटिल हो गया जिसको काफी चोटे आई । अकेले और घायल व्यक्ति को देख कर निगम के कर्मचारियों का दिल पसीज गया और उन्होंने उसे दो दिन की मोहलत आराम और ईलाज करने के लिए दे दी कि जब ठीक हो जाएगा उसके बाद कार्यवाही की जाएगी । ये घटना शनिवार रात की बताई जा रही है उसके बाद से घायल व्यक्ति का कोई अता पता विभाग को नहीं मिल पाया है ।
लेकिन अंदरूनी सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार रात के समय में जब गस्त के लिए अधिकारी गए तो उन्होंने लकड़ी काटने वालों को देखा विभाग की गाड़ी देखकर कुछ लोग तो भाग गए लेकिन एक व्यक्ति इनके हत्थे चढ़ गया जिसकी तबीयत से धुनाई इन लोगों ने की और इतना मारा कि उस व्यक्ति के सर में टांके लगवाने पड़ गए ।
चूंकि कुछ दिन पहले ही वन विकास निगम के भैंसाझार नर्सरी में भी एक मार पीट की घटना को अंजाम देने का आरोप विभाग पर लगा था इसलिए रात में व्यक्ति की धुनाई करने के बाद जब देखा गया कि चोट गंभीर हो गई है तो रात में ही उस व्यक्ति को किसी प्रायवेट डाक्टर से ईलाज कराने के बाद सुबह उसके घर छोड़ दिया गया और उसे धमकाया कि मारपीट की बात किसी से कहना नहीं I
विभाग की डिप्टी डी एम से बात करने पर उनकी बताई गई कहानी में कई झोल नजर आते हैं जैसे यदि किसी व्यक्ति को विभाग ने लकड़ी काटते पकड़ा तो उसे छोड़ क्यों दिया ? यदि वो व्यक्ति गिर कर ही चोटिल हुआ था तो उसका ईलाज विभाग ने क्यों नहीं करवाया ? पूरे मामले में पंचनामा , मुलाहिजा और बाकी कार्यवाही क्यों नहीं हुई ? क्यो व्यक्ति को आराम करने और ठीक होने के बाद कार्यवाही करने की बात कही गई ?
किसी अपराध कारित करते व्यक्ति को पकड़ कर उसे आराम करने के लिए छोड़ देने का शायद ये पहला मामला होगा । इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए जिससे सच सामने आ सके ।