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मरवाही के महासंग्राम में जोगी परिवार के बाहर होने के मायने ।

पिछले पंद्रह सालों से इसी जाति प्रमाण पत्र से कैसे चुनाव लड़ते रहे जोगी परिवार ?
नामाकंन रद्द होने के बाद अमित जोगी ने कहा -पूरे चुनाव को रद्द करवाउंगा ।

दबंग न्यूज लाईव
शनिवार 17.10.2020

 

Sanjeev Shukla

7000322152

मरवाही छत्तीसगढ़ की राजनीति में मरवाही के नाम का काफी दबदबा है । मरवाही याने अजीत जोगी और अजीत जोगी याने प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री । कहा जाता है कि मरवाही के एक एक गांव में और एक एक व्यक्ति की रगो में राजनीति बहती है । गांव का एक व्यक्ति भी राजनीति के ऐसे ऐसे फंडे बता देगा कि आप सोचते रह जाएंगे ।


ये यही मरवाही जहां से स्व.अजीत जोगी के लिए भाजपा के विधायक रामदयाल उईके ने सीट खाली कर दी थी । ये वही मरवाही है जहां से अजीत जोगी और अमित जोगी पिछले पंद्रह सालों से रिकार्ड मतो से विजयी होते आए हैं । लेकिन ये पहली बार है जब जाति प्रमाण पत्र के चक्कर में अमित और ऋचा जोगी का नामांकन निरस्त हो गया और प्रदेश बनने के बाद पहली बार ऐसा होगा कि मरवाही में चुनाव हो रहा हो और जोगी परिवार उसमें प्रत्याशी ना हो।


इस प्रकरण ने प्रदेश के सामने एक ज्वलंत सवाल ये खड़ा कर दिया है कि यदि ये जाति प्रमाण पत्र गलत है तो फिर पिछले पंद्रह सालों से यहां से इसी जाति प्रमाण पत्र से जोगी परिवार कैसे चुनाव लड़ते रहे ?

ये देश की राजनीति के दो चेहरे को उजागर करता है । प्रदेश में पिछले पंद्रह साल भाजपा की जब जब सरकार बनी दबी जुबान से यही चर्चा होते रही कि क्या अजीत जोगी का बेक सपोट भाजपा को है ? और क्या पिछले तीन चुनाव सिर्फ इसलिए जोगी परिवार यहां लड़ पाया कि भाजपा शासन काल में जोगी परिवार को राहत मिलती रही ?और अब जब कांग्रेस की सरकार आ गई है तब वहीं सब कागजात बेकार और फर्जी हो गए जिसके दम पर जोगी परिवार मरवाही में चुनाव लड़ते रहा । विधायक बनते रहे ।

मरवाही के चुनाव में अब जनता कांग्रेस बैकफुट पर आ गई है । जोगी दम्पत्ति में से कोई भी इस चुनाव में रहता तो शायद बाकी दलों को काफी नुकसान उठाना पड़ता लेकिन अब भाजपा और कांग्रेस फिलहाल जनता कांग्रेस से आगे दिख रहे हैं ।

इधर नामाकंन रद्द होने के बाद अमित जोगी ने कहा है कि – इसका अंदेशा मुझे पहले से था । मैं तो शुरू दिन से ही कह रहा हूं कि यहां जिलाधिश कांग्रेस के जिलाध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हेैं । हमारे लिए अभी भी सारे विकल्प खुले हुए हैं यही एक कोर्ट थोड़ी है ।
वैसे इस बीच ये भी खबर आ रही है कि जनता कांग्रेस से जिन दो और लोगों के नामाकंन जमा करवाए गए थे उनके भी नामाकंन रद्द हो गए हैं क्योंकि जनता कांग्रेस ने उन्हें बी फार्म ही नहीं दिया था ।

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