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सभी स्कूलों को आगामी आदेश तक बंद करने के आदेश तो ठीक , लेकिन फीस का क्या होगा ? इस पर भी समीक्षा बैठक में विचार होना चाहिए ?

प्रायवेट स्कूल अभी भी पालकों से भारी भरकम फीस वसुलने के चक्कर में ।

जब सभी कक्षाओं में जनरल प्रमोशन तो फिर , फीस भी आधी करवा देते ।

दबंग न्यूज लाईव
सोमवार 22.03.2021

 

रायपुर राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए सभी स्कूल आगामी आदेश तक बंद किया जाए । कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को छोड़कर अन्य सभी कक्षाओं में परीक्षा नहीं ली जाएगी और सभी विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन दिया जाएगा। कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार ऑफलाइन मोड में ली जाएंगी।

 

इन परीक्षाओं में कोरोना संक्रमण से बचाव के सभी उपाय केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों के अनुसार किए जाएंगे। यह आदेश राज्य सरकार, केन्द्र सरकार और निजी सभी स्कूलों पर लागू होगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस आशय का आदेश जारी कर दिया गया है।


अभी अभी आई एक जानकारी के मुताबिक स्कूलों के साथ ही शिक्षकों की भी छुटटी घोषित कर दी गई है । अब शिक्षक स्कूल जाने से बच जाएंगे उनकी डयूटी सिर्फ परीक्षा के समय ही लगाई जाएगी ।  लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि पूरे सत्र जब पढ़ाई ही नहीं हुई , स्कूल ही नहीं लगे तो फिर प्रायवेट स्कूल पालकों से पूरे साल की भारी भरकम फीस क्यों वसूल कर रहे हैं । जब दसवीं और बारहवीं को छोड़कर बाकी सभी कक्षाओं में जनरल प्रमोशन होना है तो फिर स्कूल वालेे आनलाई परीक्षा कराने के नाम पर जुलाई से अब तक पूरे दस माह की फीस क्यों ले रहे हैं ?

जबकि अधिकतर प्रायवेट स्कूलों ने अपने टीचरों की छुट्टी कर दी है और आनलाईन क्लास के नाम पर स्कूल के एक या दो टीचर ही सभी विषयों की कक्षाए ले रहेे हैं । जबकि ये नीजि विद्यालय पालकों से पूरे सत्र की फीस की मांग कर रहे हैं और जमा नहीं करने पर बच्चों को परीक्षा देने से मना किया जा रहा है । पालक परेशान हैं कि इस संक्रमण काल में जब व्यापार और रोजी मजदूरी है नहीं ऐसे में स्कूल की फीस कैसे जमा की जाए लेकिन बच्चों के भविष्य को देखते हुए मजबूरन उन्हें कहीं ना कहीं से उधारी बाड़ी करके स्कूल की फीस जमा करनी पड़ी रही है ।

सरकार को अपनी समीक्षा बैठक में इस बड़ी समस्या की भी समीक्षा करनी चाहिए तथा स्पष्ट आदेश निकालना चाहिए कि प्रायवेट स्कूल पूरे सत्र की फीस की जगह आधे सत्र की ही फीस लें जिससे पालकों को भी राहत मिल सके ।

sanjeev shukla

Sanjeev Shukla DABANG NEWS LIVE Editor in chief 7000322152
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