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मनरेगा का 28 लाख रूपए डकार गए डाकपाल महोदय ।सांसद की शिकायत के बाद भी दो साल लग गए कार्यवाही होते ।

सांसद ने पीएमओ में मामले की शिकायत की उसके बाद भी दो साल लग गए ।

तीन साल पहले जनदर्शन में हुई शिकायत पर अब जाकर एफआईआर ।

जनपद पंचायत सीईओ ने किया डाकपाल के खिलाफ एफआईआर ।

दबंग न्यूज लाईव
शुक्रवार 09.10.2020

 

रियाज अशरफी

सीपत आपने अभी तक मनरेगा में गड़बड़ी करते पंचायत के कर्मचारियों की ही शिकायत सुनी होगी लेकिन आप जानकर आश्चर्य में पड़ जाएंगे कि मस्तूरी के गोंडाडीह में मनरेगा के 28 लाख से भी ज्यादा की राशि पंचायत ने नहीं डाकघर के डाकपाल ने ही कर डाली । पूरा मामला मस्तूरी के गोंडाडीह का है । गोंडाडीह शाखा डाकघर के डाकपाल को जांच में 43 मजदूरों के मनरेंगा की राशि 197058 लाख के गबन करने का आरोपी पाया गया है आरोपी डाकपाल के खिलाफ पचपेड़ी थाना मे जनपद सीईओ के निर्देश पर एफआईआर कराया गया है। इस प्रकरण में जहां जनपद पंचायत सीईओ ने लगभग 2363955 रूपए की गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए एफआईआर करवाई है ।


मामले कि शिकायत तीन वर्ष पूर्व 2017 में ग्रामीणों ने कलेक्टर जनदर्शन में की थी जिस पर कार्यवाही अब जाकर हो पाया है। और तो और उस समय के तत्कालीन सांसद लखन साहू ने भी इस मामले को लेकर 2018 में ग्रामीण एवं विकास ,पंचायत मंत्रालय के केबिनेट मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से की थी । अब सोचिए सांसद की शिकायत के बाद भी किसी प्रकरण मे कार्यवाही होने में दो साल लग जाते हों तो फिर आम जनता की शिकायतों पर खाक कार्यवाही होगी ।

 

जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत मस्तूरी के ग्राम पंचायत भुरकुंडा में वर्ष 2015-16 और 2016-17 में ग्राम पंचायत में महात्मागांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना के तहत 147 ग्रामीणों ने तालाब गहरीकरण,डबरी भूमि सुधार सड़क निर्माण एवं शौचालय निर्माण में मजदूरी किया था मस्तूरी जनपद पंचायत के मनरेंगा विभाग ने उक्त कार्यो की राशि को गोंडाडीह डाक घर को ट्रांसफर कर दिया था लेकिन गोंडाडीह पोस्ट ऑफिस शाखा के डाकपाल महेंद्र कुमार सुमन ने वह राशि मजदूरों को देने के बजाय खुद गबन कर दिया।

इस मामले की लिखित शिकायत भुरकुंडा के संदीप कुमार और ग्रामीणों ने 25 जुलाई 2017 को कलेक्टर के जनदर्शन में करते हुए तत्काल मजदूरों का भुगतान करने व मामले में दोषी डाकपाल पर कार्यवाही करने की मांग किया था बिलासपुर कलेक्टर के आदेश पर तत्कालीन जनपद पंचायत सीईओ ने इस मामले में आरोपी डाकपाल महेंद्र कुमार सुमन को नोटिस जारी करते हुए जवाब प्रस्तुत करने को कहा था लेकिन डाकपाल ने किसी भी तरह का कोई लिखित जवाब प्रस्तुत नही किया।

तब प्रशासन ने इसकी जांच की जिम्मेदारी सम्बंधित पोस्ट ऑफिस डाक विभाग को दिया लेकिन डाक विभाग ने जांच में ही तीन वर्ष गुजार दिए इस बीच ग्रामीणों मामले की शिकायत मुख्यमंत्री के अलावा सम्बंधित मंत्री सहित कई लोगो से किया गया । मामले को वर्तमान जनपद पंचायत मस्तूरी सीईओ कुमार सिंह लहरे ने संज्ञान में लिया और बिलासपुर जिला पंचायत सीईओ के निर्देश पर डाक विभाग के अधिकारियों से कार्यवाही के सम्बंध में जानकारी मांगी तब मामले का खुलासा करते हुए विभाग ने डाकपाल महेंद्र कुमार सुमन को 43 मजदूरों के 1लाख 97 हजार करोड़ 58 रुपये के गबन का आरोपी बताया जनपद सीईओ के आदेश पर पचपेड़ी थाना में बुधवार को डाकपाल महेंद्र कुमार सुमन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया। इस कार्यवाही के बाद पंचायत की राशि का गबन करने वालो में हड़कम्प मचा हुआ है।

कुमार सिंह धृतलहरे,मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मस्तूरी  – जिला पंचायत बिलासपुर के मुख्यकार्यपालन अधिकारी के निर्देश पर मनरेंगा के गबन के आरोपी गोंडाडीह के डाकपाल के ऊपर पचपेड़ी थाना में एफआईआर कराई गई है। आगे भी इस तरह के मामलों के दोषियों के ऊपर कार्यवाही की जाएगी।

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