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सार्वजनिक वितरण की दुकान से स्थानीय लोगों को नहीं दूसरे राज्य में रहने वालों को दिया जा रहा राशन ।

सोसायटी संचालक द्वारा फर्जी तरीके से राशन निकाल किया जा रहा धांधली ।

दबंग न्यूज लाईव
गुरूवार 27.08.2020

 

परसन कुमार राठौर ।

जांजगीर – एक पीडीएस संचालक ऐसा की दूसरे राज्यो में रह रहे लोगों की बिना उपस्थिति और हस्ताक्षर के राशन सामग्री खुद निकालने में माहिर यह उचित मूल्य का दुकान संचालक जो राशन सामग्री पहुंचे लोगों को घटो इंतेजार करवाता है और राशन खत्म हो गया है करके वापस भी भेज देते है और राशन नहीं देने की बात करते है ये भले ही गाव में रहने वाले लोगों को राशन समान नहीं दे सकते है, मगर जो व्यक्ति या परिवार प्रवास में है और कमाने खाने पूरे परिवार सहित अन्य राज्य गए हुए है उनका राशन सामग्री ये बाकायदा बिना किसी परिवार के लोगों के और बिना किसी उपस्थिति, फोटो और हस्ताक्षर के निकलने का हुनर रखते है।


हम बात कर रहे है जांजगीर चांपा जिले के सक्ती तहसील के अन्तर्गत आने वाले उचित मूल्य दुकान सकरेली (बाराद्वार) की जहां पर दुकान संचालक शांति लाल द्वारा मनमानी पूर्वक उचित मूल्य दुकान की संचालन की जाती है और राशन समान लेने पहुंचे लोगो को घंटों लाइन लगा कर बिना सोशल दिस्टेंटिंग के खड़ा कर दिया जाता है और यहां पर भले ही गाव में रह रहे लोगों को राशन समान ठीक से न मिले मगर जो व्यक्ति या परिवार मजदूरी के लिए दूसरे राज्य गए हुए थे उनका राशन समान दुकान संचालक द्वारा फर्जी तरीके से बिना किसी परिवार के व्यक्ति के उपस्थिति के बिना ही राशन समान निकाल कर गबन कर लिया गया है I

 जब प्रवासी मजदूर गांव आकर राशन समान लेने गए तो उनको बोला गया कि अब आपका राशन समान खत्म हो गया है आप लोग नहीं आए तो उसकी जिम्मेदारी हम क्यों लेंगे और आपके लिए राशन आया ही नहीं है अब आ गए हो तो अगले माह आपको राशन समान दिया जाएगा मगर इस माह आपके लिए राशन नहीं आया है और जब इस सम्बन्ध में हमने दुकान संचालक शांति लाल से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कुछ भी बोलने से साफ मना कर दिया I

पूरे देश में एक तरफ कोरोना के चलते आर्थिक कमजोरी छाई हुए है कई योजनाओं को चलाकर जनताओ को राहत देने का प्रयास कर रहा है मगर इस तरह के लोग शासन प्रशासन के आंखों में धूल झोंक कर भ्रष्टाचार करने में तुले हुए हैं वहीं खाद्य विभाग में एक सवालिया निशान यह पैदा होता है कि क्या सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सिस्टम में राशन सामग्री लेते वक्त जो परिवार के किस एक व्यक्ति की फोटो खींची जाती है तो क्या वह फोटो सही में दतावेज बनकर जमा होती है या फिर यह फोटो जनाताओ के आखो में चस्मे का काम करती है।

सोचने वाली बात यह है कि आखिर कब तक इन गरीब परिवार और सरकार के राशन सामग्री आखिर ऐसे भ्रष्टाचारी के हाथो में जाता रहेगा या फिर इस तरह जनता और सरकार को ठगने वालो के उपर उचित और सख्त कार्यवाही कबतक होगी।

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