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एलईडी जांच के लिए पीपरतराई पंचायत पहुंची टीम लेकिन सचिव को मिल गया हड़ताल का बहाना ।

ना सचिव उपस्थित ना रिकार्ड उपलब्ध आधे घंटे में वापस लौटी जांच टीम ।
जनपद सदस्य ने कहा जब तक जांच नहीं होती सचिव दुर्जन साहू को यहीं पदस्थ रखा जाए ।

दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 29.12.2020

 

विकास/साकेत

करगीरोड कोटा कोटा जनपद पंचायत में एलईडी लाईट का मामला फिलहाल शांत होते नहीं दिख रहा है खासकर पीपरतराई ग्राम पंचायत मे अमानक और किमत से कई गुना अधिक पर लगे एलईडी लाईट ने पुरे पंचायत को बदनाम कर दिया है । एलईडी मामले में जांच के लिए जनपद सदस्यों ने पिछले दिनों भूखहड़ताल भी कर दिया । जनपद सदस्यों का कहना था कि पंचायत से किसी जनहित के काम के लिए कहा जाता है तो बजट नहीं हेै का बहाना बनाते हैं और यहां जो काम हजार रूपए में हो जाए उसके लिए लाखों रूपए फर्जी तरीके से निकाले जा रहे हैं ।

पीपरतराई क्षेत्र की जनपद सदस्य अश्वनी टोडर ने पीपरतराई के सचिव दुर्जन साहू के व्यवहार के साथ ही उनके द्वारा पंचायत में पांच लाख के घोटाले की जांच करने के लिए जनपद सीईओ को आवेदन दिया था जिसके बाद जनपद सीईओ ने यहां के जांच के आदेश देते हुए चार सदस्यों की एक जांच टीम का भी गठन कर दिया ।


जांच टीम आज पीपरतराई पहुंची लेकिन सचिव महोदय गायब थे उन्हें हड़ताल का बहाना मिल गया ऐसे में जांच टीम किसी प्रकार का कोई रिकार्ड नहीं देख पाई । सचिव को ये भी बहाना मिल जाएगा कि जो जांच का आदेश निकला है उसमें मुझे उपस्थित होने का आदेश नहीं हैं और ना ही मुझे इस बारे में जानकारी दी गई है ।


कुछ दिन पहले ही जनपद सदस्य भी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए थे । जनपद सदस्यों की मांग थी कि पीपरतराई पंचायत मेंएलईडी बल्ब लगाने के नाम पर पंचायत के सचिव सरपंच ने लाखों का घोटाला किया है । इसी प्रकार तेंदुवा जनपद क्षेत्र के तेंदुवा पंचायत में 14 वें वित्त की राशि में भी घोटाले का आरोप लगा था ।

जनपद सदस्य अश्वनी टोडर ने जांच टीम पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जनपद के ही करारोपण और तकनीकी सहायकों को जांच का जिम्मा दिया गया है । जबकि जांच बिलासपुर की टीम से करवाई जानी थी और टीम में अधिकारियों के साथ ही कुछ जिम्मेदार बाहरी लोगों को भी रखा जाना था जिससे जांच पारदर्शिता के साथ हो । जनपद सदस्य ने इस बात की मांग की कि जब तक यहां की जांच पुरी नहीं हो जाती यहां के सचिव को यहीं पदस्थ रखा जाए ।

जांच अधिकारी गोपी सिंह क्षत्री का कहना था कि हमने तीन दिन पहले ही सचिव को उपस्थित होने के लिए सूचना तामिल करवाए थे लेकिन सचिव उपस्थित नहीं हुआ । ऐसे में हम रिकार्ड नहीं देख पाए , रिकार्ड देखने के बाद ही जांच की कार्यवाही आगे बढ़ सकती है । जब तक सचिव रिकार्ड नहीं देगा कैसे जांच हो पाएगी ।

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