परिवार वालों ने जिस पर जताया था आरोप वही निकला आरोपी जब वहीं आरोपी था तो गिरफ्तार करने इतने दिन कैसे लगे ?
दबंग न्यूज लाईव
शुक्रवार 07.05.2021
करगीरोड कोटा – कोटा विकासखंड का एक छोटा सा गांव रतखंडी आबादी लगभग 15 से 17 सौ लेकिन ये गांव अचानक चर्चा में आ गया और इसका कारण था सोनम पटेल कांड । सोनम पटेल की लाश 23 अप्रेल को गांव के ही आम पेड़ पर लटकी मिली थी । पुलिस ने अपनी जांच कई बिन्दुओं पर होना बताया था । घटना के लगभग पंद्रह दिन बाद पुलिस ने उसी आरोपी को पकड़ा जिस पर लड़की के परिजन और गांव की पंच आरोप लगा रहे थे । पुलिस ने 6 तारीख की रात ही आरोपी को घर से उठा लिया और धारा 306 आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में कार्यवाही करते हुए जेल भेज दिया ।
पुलिस की इस पुरी कार्यवाही के बाद भी कई सवाल ऐसे हैं जो रह रहकर सामने आते जा रहे है । लड़की को आत्महत्या के लिए उकसाया गया ये कैसे पता चला ? क्या कोई सुसाईड नोट मिला ? क्या किसी ने ये बात कही ? आरोपी ने कैसे लड़की को आत्महत्या के लिए उकसा दिया ? ऐसा क्या कहा आरोपी ने की लड़की ने आत्महत्या कर ली ? जब गांव की पंच ने दो अन्य युवकों के नाम भी लिए तो वे दोनों युवकों से पुलिस ने क्या पूछताछ की और उन्होंने क्या बताया ? जब दोनों लड़के ,आरोपी और लड़की रात दस बजे तक साथ में थे तो उसके बाद क्या हुआ ?
क्या दोनों लड़के आरोपी और लड़की को छोड कर चले गए थे ? क्या उन दोनों लड़कों ने पुलिस को बताया कि आरोपी और लड़की के बीच ऐसा क्या हुआ था जिससे लडकी ने आत्महत्या कर ली ? वो गमछा किसका था जिससे लड़की ने फांसी लगाया ? क्योंकि पहले ये कहा गया था कि गमछा आरोपी का है फिर पुलिस ने कहा गमछा लड़की के घर का था ? तो क्या लड़की को पहले से पता था कि उसे फांसी लगाना है इसलिए गमछा ले कर गई ?
और यदि गमछा लड़की के घर का नहीं था तो फिर किसका था ? क्या आत्महत्या के लिए उकसाने वाले को पता था कि अब लड़की आत्महत्या कर लेगी इसलिए गमछा लाकर दिया ? ऐसे कई सवाल सामने हैं जिनका जवाब पुलिस को देना चाहिए । क्या ये आत्महत्या है ? क्या आत्महत्या के लिए उकसाने के बाद ये घटना हुई या फिर मामला कुछ और है ।
आखिर पुलिस ने उसी युवक को पकड़ा जिस पर शुरू से आरोप लगाए जा रहे थे । तो फिर शुरू में ही जब गांव वाले , परिवार वाले और पंच उस युवक का नाम ले रहे थे तो पुलिस ने पहले ही गिरफतारी क्यों नहीं की ? क्यों पुलिस ने आरोपियों को खुला घुमने दिया ? यदि पुलिस ने जांच पूरी कर ली हेै तो फिर शायद कल या परसो फाईनल चालान और केस डायरी अदालत में प्रस्तुत कर देना चाहिए ? एक सवाल ये भी उठता है कि क्या वाकई आरोपी वहीं युवक है ? यदि वही है तो फिर इतने आराम से गांव में कैसे घुमते रहा ? क्या उसे गिरफतार होने का डर नहीं था ? और यदि नहीं था क्यों ?
बेलगहना चौकी प्रभारी दिनेश चंद्रा के द्वारा कहा गया कि – इस मामले में हम शुरू दिन से ही अपनी पुरी कोशिश में थे । हर पहलू पर जांच करने के बाद हमें परिवार वालों से भी दोनों के रिश्तों के बारे में जानकारी हुई थी । पीएम रिपोर्ट आने में थोड़ी देर हुई इसलिए रूकना पड़ा जैसे ही पीएम रिपोर्ट आई हमने कडिया जोड़ना शुरू किया और हमें जैसे ही लगा कि अब मामले का खुलासा हो जाना चाहिए हमने आरोपी को गिरफतार कर लिया ।
बहरहाल बेलगहना पुलिस बधाई की पात्र है जिन्होंने देर से ही सहीं मामले को सुलझाते हुए आरोपी को गिरफतार कर लिया । पुलिस का भय हर अपराध करने वाले पर होना ही चाहिए जिससे अपराध कम हों ।