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ग्रामीणों ने डिप्टी रेंजर की कर दी पिटाई ,फाड़े कपड़े और पिटते हुए लाए थाने ।

आरोप है कि डिप्टी रेंजर ने कुछ दिन पूर्व एक ग्रामीण की कि थी पिटाई ।

वन विभाग के उच्च अधिकारी कुछ भी कहने से बचते रहे ।

दबंग न्यूज लाईव
10 मई 2024 शुक्रवार ।

लोरमी – लोरमी वन विभाग के खुड़िया वन परिक्षेत्र में कार्यरत डिप्टी रेंजर प्रबल दुबे की कुछ ग्रामीणों ने आज शाम जबरदस्त पिटाई कर दी । पिटाई के दौरान डिप्टी रेंजर के कपड़े फाड़े गए और हद तो ये हो गई कि ग्रामीणों ने डिप्टी रेंजर को मारते हुए थाने तक ले आए । 

प्राप्त जानकारी के अनुसार खुड़िया वन परिक्षेत्र में तैनात डिप्टी रेंजर प्रबल दुबे की कुछ ग्रामीणों ने आज जबरदस्त पिटाई कर दी । डिप्टी रेंजर पर आरोप है कि उन्होंने कुछ दिन पूर्व एक ग्रामीण की पिटाई की थी जिसके बाद से ग्रामीण डिप्टी रेंजर से नाराज थे और आज मौका मिलते ही उन्होंने डिप्टी रेंजर की गंभीर रूप से पिटाई कर दी ।

पिटाई के बाद घायल डिप्टी रेंजर को सामुदायिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका ईलाज चल रहा है ।ग्रामीणों और डिप्टी रेंजर के बीच बिते दिनों हुए हाथी के शिकार के बाद से विवाद बढ़ गया था । सूत्रों की मानें तो पिछले दिनों सरगड़ी झिरिया क्षेत्र में एक हाथी की मौत करंट लगने से हुई थी जिसके बाद वन विभाग ने इस मामले के ग्रामीणों पर कार्यवाही की थी और  एक ग्रामीण के साथ गंभीर रूप से मारपीट का आरोप विभाग पर लगा था ।  इस विवाद के बाद ही ग्रामीणों में नाराजगी थी और इसी नाराजगी के हत्थे आज डिप्टी रेंजर चढ़ गए ।

अंदरूनी सूत्रों से ये भी जानकारी मिली कि डिप्टी रेंजर के साथ हुए हादसे के बाद एसडीओ और रेंजर भी थाने पहुंचे उस समय भी ग्रामीण काफी आक्रोशित थे और उनका गुस्सा अधिकारियों पर उतर जाता लेकिन थाने में मौजूद स्टाफ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सारे मामले को संभाला और एसडीओ रेंजर के साथ डिप्टी रेंजर को वहां से अस्पताल के लिए भेजा । जानकारी ये भी प्राप्त हुई है कि डिप्टी रेंजर ने शिकायत दर्ज करा दी है ।

खुड़िया रेंज के रेंजर कुजुर और एसडीओ सूर्यवंशी जी के नम्बर स्वीचऑफ आ रहे थे अब इन अधिकारियों ने क्यों अपने नम्बर बंद कर लिए ये नहीं पता जबकि ऐसे समय में इन अधिकारियों को  पुरे मामले की जानकारी अपने उच्च अधिकारियों को देने के साथ ही ग्रामीणों से भी बात करनी थी और जो भी विवाद थे उसका निराकरण करने चाहिए थे ।

दबंग न्यूज लाईव ने मुंगेली डीएफओ संजय यादव से बात की तो उनका कहना था – ग्रामीणों के साथ डिप्टी रेंजर का कुछ पुराना विवाद था जिसके कारण ये घटना घटित हुई है । विभाग अपने कर्मचारी के साथ है और उनके ठीक होते ही हम पुरे मामले में थाने में शिकायत दर्ज करवाएंगे ।

बहरहाल इस पूरे मामले में ये सबसे बड़ा सवाल है कि जंगल की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले वन विभाग के कर्मचारियों पर इस घटना का कैसा असर होता है ? क्या विभाग पूरे मामले की जांच करते हुए दोषियों पर कार्यवाही करने के लिए आगे आएगा ? ग्रामीणों और डिप्टी रेंजर के बीच पहले से कुछ विवाद की स्थिति थी और यदि विभाग को ये पता था तो उन्होंने पूरे मामले को सुलझाने की दिशा में क्यों पहल नहीं की ? यदि समय रहते वन विभाग और ग्रामीणों के बीच समझाईश हो जाती तो शायद ये घटना नहीं घटती , ऐसे में देखना होगा कि आने वाले समय में ये मामला कैसा रूख अख्तियार करता है ।

दुसरा पक्ष ग्रामीणों का भी है क्या विभाग अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए गरीब और कमजोर ग्रामीणों पर आरोप लगाकर उन्हें प्रतांडित करता है । यदि कोई आरोपी है तो उस पर कानून के तहत कार्यवाही होनी चाहिए ना कि उसके साथ बेरहमी से मारपीट । ग्रामीण और वन विभाग दोनों को मिलकर ही जंगल और वन्य जीवों को बचाने के लिए काम करना चाहिए ताकि ग्रामीण ,अधिकारी ,जंगल और वन्य जीव सभी शांतिपूर्वक अपना जीवन निर्वाह करें ।

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