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बीस साल में बिलासपुर ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्या पाया ? आंकड़े देख चोैंक जाएंगे ।

पंद्रह साल भाजपा की सरकार और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जिले से फिर भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में फिसड्डी जिला ।

डर ,भय और अफवाह के माहौल से बाहर निकलें , ना अफवाह फैलाएं ना उससे डरें । क्योंकि लोग बेचैन हो रहे हैं ।

 

दबंग न्यूज लाईव
गुरूवार 22.04.2021

 

बिलासपुर छत्तीसगढ़ प्रदेश बने बीस साल से ज्यादा हो गए । छोटे राज्य बनाने का एकमात्र उद्देश्य यही था कि छोटे राज्य में तरक्की बेहतर होने के साथ ही मानिटरिंग भी अच्छे से होती है । लेकिन यदि बीस साल के अरसे को देखें और खासकर इस दौर में जब स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग उठ रही है तो आप यकीन नहीं मानेंगे पिछले बीस साल में जिले में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ है ।

ये स्थिति और आंकड़े उस समय और भी विचलित करते हैं जब प्रदेश की कमान पंद्रह साल एक उस पार्टी के हाथ में रही जो सिर्फ विकास की ही बात करती है । और इस सरकार में स्वास्थ्य मंत्री इसी जिले से हुए । 2011 की जनसंख्या के हिसाब से बिलासपुर जिले की जनसंख्या 1625502 है जो निःसंदेह इन नौ सालों में और भी बढ़ी होगी लेकिन हम जो आंकड़े आज के दौर के बता रहे हैं उसको हमने 2011 की जनसंख्या से ही निकाला है यदि आज की जनसंख्या से निकाला जाए तो ये स्थिति और भी दयनीय हो जाएगी ।

जिले में 20 अप्रेल तक करोना के एक्टिव केस की संख्या 9773 थी याने 2011 के आंकड़ों से निकाला जाए तो जिले में मात्र 0.6 प्रतिशत लोग ही करोना संक्रमित हैं । अब बात करते हैं जिले मे स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं की ।

जिले में स्वास्थ्य विभाग की जो साईट में आंकड़े दिए गए हैं उसके अनुसार बिलासपुर में 31 सभी प्रकार के अस्पताल हैं जो इस समय कोविड संक्रमितों के उपचार के लिए तैयार हैं लेकिन यहां सुविधा क्या है इन आंकड़ों से समझिए । इन 31 अस्पतालों में नार्मल ,आक्सीजन सर्पोटेड और वेंटिलेटर बेड की कुल संख्या 1722 है । याने 9773 मरीजों की बात की जाए तो 17.6 प्रतिशत लोगों के लिए मात्र एक बेड की व्यवस्था है ।

इसमें आक्सीजन सपोर्टेड बेड की संख्या मात्र 388 है याने यदि 9773 करोना पाजिटिव को आक्सीजन बेड की जरूरत पड़ जाए तो 0.3 प्रतिशत के लिए आक्सीजन बेड की सुविधा है और यदि वेंटिलेटर बेड देखा जाए तो इन 31 अस्पतालों में मात्र 114 वेंटिलेंटर बेड हैं याने 9773 लोगों में 0.1 प्रतिशत को ही वेंटिलेटर बेड मिल सकते हैं ।

अब बात करते हैं क्या सभी 9773 लोगों को आक्सीजन और वेंटिलेटर की आवश्यकता है ? क्या सभी अस्पताल में भर्ती हैं ? नहीं । इनमें से अधिकतर घरों पर ही होम आईसोलेट हैं और दवाईयां लेकर रिकवर हो रहे हैं । तो फिर अस्पताल , बेड ,आक्सीजन और वेंटिलेटर के नाम पर बाजार में इतना अफवाह क्यों ?

सिम्स में सीटी स्कैन मशीन है लेकिन यहां नाममात्र का ही सीटी स्कैन हो रहा है जबकि प्रायवेट सीटी स्कैन वाले धड़ाधड़ दिन भर में चालिस से पचास सीटी स्कैन कर रहे है और बाहर सीटी स्कैन कराने का चार्ज चार हजार रूपए लगता है । इसी प्रकार प्रायवेट एम्बुलेंस पर किसी प्रकार का नियंत्रण नहीं है और उन्होंने मनमानी अपना दाम बढ़ा रखा है ।

दबंग न्यूज लाईव आपसे अपील करता है कि आप ना घबराएं ना ही अफवाहों पर ध्यान दें । लेकिन अपनी सुरक्षा करें और सावधानी रखें । मास्क और सेनेटाईजर का उपयोग करें और बाहर निकलने से बचें । यदि कोई भी स्वास्थ्यगत दिक्कत होती है तो डाक्टर से संपर्क करें , अपनी जांच करवाएं और दवाईयां लें । दिल दिमाग पर बेवजह डर ना समाने दें क्योंकि करोना से डरना नहीं लड़ना है । अपने अंदर इम्युनिटी पावर बढ़ाएं आप और हम सब स्वस्थ रहेंगे ।

सभी चित्र प्रतिकात्मक उपयोग किए गए हैं ।

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