शिक्षाकरगी रोडकोरबाबिलासपुरभारतरायपुर

मोहनभाठा मतलब क्या ?

एक अनोखी और सुकुन की जगह ,जहां होता है जन्नत का अहसास ।

मोहनभाठा जहां लगा रहता है लगभग सौ से अधिक प्रजातियों के पक्षीयों का आना जाना ।

दबंग न्यूज लाईव
रविवार 14.08.2022

Sanjeev Shukla

बिलासपुर – मोहनभाठा मतलब क्या ? यदि ये सवाल आम जनता से किया जाए तो उनके लिए बिलासपुर जिले का एक गांव , यदि कुछ और उपर जानकारों से किया जाए तो मोहनभाठा याने सेना की छावनी और यहां की कई एकड़ जमीन सेना के नाम पर दर्ज और गाहे बगाहे सेना के द्वारा सर्वे की जानकारी , यदि शासकीय रिकार्ड में देखा जाए तो भी एक गांव और यहां सेना की जमीन होना पाया जाएगा । लेकिन इन सबसे दिगर यदि पक्षी प्रेमियों से पूछा जाए तो उन सबका एक ही जवाब होगा ’जन्नत’ । मोहनभाठा याने प्रकृति का एक खुबसुरत उपहार ,पक्षीयों का बसेरा , दर्जनों विभिन्न प्रजातियों के पक्षीयों का आना जाना जिसमें स्थानीय से लेकर प्रवासी पक्षीयों को भी ये स्थान भाता है ।


मोहनभाठा की सैकड़ों एकड़ की जमीन सेना के नाम पर अवश्य है लेकिन हाल फिलहाल इसमें अवैध कब्जे होते जा रहे हैं । जमीन के साथ ही तालाबों पर भी कब्जा किया जा रहा है । इन अवैध कब्जों ने यहां आने वाले प्रवासी पक्षीयों के साथ ही स्थानीय पक्षीयों के रहवास में खलल डाला है । जहां पक्षीयों का आवास है वहां लोगों की आवाजाही है जिस तालाब के पानी पर पक्षी स्वच्छंद विचरण करते हैं वहां लोगों के मवेशी चरते हैं और नहाते हैं ।


मोहन भाठा में दर्जनों की संख्या में विभिन्न प्रजातियों के पक्षी अपना आवास बनाते हैं । यहां के मैदानी और जलाशय स्थलों में स्थानीय पक्षीयों के अलावा माईग्रेट पक्षीयों की भी संख्या काफी होती है । सबसे विशेष बात ये है कि यहां वेटलैंड भी है जिसमे वाटर बर्ड पाए जाते हैं , ग्रास लैंड भी है जिसमे मैदानी पक्षीयों की तादात बड़ी संख्या में है और फारेस्ट लैंड भी है जहां पेड़ों में रहने वाले पक्षी भी पाए जाते हैं ।


एक अध्ययन के अनुसार यहां लगभग सौ से एक सौ दस प्रजाति के पक्षी पाए जाते हैं जिनमें लगभग सत्तर से अस्सी प्रजाति स्थानीय पक्षीयों के हैं । इसके अलावा बीस से तीस माईग्रेट पक्षीयों का भी ये आवास है जो अपने गंतव्य की ओर जाते हुए यहां विश्राम करते हैं । और अपनी थकान मिटाने के बाद आगे के सफर में निकल जाते हैं ।


इनमें पेसिफिक गोल्डन प्लोवर , रफ , व्हीर्म्बल , सेंडपिपर , इजिप्शीयन वल्चर , इंडियन कर्सर , के अलावा कामन केस्ट्रल , व्हाईट आई बजर्ड , ब्लैक काईट ,रेड मुनिया ,ट्री कलर मुनिया ,सिल्वर बिल , कामन सेडपेपर , पेंटेड स्निप , यलो और रेड लैपिंग ,ग्रे फ्रेकोलिन , रेन क्वाईल जैसे पक्षी मुख्य है ।


ये क्षेत्र मैदानी पक्षीयों जैसे इंडियन कर्सर और लैपिंग बर्ड का प्रजनन क्षेत्र भी है । जहां ये प्रजनन करते हैं और अपने वंश को आगे बढ़ाते है लेकिन यहां हो रहे दखल ने इनके प्रजनन और वंश वृद्धि में भी रूकावट डाला है ।


बिलासपुर के वरिष्ठ पत्रकार और वाईल्ड लाईफ बोर्ड के पूर्व सदस्य प्राण चडढा का कहना था – “मोहनभाठा में सेना की लगभग चार सौ एकड़ से ज्यादा भूमि है जहां अवैध कब्जे हो रहे हैं सरकार को इसे मुक्त कराना चाहिए और पक्षीयों के लिए अनुकुल वातावरण बनाना चाहिए ।”

शासन और प्रशासन को चाहिए कि इस खुबसुरत और अनमोल जगह को पक्षीयों के लिए संरक्षित कर दिया जाए । यहां जितने भी अवैध कब्जे हैं उन्हें हटाया जाए और इस जगह को पक्षीयों के लिए आजाद करवाया जाए यदि ऐसा हो गया तो बिलासपुर जिले के लिए स्थान आने वाले समय में गौरव का विषय हो सकता है ।


आजादी के इस अमृत काल का लाभ इन पक्षीयों को भी मिल जाए तो ये काल वाकई में आजादी का अमृत काल हो जाएगा ।

Related Articles

Back to top button