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रेत की मलाई पर सबका हिस्सा बराबर बराबर फिर कौेन दुध फाड़े ।

जिले का खनिज विभाग चिर निद्रा में , इधर नदी तबाह कर डाले माफिया ।
अवैध रेत उत्खनन ने नदियों के अस्तित्व को खतरे में डाला ।

 

दबंग न्यूज लाईव
सोमवार 08.06.2020

 

जांजगीर – जांजगीर चाम्पा जिले सभी तहसील एवं ब्लॉकों में इन दिनों रेत माफियाओं का आतंक देखने को मिल रहा है इस क्षेत्र के नदियों के घाटों को पोकलेन व जेसीबी मशीनों के द्वारा छलनी कर दिया जा रहा है। लेकिन जिले के खनिज अधिकारी चिरनिद्रा में सोए हैं ।


नदियों के रेत को डंफरो एवम ट्रैक्टरों में ऐसे ले जाया जा रहा है जैसे उनकी निजी संपत्ति हो। ऐसा नहीं है कि जिले में बैठे खनिज विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है लेकिन रेत की मलाई तो सभी खा रहे हैं इसलिए धृतराष्ट्र की भुमिका का निर्वाह वे बड़े अच्छे से कर रहे हैं। हद तो तब हो जाती है जब पुरे ब्लॉकों एवं तहसील में घाट का परमिसन बनवाकर पुरे जिले के नदी के घाटों से अवैध वसुली जारी है।वो भी बिना रॉयटी के वह भी मनमानी रूप से जहाँ ट्रैक्टरों का अत्यधिक रेट लिया जा रहा है वही डंफरो का हजारो रुपये अवैध तरीके से वसूला जा रहा है। और जिस ग्राम पंचायत में ये रेत माफिया खुदाई कर रहे है उस ग्राम पंचायत को सूचना देना भी जरूरी नही समझ रहे है।

चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के चंदली,महादेवपली ,परसदा , काशिदिहि,गोपालपुर,बिलाईगढ़,सिरोली, डभरा क्षेत्र के कई गांव तथा अड़भार, सक्ति, जैजैपुर के नदियों से ये रेत का अवैध कारोबार चल रहा है। पर पता नही किसका भय जिले में बैठे अधिकारियों को है जो इन काले कारोबारों पर कार्यवाही करने से रोक रहा है। रेत माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि वे जिस गांव के नदियों के घाट से अवैध तरीको से रेत निकल रहे है वहाँ के ही लोगो से रेत कि राशि मांगी जा रही है। चंद्रपुर डभरा तहसील क्षेत्र में सिर्फ एक ही घाट के रेत निकालने की अनुमति इनके द्वारा शासन से लिया गया है जिसमे कि उक्त घाट में भी रेट निर्धारित है मगर वे यहाँ भी मनमानी रवैया अपना रहे है।


शासन प्रशासन को चाहिए कि इन नदियों के घाटों कि रक्षा करते हुए इन रेत माफियाओं पर कार्यवाही करें। वहीं चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के डभरा तहसील के बरघुड़ा चारपाली में रेत खदान कि जिम्मेदारी एक ठेकेदार को शासन द्वारा सौपा गया है पर ये ठेकेदार के आदमी रेत का ठेका दूसरी जगह का मिला है और वसुली दूसरी जगह कि मनमानी ढंग से वसूल रहे है। राशि तो मनमानी वसूल रहे है ऊपर से शासन का रॉयल्टी रसीद नही दिया जा रहा है। जिससे लोगो दो गुना चार गुना दामो में रेत खरीदना पड़ रहा है। ऊपर से ये रेत खदान के ठेकेदार नदी घाट में पोकलेन जेसीबी से रेत निकाल रहे है यहाँ पर भी इनके द्वारा पर्यावरण कि धज्जियां उड़ाई जा रही है ।


सुत्रो कि माने तो किसी भी नदी घाट में मशीनों द्वारा रेत का खनन नही करना है ऐसा पर्यवरण विभाग के गाइड लाइन कहती है । रेत घाट में कितने इंच तक रेत निकलना है इसका भी पर्यवरण विभाग से एक दिशा निर्देश दिया गया है। पर जांजगीर चाम्पा जिले के डभरा विकाशखण्ड में इसकी नियम कि धज्जियां उड़ाई जा रही है। रेत माफिया अपनी पुर पहुँच का फायदा उठाते हुए अपने तरीको से काम कर रहे है और शासन प्रशासन को ठेंगा दिखा रहे है। देखना होगा नदियों का इस तरह से दोहन कब बंद होता है ।

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