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गोह मामले में वन विभाग के सामने कई चुनौति ।

नाबालिगों का होगा बोन टेस्ट लेकिन जब तक रिपोर्ट नहीं आती करनी होगी मेहमाननवाजी ।

दबंग न्यूज लाईव
शनिवार 28.06.2025
बिलासपुर – बिलासपुर जिले में पिछले कुछ दिनों से तथाकथित गोह के शिकार और शिकारियों को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है । दो दिन पहले ही रायपुर ,बिलासपुर ,कोटा , तखतपुर ,रतनपुर और बेलगहना के वन विभाग की एक जम्बो टीम ने संदिग्धों के यहां सुबह सुबह छापा मारा था और पांच नाबालिग बच्चों को इस मामले में उठा कर वन विभाग के आफिस पूछताछ करने के लिए लाया गया था । इस पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए भी हुए हैं लेकिन बात करते हैं सिलसिलेवार इस घटना की ।


तखतपुर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाला मोहनभाठा का क्षेत्र अपने आप में वन्यजीव और पक्षी प्रेमियों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है । यहां हर समय स्थानीय और प्रवासी पक्षीयों की आवाजाही लगी रहती है । मानसून के मौसम के साथ ही यहां प्रवासी पक्षीयों का आना जाना शुरू हो जाता है ऐसे में फोटोग्राफरों का यहां जमावड़ा लगना शुरू हो जाता है ।


19 जून को मोहनभाठा का ये क्षेत्र तब फिर से चर्चा में आया जब बिलासपुर के दो फोटोग्राफरों ने विलुप्त हो रही प्रजाति गोह को पकड़ते हुए कुछ बच्चों की फोटो खिंची और उसे शोसल मीडिया में डालने के साथ ही वन विभाग को भी गोह के शिकार होने की जानकारी दी । इस महत्वपूर्ण जानकारी के बाद भी बिलासपुर वनमंडल और तखतपुर वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को मोहनभाठा पहुंचने में कई घंटे लग गए और इतने देर से आने में वन विभाग को ना तो बच्चे मिले और ना ही गोह लेकिन बच्चों की गोह के साथ फोटो वन विभाग को मिल चुकी थी और इसी के बाद बच्चों की तलाश जारी हुई ।


पता चला कि ये बच्चे कोटा के पास स्थित लालपूर के हैं ऐसे में वन विभाग ने 26 जून को सुबह सुबह यहां छापेमारी की और संदिग्धों को उठाकर ले आई । वन विभाग की पूछताछ में ये नाबालिकों ने अपना बयान देते हुए कहा कि वे मोहनभाठा गए थे यहां दो लोग मिले जिन्हें वे लोग नहीं जानते उन लोगों ने कहा कि गोह को पकड़ो तुम्हारी फोटो खिंचेगे और तुम्हें पैसे भी देंगे । बच्चों के बयान के बाद वन विभाग ने सभी पांचों नाबालिगों को बिलासपुर बाल न्यायालय में पेश किया लेकिन यहां बच्चों के आधार कार्ड की जन्म तारिख को मान्य नहीं करते हुए बोन टेस्ट के लिए लिख दिया गया याने कि जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक आगे की कार्यवाही वहीं पर रोक दी गई ।

अब वन विभाग के सामने सबसे बड़ी समस्या इन पांचों नाबालिगों को रखने की थी चूंकि बाल गृह इन्हें ले नहीं रहा था और बोन टेस्ट की रिपोर्ट भी सोमवार तक आनी है ऐसे में ये तीन चार दिन वन विभाग के सामने कठिन चुनौतियों वाले हैं । एक अधिकारी ने बताया कि यदि बच्चों को घर जाने देते हैं तो क्या पता आगे ये मिले भी या नहीं ऐसे में सभी बच्चों को सकरी स्थित वन चेतना केन्द्र मे उनके माता पिता के साथ ठहराया गया है ।

इस पूरे मामले में कई सवाल उठ रहे हैं जिनके जवाब आना बाकी है । क्या सचमूच लालपूर से ये बच्चे मोहनभाठा सिर्फ घूमने ही गए थे ? या फिर सांप , गोह या नेवला जैसे जीव पकड़ने ? क्या फोटोग्राफर ने सच में इन्हें पैसों का लालच दिया और फोटो खिंचा ? वन विभाग सूचना पर तत्काल क्यों मोहनभाठा नहीं पंहुच पाई ? दोनों ही स्थिति में मामला संवेदनशील है यदि ये बच्चे वाकई वन्य जीव के शिकार में लगे हैं तो ये गंभीर मामला है जैसा कि तस्वीरों से साफ जाहिर होता है तो ये गंभीर मामला है और यदि सिर्फ फोटो खिंचने के लिए पैसे देकर ऐसा कराया गया है तो ये भी गंभीर मामला है । बहरहाल ये देखना बाकी है कि इस पूरे मामले में वन विभाग कैसी कार्यवाही करता है । 

तखतपुर रेंजर ने बताया कि – इस पूरे मामले में शिकायतकर्ताओं को भी नोटिस जारी किया जा रहा है कि वे भी आकर अपना बयान दर्ज कराएं ।

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