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प्रदेश में आर्थिक हालत खराब और बारिश में भिगते करोड़ो के धान ।

समिति प्रबंधक एवं डीएमओ की तनातनी से नहीं हो रहा परिवहन

बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखंड के बलंगी समिति का मामला

दबंग न्यूज लाईव
गुरूवार 07.05.2020

 

बलरामपुर – बलरामपुर के वाड्रफनगर मे बलंगी धान समिति के हालात इन दिनों बहुत खराब है । बेमौसम हो रही बारिश ने धान समिति के प्रबंधक और जिम्मेदार अधिकारियां की गैरजवाबदारी और गैरजिम्मेदारी ने प्रदेश सरकार के करोड़ों के धान का सत्यानाश कर दिया । ऐसे लापरवाह अधिकारियों के रहते छत्तीसगढ़ सरकार के लिए धान खरीदी करना एक चुनौती हो गया है क्योंकि धान समिति को धान की सुरक्षा के पर्याप्त फंड दिया जाता है लेकिन अधिकारी उस फंड का उपयोग अपने लिए कर लेते हैं और प्रदेश के किसानों द्वारा उपजाई गई फसल को ऐसे बर्बाद कर देते हैं ।


सरकार व जिला प्रशासन सजग व सतर्क होकर किसानों के दानों को खरीदने में अपना पूरा योगदान दिया जिसको लेकर जिला प्रशासन के समस्त अधिकारी कर्मचारी और रात दिन ड्यूटी कर अपनी जवाबदेही को निभाया एवं कई तरह की राजनीतिक उठापटक भी देखने को मिला वहीं बलरामपुर जिले के बलंगी समिति में धान का उठाव ना होना एवं करोड़ों की लागत से खरीदी गई धान को बारिश के हवाले करना समझ से परे है जब इस संबंध में ’पत्रकरो ने समिति प्रबंधक से बात की गई तो गैर जिम्मेदाराना बयान’ देते हुए बताया कि मेरे द्वारा उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई है परंतु उठाओ ना होने की वजह से धान सड़ रहा है जबकि समिति में रखे धान के उठाओ से पूर्व सुरक्षा के संपूर्ण जवाबदेही समिति प्रबंधक की होती है जिसके लिए शासन समितियों को सुरक्षा फंड मुहैया कराती है ताकि धान को ’2 लेयर सुरक्षा कब्हर में रखा’ जाए जिससे धान खराब ना हो ।


इस संबंध में डी एम ओ बलरामपुर ने  बताया कि समिति में रखे धान का वजन तय मानक से कम है जब परिवहन किया जाता है तो समिति से उठाए गए धान का वजन काफी कम हो जाता है जिससे परिवहन कर्ता को नुकसान होता है । यही कारण है कि कोई भी परिवहन कर्ता बलंगी समिति का धान उठाव करने से बचना चाहते हैं ।
 वाड्रफनगर एसडीएम विशाल महाराणा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जांच करा रहे हैं जांच उपरांत उचित कार्रवाई की जाएगी सवाल यह उठता है कि धान खरीदे से पूर्व सरकार एवं प्रशासन एक-एक दाना की एवं एक-एक बोरी धान का पंजीयन एवं सत्यापन करते हैं ताकि किसी भी तरह से धान खरीदी में हेराफेरी ना हो सके परंतु इन सब के बावजूद भी करोड़ों के धान को पानी में भीगने के लिए छोड़ देना लाखों का घपले व सरकार को चूना लगाता हुआ नजर आ रहा है I

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