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पंडरिया विधायक ने की सरकार से शराब बंदी की मांग

कहीं मंहगी न पड़ जाए शराब बिक्री से राजरूव वसूली

जनहित में सरकारों को लेने चाहिए निर्णय

दबंग न्यूज लाईव
बुधवार 06.05.2020

कवर्धा- नोवले कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के गंभीर संकट के बीच प्रदेश सरकार द्वारा खोली गई सरकारी शराब दुकान को लेकर जहां प्रदेश की महिलाएं, प्रबुद्ध वर्ग तथा विपक्षी दल, केन्द्र व राज्य सरकार से तीखे सवाल कर रहा है वहीं अब सत्तारूढ़ दल कांग्रेस की पंडरिया विधायक श्रीमती ममता चन्द्राकर ने भी जनभावनो और शराब दुकानों के संचालन से देश व प्रदेश में कोविड-19 के संभावित खतरे को देखते हुए तत्काल शराब दुकाने बंद करने की मांग की है।

श्रीमती चन्द्राकर ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि प्रदेश सरकार ने तीसरे चरण के लॉक डाउन में लगभग 42 दिनों बाद एक बार फिर सरकारी शराब दुकानों खोलने की अनुमति दे दी है और चार मई से कोविड-19 के संक्रमण के लिहाज चिन्हांकित प्रदेश के सभी ग्रीन जोन, ओरेंज जोन और यहां तक की रेड जोन में भी शराब दुकानों का संचालन धड़ल्ले से प्रारंभ हो चुका है। इन शराब दुकानों में हर रोज हजारों की संख्या में मदिरा प्रेमी शराब खरीदने पहुंच रहे हैं, जो न तो कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए निर्धारित नियम कायदों का पालन कर रहे हैं और न ही किसी प्रकार की कोई सावधानी बरती जा रही है। ऐसे में कोविड-19 के घातक संक्रमण फैलने की प्रवल संभावनाएं नजर आ रही हैं।

श्रीमती चन्द्राकर ने कहा कि एक तरफ देश में देशव्यापी लॉक डाउन प्रभावशील, जिले में धारा 144 लागू उसके बाद भी सरकारें न तो लॉक डाउन का सही ढंग से पालन करा रही हैं और न ही धारा 144 के प्रति कोई गंभीरता दिखाई जा रही है जो निश्चित रूप से जनमानस के बीच सरकारों की जिम्मेदारी को लेकर सवाल भी खड़े कर रही है।

उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में शराब दुकान का संचालन सिर्फ राजस्व प्राप्ती के लिए किया जा रहा है ताकि इस संकट की घड़ी में राजस्व का उपयोग कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए किया जा सके। लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर शराब दुकानों में जुट रही इस भीड़ की वजह से संक्रमण फैल गया तो ऐसे राजस्व का क्या लाभ। पंडरिया विधायक श्रीमती ममता चन्द्राकर ने केन्द्र व राज्य सरकार से इस गंभीर विषय में जनमानस के कल्याण को देखते हुए तत्काल शराब दुकाने बंद कराए जाने की मांग की है।


महिलाओं में रोष व्याप्त
श्रीमती चन्द्राकर ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण की आहट के साथ करीब डेढ़ माह पूर्व देश व प्रदेश में शराब दुकानों को बंद करने की सार्वधिक खुशी महिलाओं में देखी गई थी। इस बीच 42 दिनों तक लगातार शराब दुकाने बंद रहने के महिलाओं सहित सभी ने बेहतर परिणाम देखें है। शराब बंदी से महिला प्रताडना, घरेलू हिंसा, बेवजह के लड़ाई झगड़े, अशांति, सड़क दुर्घटनाएं, आपराधिक गतिविधियां मानो सब कुछ थम सा गया था और इस संकट काल में भी चारों और सुख शांति नजर आ रही थी। लेकिन जैसे ही 4 मई से शराब दुकानों का संचालन शुरू हुआ एक बार फिर शराब का नशा लोगों के सिर चढने लगा है और शांति अशांति में बदलने लगी है। श्रीमती ममता चन्द्राकर ने कहा कि यह एक बेहतरीन अवसर है जब प्रदेश सरकार अपने चुनावी घोषणा के अनुरूप जनमानस से किए वायदे को पूरा कर सकती है।

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