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करगीरोड के 20 मजदूर पैदल ही मनेन्द्रगढ़ से कोटा की ओर निकले ।

कोटमी पंचायत इनकी व्यवस्था में लगा ।

भैंसाझार ,दोनासागर तथा खटेली गांव के मजदूर ,जितेन्द्र यादव ठेकेदार ने नहीं ली पूछ परख ।

 

दबंग न्यूज लाईव
सोमवार 30.03.2020

मरवाही – लाॅक डाउन के चलते अपने घरों से बाहर फंसे मजदूरों के सामने पैदल ही अपने घरों को लौटने का एकमात्र जरिया बचा है । इस दौरान रास्तों में प्रशासन , पंचायत और स्वयं सेवी लोग ऐसे पदयात्रियों की मदद के लिए सामने आ जाते हैं और शायद यहीं मदद और सहयोग इन पेैदल चलने वालों का सहारा बन जाता हो । कोटा क्षेत्र मे बाहर से पैदल चलकर अपने गांव और प्रदेश की ओर जाते मजदूरों की भारी संख्या आती है लेकिन कोटा के ही बीस मजदूर मनेन्द्रगढ़ से अपने घर कोटा के लिए पैदल ही निकल गए हैं ।


बीस मजदूरों के इस दल को अभी कोटमी सकोला गांव में प्रशासन ने रोका है और इनके खाने नास्ते की व्यवस्था कोटमी पंचायत के द्वारा   की जा रही है । मजदूरों ने बताया कि करगीरोड के ही एक ठेकेदार जितेन्द्र यादव ने इन्हें भुसी भरने के काम के लिए मनेन्द्रगढ़ में छोड़ा था लेकिन लाक डाउन के बाद ना ही मिल मालिक ने पूछ परख ली और ना ही ठेकेदार जितेन्द्र यादव ने ऐसे में इनके सामने वहां रहना मुश्किल होने लगा था और तब ये वहां से पैदल ही अपने घर कोटा के लिए निकल गए है ।


ठेेकेदार ने कोटा के आस पास के गांव भैंसाझार ,सकेरी ,खटोला ,तथा दोनासागर से इन मजदूरों को यहां भेजा था । याने अब यहां की पंचायतों के लिए चुनौति होने वाली है कि अब ये मजदूर वापस उनके पंचायत आने वाले हैं ऐसेे में ये पंचायत भी इनकी व्यवस्था के लिए तैयार रहे ।


प्रशासन को ऐसे ठेकेदारों पर भी अब कार्यवाही करनी चाहिए जो यहां से मजदूरों को कमीशन के चक्कर में मिल फैक्ट्री भेज तो देते है लेकिन संकट के समय इनकी जानकारी ना तो प्रशासन को देते हैं और ना ही स्वयं इनकी पूछ परख रखते हैं ।

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