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गुरूजी लोग ऐसे भड़कोगे तो कैसे काम चलेगा ?

गुरूजी लोगों को कोरोना टाईम में डयूटी करने के लिए होना 50 लाख का बीमा ।

 

दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 12.05.2020

 

रायपुर – प्रदेश के  शिक्षकों के विभिन्न संगठन इन दिनों भारी गुस्से में हैं । गुस्से की वजह है कोरोना संक्रमण काल में उनकी डयूटी को लेकर । कुछ संगठन तो इतने आक्रोशित हैं कि बकायदा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिख कर आंदोलन की धमकी दे डाले हैं । वैसे भी शिक्षक संघ और आंदोलन धरने का बड़ा गहरा रिश्ता है । सत्र शुरू होने के पहले , परीक्षा शुरू होने के पहले , चुनाव के समय , किसी आपदा के समय डयूटी लगाते समय या फिर कुछ ना हो तो अपने संविलियन और वेतन को लेकर ये आंदोलन मोड में रहते ही है । इस समय भी इनकी डयूटी कोरोना संक्रमण काल में क्वारंटाईन सेंटर में लगाई जाने लगी तो सभी एक साथ आंदोलन मोड में आ गए ।


छ.ग.प्राथमिक शिक्षक फडरेशन का कहना है कि पंचायत के सरपंच और सचिव कोैन होते हेै जो हमारी डयूटी लगाए । हमारी इज्जत का जरा भी ध्यान नहीं । सरपंच सचिव अपनी सीमा से बाहर जाकर कार्य कर रहें है । इन पर कार्यवाही की जाए फडरेशन ने सिर्फ इस बात पर सरपंच सचिव पर कार्यवाही की मांग कर डाली है कि सरपंच सचिव ने कैसे उनकी डयूटी क्वारंटाईन सेंटर में लगा दी ।


वहीं संयुक्त शिक्षक /शिक्षाकर्मी संघ ने भी एक पत्र मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही शिक्षा मंत्री और मुख्य सचिव को लिख कर अपनी नाराजगी जताई है । इस पत्र में भी गुरूजी लोगों का दर्द इस बात को लेकर छलक रहा है कि पंचायत कैसे गुरूजी लोगों की डयूटी लगा सकता है । पंचायत अपने स्तर से आगे बढ़ कर कार्य कर रहा है । वेेैसे इन लोगों को उस समय भी आपत्ति थी जब इनका पेमेट पंचायत के कहने पर निकलता था । अभी क्या हाल है पता नहीं ।
इस संघ ने तो सरकार से मांग कर ली है कि यदि हमारी डयूटी कोरोना संक्रमण काल में लगाई जाती है तो पहले 50 लाख का बीमा कव्हर करवाएं । और गुरूजी लोगों की डयूटी लगाने वाले सरपंच सचिव पर कड़ी कार्यवाही की जाए ।
अब बात करते हैं असल मुद्दो की । वो ये है कि गुरूजी लोग चाहते ही नहीं कि उनकी डयूटी इस संक्रमण काल के समय सेंटरों पर लगाई जाए । पिछले तीन माह से छुटटी मार रहे गुरूजी लोग नहीं चाहते कि सेंटर में डयूटी करें जब बिना काम किए ही वेतन मिल रहा हो तो कौन होगा जो काम करना चाहेगा ।
इस समय जब प्रदेश का हर नागरिक इस दौर में अपनी सहभागिता निभा रहा हो ये वर्ग अपने फायदे और मान सम्मान की बात कर रहा है । इन्हें समझना चाहिए कि अभी प्रदेश और देश संकट में है इस समय इनकी भी जिम्मेदारी बनती है कि वो भी अपना सहयोग करें ।
इस समय बहुत से एनजीओ और उनके वालिटियर , सोशल वालिंटियर , और सामाजिक संस्था के लोग बिना सरकारी मदद के खुद से लोगों की मदद कर रहे हैं क्या उन्होंने कभी अपने लाख दो लाख के भी बीमा कव्हर की बात सरकार से कही है ? मीडिया और पत्रकार इस दौरान हर पल की खबर लोगों तक पहुंचा रहे हैं क्या उन्होंने अपने बीमा की बात सरकार से की ? क्या डाक्टर , पुलिस और सफाईकर्मीयों ने अपने मान सम्मान और बीमे की बात लेटर जारी करके की ? नहीं ।
बहरहाल आंदोलन मोड में रहने वाले गुरूजी लोगों ने आंदोलन का बहाना तो ढूंढ ही लिया है । देखना है ये इस संक्रमण काल में डयूटी करते हैं या आंदोलन करते हैं ।

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