करगी रोडकोरबापेंड्रा रोडबिलासपुरभारतमरवाहीरायपुर

जब दस दिन शराब दुकान बंद नहीं रख सकते तो खाक शराबबंदी होगी ।

सरकार की दुकान तो खुलेगी लेकिन छोटे व्यापारियों का व्यापार ठप्प ।

लोग अपनी दुकानें रखें बंद लेकिन सरकार अपनी खोल देगी ।

 

दबंग न्यूज लाईव
शुक्रवार 03.04.2020

संजीव शुक्ला

बिलासपुर – प्रदेश में लाॅक डाउन के चलते सरकार ने शराब दुकानों को भी सील कर दिया था और ये तब तक रहना ही था जब तक लाॅक डाउन रहता लेकिन सी एस एम सी एल के विशेष आबकारी सचिव ने एक आदेश निकालकर चार लोगों की समिति बनाई है जो इस लाॅक डाउन के समय मदिरा दुकानों को खोलने पर अपनी रिपोर्ट देगी ।


याने प्रदेश में एक तरफ सरकार चाहती है कि छोटे व्यापारी और बाकी दुकानें बंद रहें लेकिन सरकार की शराब दुकान खुल जाए । सरकार को ये भी समझना चाहिए कि जब छोटे बड़े सभी व्यापारी अपनी दुकाने जनहित में बंद कर सकते है और नुकसान उठा सकते हैं तो फिर सरकार क्यों अपनी दुकान बंद नहीं रख सकती ।


आबकारी सचिव ने दुकान खोलने के पीछे  बड़ा ही बचकाना लेकिन मजेदार कारण बताया है । आबकारी सचिव ने शराब दुकानों को खोलने के पीछे जो कारण बताया उसके अनुसार – साहब को समाचार और मीडिया रिपोर्ट के द्वारा पता चला कि शराब की अनुपलब्धता के कारण मदिरा प्रेमीयों के द्वारा अवैध शराब के उपभोग के कारण राज्य में लोगों की मृत्यु हुई है तथा जिले में मदिरा प्रेमियों ने आत्महत्या किया है आत्महत्या का प्रयास किया है । कई मदिरा दुकानों से मदिरा प्रेमीयों ने शराब की चोरी की है । इसलिए इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए भविष्य में जान माल की नुकसानी ना हो इसके लिए चार सदस्यों की समिति बना दी गई है । याने ये समिति अब शराब दुकान खोलने के लिए अपनी रिपोर्ट देगी ।

हम तो आज तक यही सुनते आ रहे थे कि शराब पीने के बाद लोग नशे में अपराध करते हैं ये पहली बार सुन रहे कि शराब नहीं मिल रही तो लोग आत्महत्या कर रहे हैं । विभाग को ये आंकड़ा भी देना चाहिए था कि प्रदेश में इस दौरान कितने लोगों ने आत्महत्या की या इसकी कोशिश की ।

इस सबके बीच ये सवाल भी उठता है कि दस दिन शराब दुकान बंद रखने से प्रदेश में इतनी अफरा तफरी मच गई कि आबकारी सचिव को लाॅक डाउन के बीच में ये निर्णय लेना पड़ रहा है । प्रदेश में सिर्फ दस दिन के अस्थायी शराब बंदी ने चोरी , हत्या , आत्महत्या जैसे अपराध बढ़ गए । याने सरकार का पूर्ण शराबबदी की घोषण कभी पूरी हो ही नहीं सकती ।

वैसे पिछले दस दिन में हमने तो ये किसी अखबार में नही पढ़ा कि किसी ने शराब नहीं मिलने पर आत्महत्या की हो या उसकी कोशिश की हो । शराब दुकान से जरूर शराब चोरी की घटना सामने आई है लेकिन यहां भी मदिरा प्रेमियों ने नही ंउसी दुकान के कर्मचारियों ने ताला तोड़ा और शराब बेचा है । ऐसे में पूरा ईल्जाम मदिरा पे्रमियों पर डालकर उनके बहाने अपनी दुकान खोलने का खेल नजर आ रहा है ।

एक जानकारी के अनुसार पिछले दस दिनों से बंद शराब दुकान से सरकार को करोड़ों के राजस्व की हानी हो रही है और सरकार ये नुकसान सहना नहीं चाहती इसलिए ये उटपटांग कारण बता रही है । ताकि शराब दुकानें खुल जाए और राजस्व का आना शुरू हो ।

सरकार को चाहिए कि लाॅकडाउन के समय तक अपनी शराब की दुकानें बंद रखे । जब पुरी जनता , व्यापारी इस संकट के समय एक साथ हैं तो सरकार अपनी दुकान खोल कर इनके मनोबल को ना तोड़े ।

और यदि प्रदेश में लोग बिना शराब के नहीं रह सकते , शराब ना मिलने पर चोरी और आत्महत्या जैसे कदम उठाने लगे और सरकार को दस दिन के बंद के बाद ही समिति बनानी पड़ जाए कि क्या लाॅक डाउन के बीच दुकान खोल दी जाए तो फिर सरकार को शराबबंदी के अपने चुनावी वादे को अपने घोषणा पत्र से हटा देना चाहिए ।

Related Articles

Back to top button