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पाटिल इफ्रास्ट्रक्चर में बाहर के कर्मचारी कैसे आ गए ?

जब रेल सड़क सब मार्ग बंद तो कैसे आए मध्यप्रदेश के दो कर्मचारी ।

दबंग न्यूज लाईव
शनिवार 25.04.2020

करगीरोड कोटा – लाॅक डाउन के समय प्रदेश में सारी यातायात सेवाएं बंद है । प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने भी प्रथम लाॅक डाउन खुलने की संभावना को देखते हुए कहा था कि लाॅक डाउन को आगे बढ़ाया जाना चाहिए और अंतरराज्यी यातायात शुरू नही होना चाहिए यदि ऐसा होता है तो बाहरी प्रदेश के लोग यहां आने शुरू हो जाएंगे और इससे स्थिति बिगड़ सकती है । लेकिन कोटा स्थिति स्लीपर फैक्ट्री को दो दिन पहले छुट क्या मिली उसने मध्यप्रदेश से अपने दो कर्मचारियों को बुला लिया । अंदरूनी सूत्रों की मानें तो एक कर्मचारी सत्रह तारीख को मध्यप्रदेश से कोटा पहुंचा तो दुसरा कर्मचारी बाईस तारीख को । जानकारी ये भी प्राप्त हुई है कि ये दोनो कर्मचारी मध्यप्रदेश के शहडोल से मालगाड़ी में बैठकर कोटा पहुंचे हैं ।

सरकार ने फैक्ट्री को छुट बाहर से कर्मचारी और लेबर लाकर काम करने के लिए नहीं दिया है । लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन सरकार के आदेशों के साथ ही कोटा के स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ करने में लगा है । यहीं के एक कर्मचारी ने इसकी शिकायत की तो फैक्ट्री प्रबंधन ने पूरे मामले में लीपा पोती शुरू कर दी । जानकारी ये भी मिली है कि प्रबंधन ने दो दिन पहले ही आए अपने एक कर्मचारी का स्वास्थ्य सर्टिफिकेट भी बनवा लिया है ।
आज कोटा के प्रशिक्षु आईएएस देवेश ध्रुव फैक्ट्री इसी मामले की जांच के लिए पहुंचे तो प्रबंधन ने अपना राग अलाप दिया कि कोई भी बाहर से नहीं आया है सभी लाॅक डाउन के पहले से ही यहां रह रहे हैं । अब छुट मिली है तो काम कर रहे हैं ।

कोटा कांग्रेस के नेता कुलवंत सिंह का कहना था – यदि प्रबंधन ने लोगों को बुलाया है तो ये गंभीर विषय है इसकी जांच होनी चाहिए और जांच में यदि ये पता चलता है कि दो कर्मचारी बाहर से आए है इस समय तो कड़ी कार्यवाही प्रबंधन पर होनी चाहिए ।

दबंग न्यूज लाईव ने प्रशिक्षु आईएएस देवेश ध्रुव से इस पूरे मामले में बात की तो उनका कहना था – ये जानकारी मिली थी कि दो लोग बाहर से आए हैं हमने वहां पता किया तो प्रबंधन का कहना था कि ये कहीं बाहर नहीं गए है यहीं है । फिर भी उन्हें सवाधानीवश चोैदह दिन के लिए क्वांरंटाईन कर दिया जाएगा ।

दबंग न्यूज लाईव को अपने विश्वस्त सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार यहां दो कर्मचारी बाहर से आए हुए है । यदि प्रबंधन ये कहता है कि ये दोनों कर्मचारी लाॅक डाउन यानी 22 मार्च के पहले से यहां हैं तो प्रबंधन के इस दावे की जांच होनी चाहिए ।

दबंग न्यूज लाईव के सवाल ?

इन दोनों कर्मचारियों के मोबाईल की लोकेशन जांचनी चाहिए कि ये पिछले 22 मार्च से कहां थे ? कंपनी में लगे सीसीटीवी फुटेज की भी जांच करनी चाहिए कि क्या प्रबंधन सच बोल रहा है ? ये दोनों कहां और किसके साथ रूके थे उनके नाम लेकर उनकी भी जांच करनी चाहिए ? और ये भी जांच करनी चाहिए कि जिनके साथ से थे क्या उस समय सभी लोगों के मोबाईल की लोकेशन एक जगह फैक्ट्री में ही थी ? इन सभी बिंदुओ पर विशेष जांच होनी चाहिए और यदि प्रबंधन झुठ बोल रहा है तो उस पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए । ये नियम कायदों की अनदेखी करने के साथ ही पूरे नगर के साथ खिलवाड़ का मामला बनता है ।
यदि 22 मार्च से ये दोनों कर्मचारी यहीं है तो फिर 14 दिन के क्वारंटाईन करने का तो सवाल ही नही उठता क्योंकि प्रबंधन के हिसाब से तो ये पिछले एक माह से ज्यादा समय से ना तो कहीं निकले है और ना ही किसी से मिले हैं ।
बहरहाल इतना तय है कि प्रबंधन कुछ छुपा तो जरूर रहा है , वैसे भी प्रबंधन का इतिहास झुठ और बरगलाने पर ही टिका हुआ है । पहले नगर के पूरे पहाड़ को अवैध ढंग से काट दिया जानकारी पर कहा कि रेलवे से परमिशन है बाद में लाखों का पेनाल्टी भरा । लेकिन ये मामला उस मामले से भी बड़ा है इसलिए गंभीरता से जांच होनी चाहिए ।

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