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बिजली व्यवस्था से परेशान मुुंगेली सेतगंगा के लोग ।

हर एक घंटे में होती है अघोषित लाईट कटौती ।

दबंग न्यूज लाईव
शनिवार 30.05.2020

 

रुपेन्द भास्कर 
 मुंगेली मो 8461006685

 

मुंगेली-सेतगंगा- छ.ग. में बिजली सरप्लस होने के बावजूद सेतगंगा फास्टरपुर परीक्षेत्र में बिजली कि आपूर्ति की व्यवस्था चरमरा गयी है इसके उपरांत अघोषित बिजली कटौती कि जा रही है इससे लोगो की नींद उड गयी है। गर्मी के दिनो में भी बरसात के समान हो रही रूक-रूक के वर्षा के कारण उमस व गर्मी से लोगो को राहत नहीं मिल पा रही है ।

सेतगंगा फास्टरपुर परिक्षेत्र में बिजली दिन में 15-20 बार एवं रात्री में 2-3 बार अघोषित कटौती कि जाती है। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है। गर्मी के दिनों में नालियो की नियमित सफाई नही होने के कारण व घर के आस-पास गंदगी के कारण मच्छरों का प्रकोप दिन ब दिन बड़ते जा रहे है। वही सांप और बिच्छु का भी भय बना रहता है। बिजली विभाग के उदासीनता के कारण सेतगंगा परिक्षेत्र में अघोषित बिजली कटौती से लोग हलाकान व परेशान है।

राज्य शासन द्वारा बरसात के पूर्व बिजली मेंटनेस के नाम से बड़े पैमाने पे राशि आंबटित की जाती है। उसके बाद भी सेतगंगा में स्थापित सबस्टेशन में लगे उपकरण पूरे कण्डम हो चुके है। जिसके चलते केन्द्र में पांचो फिडर को डारेक्ट कनेक्शन कर दी गई है। हल्की आंधी व बारीस में बिजली आपूर्ती बंद कर दी जाती है। रात्रि 9-10 बजे बिजली बंद होने के बाद क्षेत्र में पदस्थ अधिकारी एवं लाईनमेंनो से सम्पर्क करने पर उनका मोबाईल हमेशा बंद रहता है। और कही इस्तफाक से मोबाईल से सम्पर्क भी हो गया तो उनके द्वारा संतोषपद जवाब नही दी जाती है। सेतगंगा फास्टरपुर में लगभग 10-12 साल से कनिष्ठ यंत्री कार्यालय स्थापना की गई है जो भगवान भरोसे संचालित है। 

ज्ञात हो कि सबस्टेशन फास्टरपुर सेतगंगा को 5 फिडर-सेतगंगा, पौनी, माराडबरी, फास्टरपुर, मौहार। सबस्टेशन सेतगंगा के अंतर्गत 55-60 गांवो में बिजली आपूर्ति की जाति है। हल्की आंधी व तूफान में सबस्टेशन में लगे बिजली उपकरण कंडम हो जाने के कारण आऐदिन अघोषित बिजली कटौती एवं लो वोल्टेज की समस्या से लोग परेशान व हलाकान है। बिजली बंद होने से सबसे अधिक नुकशान मोबाईल शॉप, इलेक्ट्रीकल्स, आटा चक्की, धान मील, डेयरी के संचालको को नुकसान सहना पड रहा है। सबस्टेशन सेतगंगा एवं विघुत मंडल मुंगेली जिला अधिकारीयों से इस संदर्भ में चर्चा करने पर उनके द्वारा केवल कोरा आश्वासन दिया जाता है। बिजली के बंद होने से लोगो के सामने पेयजल कि संकट विकराल होती जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश हेंड पंपों में मोटर लगा दिया गया है। बिजली बंद होने से मोटर नहीं चल पाता अनेक लोग बिजली बंद होने से दुरदराज से पानी ला कर पीने के लिए उपयोग में लाते है। प्रतिवर्ष शासन की तरफ से बिजली की मेंटनेंस के लिए लाखों रूपये खर्च की जाती है।

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