एक आदमी के दर्जन भर से ज्यादा आधार कार्ड । आधार कार्ड में भी होने लगी धांधली ।
फर्जी आधार कार्ड से फर्जी सीम लेकर उत्तर प्रदेश भेजने वाले रैकेट का पर्दाफाश ।

दबंग न्यूज लाईव
शनिवार 08.03.2025
कबीरधाम – यूनिक आईडेफिकेशन नम्बर यानी विशिष्ट पहचान संख्या यानी ऐसा नम्बर जो एक इंसान का सिर्फ एक ही होगा । दावा ये कि इस आधार कार्ड का ना तो फर्जीकरण हो सकता है और ना ही दूसरा बन सकता है लेकिन कवर्धा पुलिस ने जिस शख्स को पकड़ा है उसके पास उसके खुद के एक दो नहीं तेरह फर्जी आधार कार्ड मिले और उसके ऐसे ही फर्जी आधार कार्ड के बल पर सीम कार्ड ले लिए और इन सीम कार्डो को मोटे दामों में उत्तर प्रदेश में किसी को बेचने लगा ।
ये सनसनीखेज मामला तब सामने आया जब कवर्धा पुलिस ने फर्जी सीम सप्लाई करने वाले मास्टर माइंड को बेमेतरा से गिरफतार किया । साईबर अपराधों को रोकने की दिशा में पुलिस सक्रीयता से काम कर रही है वैसे भी इन दिनों साईबर अपराध काफी बढ़ चुके है ।
कबीरधाम पुलिस ने कल ही भूपेंद्र जोशी एवं दुष्यंत जोशी नामक दो एजेंटों को गिरफ्तार किया गया था, जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम कार्ड जारी कर साइबर ठगों को बेचते थे। उनसे पूछताछ के दौरान करन चंद्राकर का नाम सामने आया। पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि करन चंद्राकर बेमेतरा जिले का निवासी है और अब तक 100 से अधिक फर्जी सिम कार्ड उत्तर प्रदेश में सक्रिय मास्टरमाइंड को कोरियर के माध्यम से भेज चुका है।
इस जानकारी के बाद कवर्धा पुलिस ने एक टीम का गठन किया और अपने मुखबीरों को भीे काम पर लगा दिया गुप्त सूचना एवं तकनीकी विश्लेषण के आधार पर करन चंद्राकर को ट्रैक किया गया और उसे बेमेतरा जिले से गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह उत्तर प्रदेश में मौजूद मास्टरमाइंड के संपर्क में था और लंबे समय से फर्जी सिम कार्डों की सप्लाई कर रहा था। पुलिस जांच में सामने आया कि करन चंद्राकर बेमेतरा जिले का निवासी है और पिछले कुछ वर्षों से फर्जी सिम कार्ड जारी कर साइबर ठगी गिरोह को बेच रहा था।
शुरुआत में वह उत्तर प्रदेश के मास्टरमाइंड के लिए अकेले यह काम कर रहा था, लेकिन बाद में उसने भूपेंद्र और दुष्यंत को अपने साथ जोड़ लिया। धीरे-धीरे भूपेंद्र और दुष्यंत ने खुद मास्टरमाइंड से सीधा संपर्क कर लिया और सीधे ही फर्जी सिम कार्ड सप्लाई करने लगे, जिससे करन चंद्राकर को नजरअंदाज किया जाने लगा।
करन चंद्राकर ने पुलिस को बताया कि अब तक वह 100 से अधिक फर्जी सिम कार्ड मास्टरमाइंड तक कोरियर के माध्यम से भेज चुका है। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि करन चंद्राकर ने फर्जी आधार कार्ड बनाकर खुद के नाम के अलग-अलग पहचान पत्र तैयार कर लिए थे।